बलौदाबाजार: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कराने की अंतिम तारीख इस साल 15 जुलाई रखी गई है. बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बीमा के लिए सिंचित धान, असिंचित धान और मूंग की फसल अधिसूचित की गई है. कलेक्टर सुनील कुमार जैन की अध्यक्षता में बीमा योजना की जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति और डीएलसीसी की अलग-अलग बैठक हुई. जिसमें योजनाओं की समीक्षा की गई.
कलेक्टर ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंक कर्मचारी और फसल बीमा कंपनी के कामकाज पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि कोई भी इच्छुक किसान बीमा कराने से वंचित न हो. बता दें कि इस बार बीमा की इकाई गांवों को बनाया गया है. इसके पहले पटवारी हल्के को इकाई मानकर बीमा कराया जाता था.
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कृषि उप संचालक व्हीपी चौबे ने बैठक में बताया कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंइिया लिमिटेड को राज्य सरकार ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बीमा के लिए अधिकृत किया है. गांव के किसान अधिसूचित फसल के 2 प्रतिशत प्रीमियम की राशि जमा कर बीमा योजना के कव्हर में शामिल हो सकते हैं. इसके मुताबिक सिंचित धान के लिए 1 हजार रुपए प्रति हेक्टरेयर, असिंचित धान के लिए 700 रुपए प्रति हेक्टेयर और मूंग के लिए 300 रुपए प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया है.
ऋणी किसानों के लिए ऐच्छिक है बीमा
ऋणि किसानों के लिए भी इस साल बीमा कराना ऐच्छिक है. इसके पहले उन्हें बीमा कराना अनिवार्य था. जिला सहकारी बैंक के नोडल अफसर पुरबिया ने बैठक में बताया कि अब तक 92 हजार ऋणि और 6 हजार अऋण किसानों ने बीमा कराया है. बैंक, समिति या लोक सेवा केंद्रों पर अऋणि किसानों का बीमा कराया जा सकता है. इच्छुक किसान बुवाई प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, ऋण पुस्तिका और बैंक पास बुक की फोटोकॉपी के साथ उपरोक्त केंद्रों पर बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं. समिति की बैठक में कृषक सदस्य विजय केशरवानी ने बलौदाबाजार तहसील के सोनाडीह गांव के किसानों के साल 2017 की फसल क्षतिपूर्ति का मुद्दा उठाया.
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सरकारी योजना के काम में तेजी लाने के निर्देश
कलेक्टर ने डीएलसीसी की बैठक में कहा कि बैंक और इंश्योरेंस कंपनियां जनता की सेवा के लिए बने हैं. बैठक में विशेषकर हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में ढिलाई पाई गई. कलेक्टर ने सभी बैंक कर्मचारियों को सरकारी योजनाओं के अंतर्गत तत्परता से काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बैंक अपने स्तर पर आवेदन को अनावश्यक लंबित ना रखें. यदि कोई आपत्ति है तो तत्काल संबंधित विभाग के जरिए इसे निपटा लें. महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण आवंटन को प्राथमिकता दें.