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गणेश उत्सव को लेकर कलेक्टर ने जारी किया आदेश, इन शर्तों के साथ गजानन की प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत

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Published : Jul 30, 2020, 4:40 PM IST

बलौदाबाजार कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गणेशोत्सव को लेकर आदेश जारी किया है, जिसका पालन करने पर ही गणेश प्रतिमा की स्थापना की अनुमति मिलेगी. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Collector Sunil Kumar Jain issued orders for installation of ganesh idol in Balodabazar
गणेश उत्सव को लेकर कलेक्टर ने जारी किया आदेश

बलौदाबाजार : गणेश चतुर्थी देश के पश्चिमी और उत्तरी राज्यों के साथ दक्षिणी के राज्यों में भी धूमधाम से मनाया जाने वाला उत्सव है. इस त्योहार में भगवान गणेश की भव्य प्रतिमाएं न सिर्फ घरों में बल्कि मुख्य मार्गों और प्रमुख स्थानों पर भी स्थापित की जाती हैं, लेकिन इस साल प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लोग गणेशोत्सव को पहले जैसे धूमधाम से नहीं मना पाएंगे.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर गुरुवार को कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गणेश उत्सव को लेकर आदेश जारी किया है. वहीं कलेक्टर ने सभी जिलावासियों से अपील की है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें. इसके साथ ही उन्होंने गणेश उत्सवों के लिए जारी गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा है.

गणेश उत्सव के लिए जारी किया गया आदेश

बता दें कि बलौदाबाजार कलेक्टर की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक मूर्ति की ऊंचाई से लेकर पंडाल का साइज तक निर्धारित कर दिया गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि जो भी आयोजक शर्तों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इन शर्तों के साथ मूर्ति स्थापित करने की अनुमति

  • मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई 4x4 फिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15x15 फिट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह होनी चाहिए.
  • पंडाल की वजह से कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए.
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल नहीं होना चाहिए.
  • दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाएगी.
  • किसी भी मंडप या पंडल के सामने एक साथ 20 लोगों से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को एक रजिस्टर रखना होगा. जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता और मोबाइल नम्बर दर्ज किया जाएगा, ताकि उनमें से किसी को भी कोरोना संक्रमण होने पर संपर्क किया जा सके.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को 4 CCTV कैमरा लगावाना पड़ेगा ,ताकि किसी को भी कोरोना होने पर उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके.
  • मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा. बिना मास्क के पाए जाने पर संबंधित समिति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति की ओर से कोरोना संक्रमण से बचने के सुरक्षा के तौर पर सैनिटाइजर,थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश की व्यवस्था की जाएगी.
  • थर्मल स्क्रीनिंग में टेंप्रेचर ज्यादा पाए जाने या कोरोना से संक्रमित सामान्य और विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी.
  • वहीं कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित होता है, तो इलाज का पूरा खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति या समिति को देना पड़ेगा.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को सोशल डिस्टेंसिंग,आगमन और प्रस्थान के लिए बांस बल्ली और बेरिकेटिंग कराकर अलग से व्यवस्था करवानी होगी.
  • कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी.
  • पूजा की अवधि के दौरान भी किसी क्षेत्र को अगर कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किया जाता है तो तत्काल पूजा खत्म करनी होगी.
  • मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान लाउडस्पीकर, सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के समय और विसर्जन के समय डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य और पेय पदार्थ वितरण करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए एक से ज्यादा वाहन की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए छोटे वाहनों की ही अनुमति होगी.
  • विसर्जन के लिए उपयोग किए जा रहे वाहन को पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं भी रोकने की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के लिए नगर निगम की ओर से निर्धारित रूट, मार्ग, तिथि और समय का पालन करना होगा.
  • शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा.
  • मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के समय मार्ग में किसी स्वागत और प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से ज्यादा व्यक्ति नहीं जा सकेंगे.
  • शाम होने से पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के लिए 7 दिन पहले नगर निगम को आवेदन देना होगा.

