भाटापारा: छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली भाटापारा कृषि उपज मंडी इन दिनों विवादों के घेरे में है, पिछले 10 दिनों से किसानों को उनके फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है. अभिकर्ता और व्यापारियों के बीच झड़प से लगभग 6 जिलों के किसान खासा परेशान नजर आ रहे हैं.
बता दें कि आपसी खींचातानी और मतभेद की वजह से पोहा मिल व्यापारी अभिकर्ताओं से माल नहीं खरीदना चाहते, जिससे सीधे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस विवाद की वजह से फसल की आवक भी कम हो गई है और मंडी अवव्यवस्थित हो गई है.
पढ़ें: बलौदाबाजार : अन्नदाता की मुसीबत बढ़ा रहा 'करगा', जिम्मेदार बेपरवाह
चेक बाउंस होने का डर
किसानों का कहना है कि अभिकर्ता के माध्यम से फसल बेचने पर हमें सुविधा अधिक मिलती है, लेकिन व्यापारी को फसल बेचने पर नगद भुगतान बोल कर चेक दिया जा रहा है, जिससे हमें डर है कि अगर चेक बाउंस हो गया तो किसे ढूंढ़ते रहेंगे.
किसान हो रहे परेशान
वहीं इस विवाद को देखते हुए मंडी में एसडीएम, तहसीलदार, मंडी सचिव और सुरक्षा की दृष्टि से आए थाना प्रभारी की मौजूदगी में किसान, अभिकर्ता और व्यापारियों की बैठक हुई, लेकिन उसमें भी नतीजा कुछ सामने नहीं आया. ऐसे में किसान परेशान है.