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भाटापारा: बस कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, गुजारा भत्ता की मांग - परिवार का पालन पोषण

भाटापारा बस एसोसिएशन के सदस्यों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार से गुजारा भत्ता देने की अपील की है, जिससे उनके सामने आया आर्थिक संकट टल सके.

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भाटापारा में बस कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jun 30, 2020, 12:48 AM IST

Updated : Jun 30, 2020, 1:03 PM IST

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पिछले 4 महीने से बसों के पहिए थमे हुए हैं, जिससे अब बस कर्मचारियों के सामने आर्थिक समस्या पैदा हो गई है. बस कर्मचारियों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. भाटापारा बस एसोसिएशन की बसों के पहिए भी थमे हुए हैं, जिससे सैकड़ों बस कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. बस कर्मचारियों के सामने रोजी-राटी और परिवार पालन की गंभीर समस्या पैदा हो गई है. इसे लेकर सोमवार को भाटापारा में बस कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया.

Bus workers demonstrated in Bhatapara
भाटापारा में बस कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

बस कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के जरिए अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया, जिसमें बस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों ने केंद्र सरकार, राज्यपाल और छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई. प्रदर्शन के दौरान बस कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 4 महीने से वे खाली बैठे हैं. अब परिवार चलाने में दिक्कतें हो रही हैं. सरकार हमारे तरफ भी ध्यान दे.

बस संचालन में हो रही परेशानी को लेकर केंद्रीय वित्त और परिवहन मंत्री को लिखा पत्र

बस कर्मचारियों को गुजारा भत्ता देने की मांग

बस कर्मचारियों ने कहा कि अब उनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा होने लगी है. उन्होंने कहा कि कारोना वायरस के संक्रमण काल में हम बसवालों ने अपना कर्तव्य निभाते हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया, सरकार का भरपूर साथ दिया, लेकिन आज हमारे समर्पण की कद्र नहीं की जा रही है. साथ ही बस संचालकों ने सरकार से बस कर्मचारियों को गुजारा भत्ता देने की मांग की, ताकि उनके परिवार का पालन-पोषण हो सके.

बस्तर की बेजोड़ बोड़ा: स्वाद और सेहत से भरपूर ये सब्जी नॉनवेज से भी महंगी

25 मार्च से देश में लगा था लॉकडाउन

बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. पीएम मोदी ने पहली बार 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जो बाद में बढ़ता गया. उस समय देशभर में स्कूल, कॉलेज, परिवहन समेत सभी सार्वजनिक संस्थान बंद कर दिए गए थे. स्टेट बॉर्डर को भी सील कर दिया गया था. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे पर ब्रेक लगाने के लिए बसों के पहियों पर भी ब्रेक लगाना पड़ा था.

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पिछले 4 महीने से बसों के पहिए थमे हुए हैं, जिससे अब बस कर्मचारियों के सामने आर्थिक समस्या पैदा हो गई है. बस कर्मचारियों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. भाटापारा बस एसोसिएशन की बसों के पहिए भी थमे हुए हैं, जिससे सैकड़ों बस कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. बस कर्मचारियों के सामने रोजी-राटी और परिवार पालन की गंभीर समस्या पैदा हो गई है. इसे लेकर सोमवार को भाटापारा में बस कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया.

Bus workers demonstrated in Bhatapara
भाटापारा में बस कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

बस कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के जरिए अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया, जिसमें बस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों ने केंद्र सरकार, राज्यपाल और छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई. प्रदर्शन के दौरान बस कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 4 महीने से वे खाली बैठे हैं. अब परिवार चलाने में दिक्कतें हो रही हैं. सरकार हमारे तरफ भी ध्यान दे.

बस संचालन में हो रही परेशानी को लेकर केंद्रीय वित्त और परिवहन मंत्री को लिखा पत्र

बस कर्मचारियों को गुजारा भत्ता देने की मांग

बस कर्मचारियों ने कहा कि अब उनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा होने लगी है. उन्होंने कहा कि कारोना वायरस के संक्रमण काल में हम बसवालों ने अपना कर्तव्य निभाते हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया, सरकार का भरपूर साथ दिया, लेकिन आज हमारे समर्पण की कद्र नहीं की जा रही है. साथ ही बस संचालकों ने सरकार से बस कर्मचारियों को गुजारा भत्ता देने की मांग की, ताकि उनके परिवार का पालन-पोषण हो सके.

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25 मार्च से देश में लगा था लॉकडाउन

बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. पीएम मोदी ने पहली बार 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जो बाद में बढ़ता गया. उस समय देशभर में स्कूल, कॉलेज, परिवहन समेत सभी सार्वजनिक संस्थान बंद कर दिए गए थे. स्टेट बॉर्डर को भी सील कर दिया गया था. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे पर ब्रेक लगाने के लिए बसों के पहियों पर भी ब्रेक लगाना पड़ा था.

Last Updated : Jun 30, 2020, 1:03 PM IST
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