बलौदाबाजार: जिला मुख्यालय में कचरे के ढेर में एक्सपायरी बीयर मिली है. बिना नष्ट किए ही बीयर की बोतलों को जमीन में गाड़ दिया गया था. वेयर हाउस से एक्सपायरी डेट की बियर को कचरे के ढेर में जमीन में दबाकर छोड़ दिया. जिसकी भनक लगने पर भरसेला निवासी युवकों ने बियर का सेवन करना शुरू कर दिया. जिससे वे बीमार होने लगे. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. JCB से जमीन खोदकर देखा तो जमीन से लगभग एक ट्रक बियर निकलने लगी. जिससे आबकारी विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है.
मामला जिला मुख्यालय स्थित वेयर हाउस का है. लगभग एक ट्रक बियर जो कि एक्सपायरी हो गई थी,. उसे नष्ट करने की बजाय जमीन में गाड़ दिया गया. जिसे मुख्यालय से लगे भरसेला गांव के ग्रामीण निकाल कर पीने लगे. अचानक एक युवक की तबियत खराब होने पर इसकी जानकारी आग की तरह पूरे शहर में फैल गयी. जब कचरे की ढेर के नीचे जमीन को JCB से खोदा गया तो हजारों बियर का जखीरा मिला. नियम के मुताबिक एक्सपायरी बियर को नष्ट किया जाता है. लेकिन आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने इसे बिना नष्ट किए इसे जमीन में दबा दिया था. गांव के कुछ युवकों को इसकी भनक लगी और वे जमीन से खोदकर बियर की बोतल निकालने लगे. युवकों की तबियत बिगड़ने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ.
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मौके पर नही पहुंचे जिला आबकारी अधिकारी
मामले की खबर जब स्थानीय विधायक प्रमोद शर्मा को लगी. तो वे अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. जहां का नजारा देखकर वे भी दंग रह गए. विधायक प्रमोद शर्मा ने मौके पर आबकारी अधिकारी आशीष कोसम को बुलाया लेकिन वो मौके पर नहीं पहुंचे. आबकारी अधिकारी ने खानापूर्ति करते हुए आबकारी इंस्पेक्टर को भेज दिया. जिसके बाद विधायक और आबकारी इंस्पेक्टर के बीच जमकर जुबानी जंग शुरू हो गई. इधर मामले से पल्ला झाड़ते हुए आबकारी इंस्पेक्टर भी मौके से चलते बने.
विधायक प्रमोद शर्मा ने आबकारी विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये गंभीर लापरवाही है. इसके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. काफी हंगामे के बाद आबकारी विभाग 1 घंटे बाद पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा और खाना पूर्ति के लिए पंच नामा कर एक्सपायरी बियर को निकाल कर ले जाया गया. भरसेला गांव के सरपंच ने भी आबकारी अधिकारी पर गंभीर लगते हुए कहा कि बियर को कचरे के ढेर में दबाने से पहले ना ही सरपंच को बताया गया और ना ही अनुमति ली गयी थी. अब ऐसे में सवाल उठता है कि इतने बड़े गैरजिम्मेदाराना रवैये पर कब तक आबकारी विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होती है.