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बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ ने किया भूपेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन - छत्तीसगढ़ साक्षर भारत कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ ने सरकार के घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में महिला और पुरुष दोनों प्रेरकों ने हिस्सा लिया.

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भूपेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Mar 12, 2021, 9:34 PM IST

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ ने सरकार के घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में महिला और पुरुष दोनों प्रेरकों ने हिस्सा लिया. सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. प्रेरक संघ ने सरकार को अपने योगदान गिनाते हुए मांग पूरा करने का आग्रह किया. साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं की जाती है तो रायपुर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि जिले में कुल 8 सौ प्रेरक और राज्य में कुल 16 हजार 8 सौ 2 प्रेरक हैं.

छत्तीसगढ़ में साक्षर भारत कार्यक्रम, जन-धन खाता खुलवाना हो, शौचालय बनवाना हो, चुनाव ड्यूटी हो या फिर पंचायत कल्याण के लिए कोई काम हो इन सभी काम के लिए पंचायत स्तर पर प्रेरकों को जिम्मेदारी दी जाती है. इसके बावजूद पिछली भाजपा की सरकार ने 2018 में सभी प्रेरकों को नौकरी से निकाल दिया था. लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्रेरको को विभिन्न विभागों में समायोजन कर रोजगार देने का वादा किया. लेकिन चुनाव जीतने के 2 साल बाद भी प्रेरको को रोजगार नहीं दिया गया है.

भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, धरने पर बैठा प्रेरक संघ

घोषणा पत्र के वादे को देखकर बिना वेतन किया काम

भूपेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि प्रेरकों को उनकी योग्यता के आधार पर फिर से रोजगार दिया जाएगा. इस उम्मीद में प्रेरक लगातार काम करते रहे. लेकिन 2 साल से उम्मीद के बल पर काम कर रहे प्रेरकों को रोजगार नहीं मिल पाया है. संघ का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने 2018 में नेता प्रतिपक्ष में रहते हुए प्रेरकों के लिए मुद्दा उठाया था. लेकिन अबजब कांग्रेस की सरकार बन गयी तो किसी प्रकार का कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.

रक्तदान और आपातकाल स्थिति में किया सहयोग

छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ के प्रदेश महामंत्री संतोष यादव ने बताया कि जब मुख्यमंत्री बनने पर भूपेश बघेल को काजू-बादाम और सिक्कों से तौला जा रहा था तब हमने प्रथन चरण में 350 यूनिट रक्तदान किया था. आगे भी भूपेश बघेल के वजन के बराबर रक्तदान करने का योजना बनाया है. साथ ही साथ भूपेश बघेल सरकार के अनेक योजनाओं को लोगो तक पहुंचने का काम भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर से पूरा प्रदेश जूझ रहा था, तब संघ ने मिलकर मुख्यमंत्री के राहतकोष में 51 हजार रुपये की सहायता राशि भी दी थी.

केशकाल: प्रेरक संघ ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा

रोजगार नहीं देने पर की इच्छामृत्यु की मांग

कांग्रेस के घोषणा पत्र में किये वादे को पूरा करने की मांग के लिए धरना प्रदर्शन करते हुए संघ के सदस्यों ने कहा कि हमने राज्य के लिए अपना समर्पण और पंचायत कल्याण के योजनाओं के लिए सहयोग किया है. बावजूद अगर सरकार रोजगार वापस नहीं कर सकती तो आगे राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा. यह भी चेतावनी दी गई है कि मांग पूरा नहीं होने पर बलौदाबाजार से पैदल मार्च करते हुए रायपुर बुढ़ा तालाब में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. सभी मुख्यमंत्री को खून से चिट्ठी लिखकर इच्छामृत्यु की मांग करेंगे.

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ ने सरकार के घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में महिला और पुरुष दोनों प्रेरकों ने हिस्सा लिया. सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. प्रेरक संघ ने सरकार को अपने योगदान गिनाते हुए मांग पूरा करने का आग्रह किया. साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं की जाती है तो रायपुर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि जिले में कुल 8 सौ प्रेरक और राज्य में कुल 16 हजार 8 सौ 2 प्रेरक हैं.

छत्तीसगढ़ में साक्षर भारत कार्यक्रम, जन-धन खाता खुलवाना हो, शौचालय बनवाना हो, चुनाव ड्यूटी हो या फिर पंचायत कल्याण के लिए कोई काम हो इन सभी काम के लिए पंचायत स्तर पर प्रेरकों को जिम्मेदारी दी जाती है. इसके बावजूद पिछली भाजपा की सरकार ने 2018 में सभी प्रेरकों को नौकरी से निकाल दिया था. लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्रेरको को विभिन्न विभागों में समायोजन कर रोजगार देने का वादा किया. लेकिन चुनाव जीतने के 2 साल बाद भी प्रेरको को रोजगार नहीं दिया गया है.

भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, धरने पर बैठा प्रेरक संघ

घोषणा पत्र के वादे को देखकर बिना वेतन किया काम

भूपेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि प्रेरकों को उनकी योग्यता के आधार पर फिर से रोजगार दिया जाएगा. इस उम्मीद में प्रेरक लगातार काम करते रहे. लेकिन 2 साल से उम्मीद के बल पर काम कर रहे प्रेरकों को रोजगार नहीं मिल पाया है. संघ का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने 2018 में नेता प्रतिपक्ष में रहते हुए प्रेरकों के लिए मुद्दा उठाया था. लेकिन अबजब कांग्रेस की सरकार बन गयी तो किसी प्रकार का कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.

रक्तदान और आपातकाल स्थिति में किया सहयोग

छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ के प्रदेश महामंत्री संतोष यादव ने बताया कि जब मुख्यमंत्री बनने पर भूपेश बघेल को काजू-बादाम और सिक्कों से तौला जा रहा था तब हमने प्रथन चरण में 350 यूनिट रक्तदान किया था. आगे भी भूपेश बघेल के वजन के बराबर रक्तदान करने का योजना बनाया है. साथ ही साथ भूपेश बघेल सरकार के अनेक योजनाओं को लोगो तक पहुंचने का काम भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर से पूरा प्रदेश जूझ रहा था, तब संघ ने मिलकर मुख्यमंत्री के राहतकोष में 51 हजार रुपये की सहायता राशि भी दी थी.

केशकाल: प्रेरक संघ ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा

रोजगार नहीं देने पर की इच्छामृत्यु की मांग

कांग्रेस के घोषणा पत्र में किये वादे को पूरा करने की मांग के लिए धरना प्रदर्शन करते हुए संघ के सदस्यों ने कहा कि हमने राज्य के लिए अपना समर्पण और पंचायत कल्याण के योजनाओं के लिए सहयोग किया है. बावजूद अगर सरकार रोजगार वापस नहीं कर सकती तो आगे राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा. यह भी चेतावनी दी गई है कि मांग पूरा नहीं होने पर बलौदाबाजार से पैदल मार्च करते हुए रायपुर बुढ़ा तालाब में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. सभी मुख्यमंत्री को खून से चिट्ठी लिखकर इच्छामृत्यु की मांग करेंगे.

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