बलौदाबाजार: किसानों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं, बारिश, गर्मी, कोरोना के बाद अब टिड्डियों का दल किसानों के लिए मुसीबत बन गया है. कृषि विभाग ने राज्य के कुछ जिलों में लाखों टिड्डियों के हमले की आशंका जताई है. दो दिन बाद लाखों टिड्डियों के प्रदेश में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
कृषि विभाग के अनुसार टिड्डी दल राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से होकर तेजी से छत्तीसगढ़ की ओर पहुंच रहा है. अगले कुछ दिनों में इसके छत्तीसगढ़ आने की प्रबल संभावना जताई गई है. लिहाजा कृषि विभाग की ओर से इससे बचाव के वैज्ञानिक और स्थानीय उपाय करने का परामर्श किसानों के लिए जारी किया गया है.
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रात में चट कर जाते हैं फसल
उप संचालक कृषि वी.पी.चौबे ने बताया कि टिड्डियों का बड़ा झुंड एक घण्टे में कई एकड़ फसल खाकर चट कर सकता है. रास्ते का फसल खाते हुए टिड्डियां आगे बढ़ती हैं. रात में ये खेतों में रुककर फसलों को खाती हैं. मादा टिड्डी रात में ही 500 से 1500 अंडे देकर सवेरे आगे बढ़ जाती हैं. टिड्डी के एक दल में लाखों की संख्या में कीट होते हैं और रास्ते में आने वाले फसल, वनस्पतियां और हरे पेड़-पौधे चट करते हुए आगे बढ़ते हैं.
दवा का छिड़काव
बता दें टिड्डियों के हमले होने पर किसान खेतों में मेलाथियान 96 प्रतिशत यूएलवी, क्विनोलफोस क्लोरापयरिफोस, फिप्रोनिल 5 प्रतिशत एससी 6.25 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा शाम के समय थाली बजाने अथवा पटाखे फोड़ने से होने वाली आवाज से भी टिड्डी दल पर नियंत्रण किया जा सकता है. उप संचालक ने कृषि एवं उद्यान विभाग के सभी मैदानी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी अधिकारियों को अनुशंसित दवाएं भंडारित कर रखने एवं स्थानीय कृषि दवाई दुकान वालों को पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा है.
जिले के किसी भी इलाके में टिड्डी दल के आने की सूचना मिले तो कृषि विभाग के नियंत्रण कक्ष फोन नंबर 07727-222054 पर सूचित किया जा सकता है, ताकि जल्द आवश्यक उपाय किया जा सकें.