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स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जताई नाराजगी, आरएचओ को कारण बताओ नोटिस

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की बारीकी की समीक्षा की. इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि संस्थागत प्रसव में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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Published : Jul 27, 2019, 8:25 AM IST

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक

बलौदा बाजार: स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जिले में संस्थागत प्रसव की उपलब्धि पर नाराजगी जाहिर की है. मैराथन बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की बारीकी की समीक्षा की. कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक

कलेक्टर ने मैराथन बैठक में कहा कि प्रसव के दौरान महिला और शिशु की सुरक्षा के लिए ही जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने की योजना चलाई जा रही है.

कठोर कार्रवाई करने के निर्देश

कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वाय के शर्मा को जिला कार्यक्रम प्रबंधक, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक, आरएचओ, एएनएम समेत मितानिन आदि पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जिला और विकासखंड स्तर पर कार्यरत कार्यक्रम अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर भी असंतोष जाहिर की है.

संस्थागत प्रसव की सुविधा न मिलने से निराशा
कलेक्टर ने 2018-19 में घरों में हुए 924 प्रसव पर कहा कि बलौदाबाजार जैसे मैदानी इलाके में महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधा न मिल पाना निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कार्यक्रम की निगरानी रखने वाले लोग सचेत नहीं हुए और 2019-20 में अब तक 80 प्रसव घर में हो गए हैं, यह बड़ी विफलता है. शासन द्वारा वेतन, प्रोत्साहन राशि, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण के लिए एक बड़ा बजट दिया जा रहा है. इसके बावजूद कार्य संतोषजनक नहीं है.

आरएचओ को कारण बताओ नोटिस
कलेक्टर ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों में 2018-19 में शून्य संस्थागत प्रसव और घरों में प्रसव अधिक हुआ है. उन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला और पुरुष आरएचओ को कारण बताओ नोटिस दिया जाए.

बलौदा बाजार: स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जिले में संस्थागत प्रसव की उपलब्धि पर नाराजगी जाहिर की है. मैराथन बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की बारीकी की समीक्षा की. कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक

कलेक्टर ने मैराथन बैठक में कहा कि प्रसव के दौरान महिला और शिशु की सुरक्षा के लिए ही जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने की योजना चलाई जा रही है.

कठोर कार्रवाई करने के निर्देश

कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वाय के शर्मा को जिला कार्यक्रम प्रबंधक, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक, आरएचओ, एएनएम समेत मितानिन आदि पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जिला और विकासखंड स्तर पर कार्यरत कार्यक्रम अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर भी असंतोष जाहिर की है.

संस्थागत प्रसव की सुविधा न मिलने से निराशा
कलेक्टर ने 2018-19 में घरों में हुए 924 प्रसव पर कहा कि बलौदाबाजार जैसे मैदानी इलाके में महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधा न मिल पाना निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कार्यक्रम की निगरानी रखने वाले लोग सचेत नहीं हुए और 2019-20 में अब तक 80 प्रसव घर में हो गए हैं, यह बड़ी विफलता है. शासन द्वारा वेतन, प्रोत्साहन राशि, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण के लिए एक बड़ा बजट दिया जा रहा है. इसके बावजूद कार्य संतोषजनक नहीं है.

आरएचओ को कारण बताओ नोटिस
कलेक्टर ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों में 2018-19 में शून्य संस्थागत प्रसव और घरों में प्रसव अधिक हुआ है. उन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला और पुरुष आरएचओ को कारण बताओ नोटिस दिया जाए.

Intro:बलौदाबाज़ार - स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जिले में संस्थागत प्रसव की कम उपलब्धि पर नाराजगी व्यक्त की है. मैराथन बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की बारीकी से समीक्षा की. उन्होंने शत प्रतिशत से संस्थागत प्रसव पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. Body:उन्होंने कहा कि प्रसव के दौरान महिला और शिशु की सुरक्षा के लिए ही जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने की योजना चलाई जा रही है. इसे मज़ाक न बनाएं. उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वाय के शर्मा को निर्देश दिए कि इसके लिए प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी तय करते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक ,आर एच ओ ,ए एन एम,मितानिन आदि पर कठोर कार्रवाई करें. जिला और विकासखंड स्तर पर कार्यरत कार्यक्रम अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर भी असंतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्र्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन पर निगरानी रखने और गैर चिकित्सकीय काम में डॉक्टरों के सहयोग के लिए उनकी नियुक्ति की गई है. लेकिन संस्थागत प्रसव के आंकड़ों से स्पष्ट है कि इनके द्वारा कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने 2018-19 में घर में हुए 924 प्रसव पर कहा कि बलौदाबाज़ार जैसे मैदानी जिले में महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधा न मिल पाना निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कार्यक्रम की निगरानी रखने वाले लोग सचेत नहीं हुए और 2019-20 में अब तक 80 प्रसव घर में हो गए. ये बड़ी विफलता है. शासन द्वारा वेतन,प्रोत्साहन राशि ,प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण के लिए एक बड़ा बजट दिया जा रहा है. इसके बावजूद कार्य संतोषजनक नहीं है. कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों में 2018-19 में शून्य संस्थागत प्रसव और घर में प्रसव अधिक हुआ है. उन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला और पुरुष आर एच ओ को कारण बताओ नोटिस दें. उनको लगतार शिकायतें मिल रही हैं कि स्वास्थ्य अमला अपने पदस्थापना वाले स्थान पर निवास नहीं कर रहा है. उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मुख्यालय में निवास करने के निर्देश भी दिए हैं. जिला और ब्लॉक् स्तर पर नियुक्त कार्यक्रम प्रबंधकों की अपने क्षेत्र में कितनी पकड़ है ये उपलब्धियों में झलक रहा है.

Conclusion:बाईट - कार्तिकेय गोयल - कलेक्टर
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