बलौदाबाजार: कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर जिला पंचायत CEO डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी ने जिले में स्वीकृत नरवा कार्यों का निरीक्षण कर जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने जनपद पंचायत कसडोल के अंतर्गत ग्राम पंचायत छरछेद के गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण एवं धान खरीदी केंद्र में बनाये जा रहे चबूतरा निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया.
जिला पंचायत CEO ने ली विकासकार्यों की जानकारी
इसी तरह ग्राम पंचायत पिसीद में निर्माणधीन गौठान, चारागाह एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत निर्माण आवासीय कॉलोनी का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित ग्रामीणों से बात कर गांव में चल रहे विकास कार्यों की भी जानकारी ली. इसके अलावा वहां उपस्थित किसानों से खेती-बाड़ी बोआई के संबंध में भी हालचाल जानने का प्रयास किया. ग्राम पंचायत आमाखोहा के उपरानी में स्वीकृत बिजरा खोल नरवा में बनाये जा रहे निर्माणधीन कार्यों का जायजा लेकर सम्बंधित अधिकारी को जल्द से जल्द निर्धारित समय सीमा के अंदर निर्माण कार्यों को पूरा कराने के निर्देश दिए.
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208 ग्राम पंचायतों में नरवा के तहत कार्य
जिला पंचायत CEO डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी ने बताया कि राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना ग्राम सुराजी के तहत नरवा को पुर्नजीवन देने पूरे राज्य भर में नरवा के विकास में काफी कार्य किया जा रहा हैं. इसके तहत जिले में चिन्हांकित 2 सौ 8 ग्राम पंचायतों में 13 हजार 623 कार्य स्वीकृत किए गए हैं. जिसमें 9 हजार 995 कार्य पूर्ण एवं 3 हजार 6 सौ 4 कार्य प्रगतिरत हैं. चिन्हाकित ग्राम पंचायतों के अंतर्गत जनपद पंचायत बलौदाबाजार 30, भाटापारा 46,बिलाईगढ़ 52, कसडोल 23,पलारी 39 सिमगा 18 ग्रामों में नरवा के कार्य स्वीकृत किए गए हैं. निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ हरिशंकर चौहान, कसडोल जनपद पंचायत सीईओ श्यामा पटेल, कार्यक्रम अधिकारी अंजू भोगामी सहित मनरेगा तकनीकी सहायक सहित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारी उपस्थित रहे.
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जानिए क्या है ये योजना
नरवा- इसके तहत आवश्यकतानुसार नालों और नहरों में चेक डेम का निर्माण किया जा रहा है. ताकि बारिश का पानी का संरक्षण हो सके और वाटर रिचार्ज से गिरते भू-स्तर पर रोक लग सके. इससे खेती में आसानी होगी.
गरवा- इसके तहत गांवों में जो भी पशु धन है उन्हें एक ऐसा डे-केयर सेंटर उपलब्ध करवाना है जिसमें वे आसानी रह सके और उन्हें चारा, पानी उपलब्ध हो. उनके लिए गोठान निर्माण से लेकर आवश्यक संसाधन, जमीन आदि प्रदान किए जा रहे हैं.
घुरवा- यह एक गढ्डा होता है, जिसमें मवेशियों को गोबर एवं मलमूत्र का संग्रहण किया जाता है. जिससे कि गोबर गैस एवं खाद बनाई जा सके.
बाड़ी- यह घर से लगा एक बगीचा है, जिसमें पोषण के लिए फल-फूल उगाई जा सके.