बलौदाबाजार: राज्य सरकार के आदेश पर पहली से 8वीं तक के बच्चों को मध्यान भोजन के बदले 40 दिनों का सूखा राशन देने का फैसला लिया गया है. इसी तहत जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने प्राइमरी से लेकर मिडिल के हर बच्चों को राशन मिले इसके लिए शिक्षा विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. जिला शिक्षा अधिकारी आरके वर्मा ने बताया कि, 'हमारे जिला में शिक्षकों के नेतृत्व में स्वसहायता समूहों के माध्यम से सूखा राशन का वितरण घर-घर जा कर किया जा रहा है.'
प्राथमिक स्कूल के हर एक बच्चे को 4 किलो चावल और 8 सौ ग्राम दाल दिया जा रहा है. ठीक उसी तरह मिडिल स्कूल के हर एक बच्चे को 6 किलो चावल और 1 किलो 20 ग्राम दाल दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि, 'हमारे जिला में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1 हजार 192 है. जिसमें 1 लाख 13 हजार 686 छात्र पढ़ रहे हैं. उसी तरह मिडिल के 638 स्कूल हैं, जिसमें 71 हजार 39 छात्र पढ़ रहे हैं. प्राथमिक और मिडिल मिलाकर कुल 1 लाख 84 हजार 725 छात्र हैं. इनमें से शुक्रवार शाम तक प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के कुल 1 लाख 22 हजार 964 छात्रों को घर-घर में जाकर राशन प्रदान किया जा चुका है.'
शत-प्रतिशत वितरण का लक्ष्य
बचे हुए छात्रों को आने वाले 3 से 4 दिनों तक शत-प्रतिशत राशन वितरण का लक्ष्य रखा गया है. बलौदाबाजार विकासखंड के अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय शुक्लाभाठा में 6वी पढ़ने वाली फुलेश्वरी साहू के घर मे स्वसहायता समूह की महिलाओं ने घर जा कर उनके पालक को राशन प्रदान किया. साथ ही उन्होंने बच्चों के घर में पढ़ाई के बारे में भी पूछताछ किया.
घर-घर जाकर किया वितरण
समूह की अध्यक्ष नीता वर्मा ने बताया कि, 'हम राशन का पूरा अलग-अलग पैकेट बना कर वितरण कर रहें हैं. जिसमें हम सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन भी कर रहें हैं. हमारे गांव मे प्राथमिक स्कूल के 91 बच्चों में से 86 बच्चों को और मिडिल स्कूल के 63 बच्चों में से 51 बच्चों को शुक्रवार को राशन का वितरण किया गया. उसी तरह पलारी विकासखंड के अंतर्गत ग्राम केशला में शक्ति स्वसहायता समूह के महिलाओं ने ठेला में राशन रख कर घर-घर जाकर सूखा राशन वितरित किया. यहां प्राथमिक स्कूल के 96 बच्चे दर्ज हैं, जिसमें सभी के घर जाकर राशन वितरण किया जा चुका है.