कसडोल/बलौदा बाजार: मुड़ियाडीह ग्राम पंचायत ने मिशाल पेश करते हुए ग्राम पंचायत में सरपंच, उपसरपंच सहित सभी पंचों का चुनाव निर्विरोध संपन्न हो गया.
मुड़ियाडीह ग्राम पंचायत में मुड़ियाडीह और सोनाईडीह दो गांव आते हैं, यहां के बुजुर्गों ने गांव में बैठक लेकर यह निर्णय लिया था कि गांव में किसी भी तरीके से लड़ाई झगड़ा ना हो. इसके लिए मुड़ियाडीह के आश्रित ग्राम सोनाईडीह से पांच पंच बनाए गए. वहीं मुड़ियाडीह से छह पंच सहित सरपंच-उपसरपंच बनाया गया. कसडोल जनपद पंचायत के ग्राम मुड़ियाडीह के ग्रामीणों की ओर से लिए गए फैसले को चुनाव में बिना विरोध के पंच सरपंच सहित उपसरपंच बनाने का फैसला सुर्खियों में हैं.
पढ़ी लिखी महिला गांव का करेगी विकास
बता दें कि सरिता कैवर्त्त को सरपंच बनाया गया, जो मितानिन स्वयं सेविका के पद पर पहले से थी और समाज सेविका के रूप में शुरू से आगे रही हैं. ग्रामीणों की माने तो सिरिता होनहार और पढ़ी लिखी महिला हैं जो गांव का विकास करा सकती हैं. वहीं मुड़ियाडीह के ही मदन दास मानिकपुरी को उपसरपंच का पद दिया गया. नामांकन भरने के लिए पंच, सरपंच सहित उपसरपंच के साथ पूरे ग्रामीण मलदा गांव पहुंचे.
मितानिन संघ ने सरपंच को दी बधाई
मलदा गांव को चुनाव सेक्टर बनाया गया था. सरपंच सरिता कैवर्त्त के साथ मितानिन संघ की जिला अध्यक्ष सती वर्मा मौके पर मौजूद रहीं, जिन्होंने सरिता को शुभकामनाएं देते हुए ग्रामीणों के फैसले की जमकर तारीफ की और कहा कि ग्रामीण जिस विकास की उमीद को लेकर सरिता को सरपंच, मदन दास को उपसरपंच सहित पंचों की निर्विरोध नियुक्ति की गई है. उसे बनाएं रखे.
फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने की सलाह
वहीं ग्रामीणों ने कहा कि हमारा ग्राम आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में जाना जाएगा. आपसी चुनाव होने से जहां पैसों की बर्बादी होती हैं. वहीं आपसी भाईचारा में मन मुटाव बढ़ता है. जब चुनना ग्रामीणों को ही हैं तो फिजूल पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. निर्विरोध चुनाव लेने का फैसला हम सभी ग्रामीणों का था.