बलौदाबाजार: कसडोल अंचल में 15 और 16 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश के बाद मानाकोनी गांव में मुख्य नहर फूट गया है. इस नहर का निर्माण साल 2019 में हुआ था. नहर कुल दो जगहों से फूटा है. इस मुख्य नहर में 7 करोड़ 24 लाख 90 हजार रुपये की लागत से री-मॉडलिंग और नहर लाइनिंग का काम कराया गया था. जल संसाधन विभाग ने इसके लिए कोरिया जिले के मेसर्स श्री रानी सती ग्रेनाइट कंपनी को ठेका दिया गया था. टेंडर की कार्यावधि 31 मार्च 2018 को पूरा हो चुकी है. निर्माण कार्य के पूरा होने के महज एक साल के बाद ही मानाकोनी में नहर टूट गया.
नहर का दो-दो जगहों से फूटना जल संसाधन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. नहर के फूट जाने से किसानों के खेतों में पानी के तेज बहाव से फसलों को नुकासान पहुंच रहा है. किसानों के खेतों में मलबा जम जाने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. नहर फूटने के बाद मानाकोनी के किसानों ने आरोप लगाया है कि जल संसाधन विभाग के इस नहर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है. विभाग की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है.
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मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी
ग्रामीणों का आरोप है कि नहर के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है. मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी. जिसे जल संसाधन विभाग ने नजर अंदाज कर दिया. नहर का गेट भी पहले से ही खुला था, जिसे विभाग ने बंद नहीं किया था. गेट खुले होने के कारण नहर में पहले से ही पानी था. बारिश होने के कारण नहर में पानी बढ़ने लगा, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग को दी. लेकिन विभाग ने गेट बंद नहीं किया. जब तक विभाग गेट को बंद करता, तब तक पानी काफी बढ़ चुका था. जिसके चलते गेट जाम हो गया. नहर में पानी बढ़ता ही गया और नहर फूट गया.
जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला
नहर के फूट जाने को लेकर जब जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता से सवाल पूछा गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि, पानी ज्यादा होने से नहर टूटा है. इसमें किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है.