बलौदाबाजार: कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने शुक्रवार को पलारी और कसडोल विकासखंड के गांवों का दौरा कर लघु वनोपज संग्रहण कार्यों का जायजा लिया. लाॅकडाउन में प्रतिबंध से छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण वनोपज संग्रहण कार्य में जुट गए हैं. लगभग 15 लाख मूल्य के साढ़े 700 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण स्व सहायता समूह कर रहे हैं.
वहीं कलेक्टर ने दोना-पतरी का कार्य रोक कर मास्क निर्माण में लगी नवागांव की महिलाओं से सौजन्य भेंटकर उनका हौसला बढ़ाया. इसके साथ ही कसडोल के ग्राम मोतीपुर में कोरोना पीड़ित श्रमिकों के लिए बनाए गए राहत शिविर का भी आकस्मिक निरीक्षण किया. बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने 11 मजदूर परिवारों का भोजन-पानी देकर पालन पोषण किया जा रहा है, जिसके बाद कलेक्टर ने चेताया है कि सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों को तत्काल शुरू करें, अन्यथा शासकीय आदेश की अवहेलना मानकर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
वनोपज संग्रहण कार्य का कलेक्टर ने लिया जायजा
वहीं इसके बाद कलेक्टर ने कसडोल विकासखंड के असनीद गांव और नवागांव में वनोपज संग्रहण कार्य का जायजा लिया. बताया जा रहा है कि असनीद में 4 स्व सहायता समूहों के जरिए वनोपज खरीदी का काम चल रहा है. वहीं बताया गया कि, गांव में बेहड़ा और बेलफल की फसल होती है. करीब 100 परिवार इस काम में लगे हैं. लगभग 103 क्विंटल बेहड़ा की खरीदी की जा चुकी हैं. वहीं जल्द ही बेल गुदा की खरीदी भी की जाएगी. कलेक्टर ने स्व सहायता समूह के संचालक के घर में सुखाये गए वनोपज का अवलोकन भी किया.
400 से भी ज्यादा मास्क बना चुकी है महिलाएं
नवागांव में माहुल पत्ता से पतरी निर्माण कार्य रोककर फिलहाल कलेक्टर ने मास्क बनाने में जुटी महिलाओं से चर्चा की. करीब 8 महिलाए कोरोना से बचाव के लिए प्रतिदिन 400 मास्क बना रही हैं. उन्होंने पलारी विकासखंड के धमनी में संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने निर्माणाधीन गौशाला का अवलोकन किया. 13 गौपालकों को संयुक्त वन प्रबंधन समिति ने 26 लाख रूपये की राशि दूधारू गाय खरीदने के लिए मंजूर की गई है. वन प्रबंधन समिति ने संचालित पशु आहार निर्माण संयत्र कों भी देखकर खुशी जाहिर की. उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को एनआरएलएम के तहत जरूरी सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए.
कोरोना श्रमिक राहत शिविर का निरीक्षण
कलेक्टर ने कसडोल विकासखंड के मोतीपुर गांव में संचालित कोरोना श्रमिक राहत शिविर का भी निरीक्षण किया. फिलहाल मध्यप्रदेश के मैहर से आए 11 श्रमिकों को यहां ठहराया गया है. ये श्रमिक ईंट-भट्ठे में घोड़ों और खच्चरों के जरिए ईंट परिवहन का काम करते हैं. लाॅक डाउन की वजह से निर्माण का काम बाधित हुआ है. जिसकी वजह मजदूर संकट में फंस गए थे.
कलेक्टर के निर्देश पर सभी 11 श्रमिकों को ठेकेदार ने भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है. उनके जानवरों के लिए भी चारे की व्यवस्था के निर्देश ठेकेदार को दिए गए हैं. उन्होंने ठेकेदार से कहा कि फिर से काम शुरू होते तक भोजन-पानी और सानी की व्यवस्था में कोई कमी नहीं आनी चाहिए. कलेक्टर ने मोतीपुर में सरपंच एवं स्वास्थ्य विभाग के एएनएम से भी चर्चा की.