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भााटापारा: आवास की मांग को लेकर धरने पर बैठा परिवार

सुभाष वार्ड निवासी सतीश यादव का परिवार इस कड़ाके की ठंड में तिरपाल डालकर खुले में रहने को मजबूर है. जिसके बाद सतीश अब आवास की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं.

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Published : Dec 27, 2020, 2:41 AM IST

Family sitting on dharna
आवास की मांग को लेकर धरने पर बैठा परिवार

बलौदाबाजार: भाटापारा के सुभाष वार्ड निवासी सतीश यादव, जिसे 2018 में छत्तीसगढ़ सरकार ने पट्टा जारी किया था, साथ ही आवास योजना में आवास भी स्वीकृत किया था. जिसके बाद सतीश ने अपना घर बनवाना शुरू कर दिया था. लेकिन पट्टे की जांच होने की बात कहकर नगर पालिका ने निर्माण कार्य को रोक दिया. जिसकी वजह से आज 9 महीने बाद भी सतीश का परिवार इस कड़ाके की ठंड में तिरपाल डालकर खुले में रहने को मजबूर है.

आवास की मांग को लेकर धरने पर बैठा परिवार

9 महीनों में सतीश ने पालिका से लेकर जनप्रतिनिधि और राजस्व विभाग के कई चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला. न तो पट्टे की जांच हुई, न ही आवास निर्माण के लिए राशि जारी हुई. थक हारकर सतीश ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना संगठन का सहयोग लेकर न्याय पाने के लिए नगर पालिका के दरवाजे के सामने धरना दे दिया.

पढ़ें: बीजेपी नेताओं के साथ अटल आवास के लोगों ने दिया धरना

निर्माण को लेकर आई थी आपत्ति: सीएमओ

मामले में नगर पालिका सीएमो आशीष तिवारी का कहना है कि निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी. जिसकी जांच के लिए एसडीएम कार्यालय को पत्र लिखा गया. लेकिन वहां से केवल उचित कार्रवाई करने का जवाब मिला है. जैसे ही पट्टा सही होने की पुष्टि होगी, हितग्राही को तुरंत आवास योजना की राशि उपलब्ध कराकर काम शुरू करा दिया जाएगा.

फंसता दिख रहा प्रशासन

इस मामले में प्रशासन खुद फंसता दिख रहा है. क्योंकि जब राज्य सरकार ने सतीश को 2018 में पट्टा जारी किया, तब इसके साथ सैकड़ो परिवारों को भी पट्टा दिया गया था. ऐसे में केवल सतीश को जारी किए गए पट्टे की ही जांच क्यों. फिलहाल प्रशासन के इस रवैये के चलते सतीश का परिवार बेहद परेशान है. अब देखना है कि कब तक इस परिवार को न्याय मिल पाता है.

बलौदाबाजार: भाटापारा के सुभाष वार्ड निवासी सतीश यादव, जिसे 2018 में छत्तीसगढ़ सरकार ने पट्टा जारी किया था, साथ ही आवास योजना में आवास भी स्वीकृत किया था. जिसके बाद सतीश ने अपना घर बनवाना शुरू कर दिया था. लेकिन पट्टे की जांच होने की बात कहकर नगर पालिका ने निर्माण कार्य को रोक दिया. जिसकी वजह से आज 9 महीने बाद भी सतीश का परिवार इस कड़ाके की ठंड में तिरपाल डालकर खुले में रहने को मजबूर है.

आवास की मांग को लेकर धरने पर बैठा परिवार

9 महीनों में सतीश ने पालिका से लेकर जनप्रतिनिधि और राजस्व विभाग के कई चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला. न तो पट्टे की जांच हुई, न ही आवास निर्माण के लिए राशि जारी हुई. थक हारकर सतीश ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना संगठन का सहयोग लेकर न्याय पाने के लिए नगर पालिका के दरवाजे के सामने धरना दे दिया.

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निर्माण को लेकर आई थी आपत्ति: सीएमओ

मामले में नगर पालिका सीएमो आशीष तिवारी का कहना है कि निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी. जिसकी जांच के लिए एसडीएम कार्यालय को पत्र लिखा गया. लेकिन वहां से केवल उचित कार्रवाई करने का जवाब मिला है. जैसे ही पट्टा सही होने की पुष्टि होगी, हितग्राही को तुरंत आवास योजना की राशि उपलब्ध कराकर काम शुरू करा दिया जाएगा.

फंसता दिख रहा प्रशासन

इस मामले में प्रशासन खुद फंसता दिख रहा है. क्योंकि जब राज्य सरकार ने सतीश को 2018 में पट्टा जारी किया, तब इसके साथ सैकड़ो परिवारों को भी पट्टा दिया गया था. ऐसे में केवल सतीश को जारी किए गए पट्टे की ही जांच क्यों. फिलहाल प्रशासन के इस रवैये के चलते सतीश का परिवार बेहद परेशान है. अब देखना है कि कब तक इस परिवार को न्याय मिल पाता है.

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