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बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड में सड़क हादसे का शिकार हो रहे मवेशी

छत्तीसगढ़ में मवेशियों को लेकर रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कसडोल नगर पंचायत और आस-पास के गांवों में ये योजना पूरी तरह से फेल नजर आ रही है. बता दें कि बलौदाबाजार में लगातार मवेशियों की वजह से हादसे हो रहे हैं. वहीं सड़क हादसे में गायों की भी मौत हो रही है.

cows die due to road accidents in Kasdol block of Balodabazar
सड़क हादसे में मवेशियों की हो रही मौत
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Published : Aug 10, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 9:14 PM IST

बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोधन न्याय योजना और रोका-छेका जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि कोई भी गौपालक अपने गायों को बाहर न छोड़े, लेकिन कसडोल नगर पंचायत और आस-पास के गांवों में ये योजना पूरी तरह से फेल नजर आ रही है.

कसडोल में सड़क हादसों में मर रहे मवेशी

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने गायों को रात के समय गौठान से छोड़ने का आदेश दिया था. रात के समय गौठान से छोड़ने के बाद सभी गाय कसडोल नगर पंचायत के मुख्य मार्ग में जाकर बैठ जाती है, जिससे आने-जाने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जानकारी के मुताबिक गायों के सड़कों पर बैठे रहने के कारण आए दिन हादसे भी होते रहते हैं. वहीं सड़क हादसे में गायों की मौत भी हो रही है.

लगातार हादसे के शिकार हो रहे हैं मवेशी

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरुवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत पूरे प्रदेश में 20 हजार गौठानों का निर्माण किया जाना है, लेकिन कसडोल विकासखंड में मवेशियों की दुर्दशा अब भी बरकरार है. कसडोल और आस-पास के क्षेत्रों में मवेशी लगातार हादसे का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से मवेशियों की मौतें हो रही है.

कसडोल पुलिस थाना के सामने सड़क हादसे में मवेशी की मौत

कुछ दिनों पहले ही कसडोल पिथौरा मुख्य मार्ग में बरघाट नाले को पार करते समय करीब 12 से ज्यादा मवेशी नाले के तेज उफान में बह गए थे, जबकि बीती रात को ही कसडोल पुलिस थाना के सामने वाहन की ठोकर लगने से एक मवेशी की मौत हो गई थी. रात के समय मवेशियों को गौठानों से छोड़ने के संबंध में जब ETV भारत की टीम ने कसडोल नगर पंचायत के CMO से बात की तो उनका कहना था कि सरकार के आदेश पर मवेशियों को गौठानों से छोड़ा जा रहा है.

पढ़ें: राजनांदगांव: सड़कों में हो रही गौवंशों की मौत पर भड़के युवक, SDM को सौंपा ज्ञापन

वहीं इस संवेदनशील मामले को लेकर जब ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंतराम सुंदरदास से जानकारी ली तो उन्होंने यह स्वीकार किया है कि गौठानों में अभी सुविधाओं की कमी है. गौठानों में अभी पर्याप्त मात्रा में छाया और चारे पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ सरकार ने यह फैसला लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में इन सभी कमी को सुधार लिया जाएगा.

बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोधन न्याय योजना और रोका-छेका जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि कोई भी गौपालक अपने गायों को बाहर न छोड़े, लेकिन कसडोल नगर पंचायत और आस-पास के गांवों में ये योजना पूरी तरह से फेल नजर आ रही है.

कसडोल में सड़क हादसों में मर रहे मवेशी

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने गायों को रात के समय गौठान से छोड़ने का आदेश दिया था. रात के समय गौठान से छोड़ने के बाद सभी गाय कसडोल नगर पंचायत के मुख्य मार्ग में जाकर बैठ जाती है, जिससे आने-जाने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जानकारी के मुताबिक गायों के सड़कों पर बैठे रहने के कारण आए दिन हादसे भी होते रहते हैं. वहीं सड़क हादसे में गायों की मौत भी हो रही है.

लगातार हादसे के शिकार हो रहे हैं मवेशी

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरुवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत पूरे प्रदेश में 20 हजार गौठानों का निर्माण किया जाना है, लेकिन कसडोल विकासखंड में मवेशियों की दुर्दशा अब भी बरकरार है. कसडोल और आस-पास के क्षेत्रों में मवेशी लगातार हादसे का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से मवेशियों की मौतें हो रही है.

कसडोल पुलिस थाना के सामने सड़क हादसे में मवेशी की मौत

कुछ दिनों पहले ही कसडोल पिथौरा मुख्य मार्ग में बरघाट नाले को पार करते समय करीब 12 से ज्यादा मवेशी नाले के तेज उफान में बह गए थे, जबकि बीती रात को ही कसडोल पुलिस थाना के सामने वाहन की ठोकर लगने से एक मवेशी की मौत हो गई थी. रात के समय मवेशियों को गौठानों से छोड़ने के संबंध में जब ETV भारत की टीम ने कसडोल नगर पंचायत के CMO से बात की तो उनका कहना था कि सरकार के आदेश पर मवेशियों को गौठानों से छोड़ा जा रहा है.

पढ़ें: राजनांदगांव: सड़कों में हो रही गौवंशों की मौत पर भड़के युवक, SDM को सौंपा ज्ञापन

वहीं इस संवेदनशील मामले को लेकर जब ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंतराम सुंदरदास से जानकारी ली तो उन्होंने यह स्वीकार किया है कि गौठानों में अभी सुविधाओं की कमी है. गौठानों में अभी पर्याप्त मात्रा में छाया और चारे पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ सरकार ने यह फैसला लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में इन सभी कमी को सुधार लिया जाएगा.

Last Updated : Aug 10, 2020, 9:14 PM IST
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