बलौदाबाजार : जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर एक बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. निजी अस्पताल में कोरोना के मरीज को रखकर इलाज किया जा रहा था. जैसे ही मरीज के कोविड पाॅजिटिव होने की जानकारी मिला, 60 साल के बुजुर्ग को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जब तक उसका इलाज हो पाता सांसों ने उसका साथ छोड़ दिया. अब इस मामले में बड़ा सवाल ये है कि यदि बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव था तो प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज क्यों हो रहा था और जब बात बिगड़ी तो जिला अस्पताल भेजा गया.
नहीं हो रहा है गाइडलाइन का पालन : बलौदाबाजार जिले में 1 अप्रैल 2023 से अब तक कोरोना के 33 मामले सामने आए हैं. जिसमें 28 एक्टिव हैं. 4 जिला चिकित्सालय में भर्ती है. 1 वेंटिलेटर पर है, जबकि एक बुजुर्ग की मौत हो चुकी है. लेकिन इस मौत के बाद भी लोग नहीं जागे हैं. जिला अस्पताल में ना तो कोरोना गाइडलाइन का पालन हो रहा है, ना ही पालन कराने के लिए कोई विशेष टीम है. लोग एक दूसरे से चिपककर दवा पर्ची का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. मास्क तो मानिए गुजरे जमाने की बात हो गई है.
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कोरोना वैक्सीन लगाने में अब भी डर रहे लोग: बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 10 लाख 6 हजार 68 लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ली है. वहीं 8 लाख 46 हजार 287 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई. लेकिन जब बूस्टर डोज लगवाने की बात आई तो महज 1 लाख 69 हजार 247 लोग ही सामने आए. यानी अब भी 8 लाख से ज्यादा लोग हैं, जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाएं हैं. ऐसे में जिले में तेजी से बढ़ रहा कोरोना इसका भी एक बड़ा कारण हो सकता है.