पढ़ें: गणेश उत्सव: जिला प्रशासन ने इन शर्तों के साथ गणेश प्रतिमा स्थापित करने की दी इजाजत

इन सभी शर्तों के साथ ही घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी गई है. वहीं अगर घर से बाहर मूर्ति स्थापित करने के लिए 7 दिन पहले नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र में आवेदन देना होगा और अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी. यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा. वहीं निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एपीडेमिक डिसीज एक्ट और अन्य धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बलौदाबाजार : गणेश चतुर्थी देश के पश्चिमी और उत्तरी राज्यों के साथ दक्षिणी के राज्यों में भी धूमधाम से मनाया जाने वाला उत्सव है. इस त्योहार में भगवान गणेश की भव्य प्रतिमाएं न सिर्फ घरों में बल्कि मुख्य मार्गों और प्रमुख स्थानों पर भी स्थापित की जाती हैं, लेकिन इस साल प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लोग गणेशोत्सव को पहले जैसे धूमधाम से नहीं मना पाएंगे.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर गुरुवार को कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गणेश उत्सव को लेकर आदेश जारी किया है. वहीं कलेक्टर ने सभी जिलावासियों से अपील की है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें. इसके साथ ही उन्होंने गणेश उत्सवों के लिए जारी गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा है.

गणेश उत्सव के लिए जारी किया गया आदेश

बता दें कि बलौदाबाजार कलेक्टर की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक मूर्ति की ऊंचाई से लेकर पंडाल का साइज तक निर्धारित कर दिया गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि जो भी आयोजक शर्तों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इन शर्तों के साथ मूर्ति स्थापित करने की अनुमति

  • मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई 4x4 फिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15x15 फिट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह होनी चाहिए.
  • पंडाल की वजह से कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए.
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल नहीं होना चाहिए.
  • दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाएगी.
  • किसी भी मंडप या पंडल के सामने एक साथ 20 लोगों से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को एक रजिस्टर रखना होगा. जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता और मोबाइल नम्बर दर्ज किया जाएगा, ताकि उनमें से किसी को भी कोरोना संक्रमण होने पर संपर्क किया जा सके.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को 4 CCTV कैमरा लगावाना पड़ेगा ,ताकि किसी को भी कोरोना होने पर उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके.
  • मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा. बिना मास्क के पाए जाने पर संबंधित समिति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति की ओर से कोरोना संक्रमण से बचने के सुरक्षा के तौर पर सैनिटाइजर,थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश की व्यवस्था की जाएगी.
  • थर्मल स्क्रीनिंग में टेंप्रेचर ज्यादा पाए जाने या कोरोना से संक्रमित सामान्य और विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी.
  • वहीं कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित होता है, तो इलाज का पूरा खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति या समिति को देना पड़ेगा.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को सोशल डिस्टेंसिंग,आगमन और प्रस्थान के लिए बांस बल्ली और बेरिकेटिंग कराकर अलग से व्यवस्था करवानी होगी.
  • कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी.
  • पूजा की अवधि के दौरान भी किसी क्षेत्र को अगर कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किया जाता है तो तत्काल पूजा खत्म करनी होगी.
  • मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान लाउडस्पीकर, सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के समय और विसर्जन के समय डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य और पेय पदार्थ वितरण करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए एक से ज्यादा वाहन की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए छोटे वाहनों की ही अनुमति होगी.
  • विसर्जन के लिए उपयोग किए जा रहे वाहन को पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं भी रोकने की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के लिए नगर निगम की ओर से निर्धारित रूट, मार्ग, तिथि और समय का पालन करना होगा.
  • शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा.
  • मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के समय मार्ग में किसी स्वागत और प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से ज्यादा व्यक्ति नहीं जा सकेंगे.
  • शाम होने से पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के लिए 7 दिन पहले नगर निगम को आवेदन देना होगा.

पढ़ें: गणेश उत्सव: जिला प्रशासन ने इन शर्तों के साथ गणेश प्रतिमा स्थापित करने की दी इजाजत

इन सभी शर्तों के साथ ही घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी गई है. वहीं अगर घर से बाहर मूर्ति स्थापित करने के लिए 7 दिन पहले नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र में आवेदन देना होगा और अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी. यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा. वहीं निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एपीडेमिक डिसीज एक्ट और अन्य धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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