बलौदा बाजार: बलौदा बाजार के बारनवापारा अभ्यारण अंतर्गत एक नर काले हिरण की मौत हो गई. हिरण के मौत के कारण का पता नहीं चल सका है. रामपुर के चारागाह कक्ष क्रमांक 127 में शुक्रवार को हिरण की मौत हुई थी. स्थानीय लोगों ने अभ्यारण्य अधिकारियों से संपर्क की कोशिश की. हालांकि संपर्क नहीं हो पाया है.
6 माह में दर्जनभर मौतें: जिले में पिछले 6 माह के दौरान 1 दर्जन से भी अधिक वन्य प्राणियों की मौत हो गई. शिकारियों या फिर करंट की चपेट में आने से इनकी मौतें हो रही है. इसका कारण वन अधिकारियों व मैदानी अमले का लगातार गस्त न करना है. इससे अंचल के प्रकृति प्रेमी भी परेशान हैं. बता दें कि बारनवापारा अभ्यारण में सैलानियों को लुभाने के लिए अन्य प्रांतों से करीब 100 काले हिरण लाये गये थे. कुछ दिन पहले ही बाड़ा से काला हिरण जंगल में छोड़े थे. लेकिन विभागीय लापरवाही से हिरण लगातार मारे जा रहे हैं.
हिरण की बाॅडी पोस्टमार्टम के लिए रायपुर भेजी गई है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा. -मयंक अग्रवाल, डीएफओ
वन विभाग की उदासीनता के कारण जा रही जानें: बता दें कि बारनवापाराअभ्यारण्य में पदस्थ अधिकारी अक्सर मुख्यालय से बाहर रहते हैं. इसका फायदा क्षेत्र के शिकारी उठाते हैं. शिकारी बेखौफ शिकार को अंजाम दे रहे हैं. यहां आम लोगों को उसी शिकार की जानकारी मिल पाती है, जो ग्राम के आसपास हो. जंगल के अंदर हो रहे शिकार की जानकारी बाहर आ ही नहीं पाती. कुछ दिनों पहले ही देवपुर परीक्षेत्र के कुरकुटी में आवारा कुत्तों के हमले से एक काले हिरण की मौत हो गई थी. साथ ही सोनाखान परिक्षेत्र के ग्रामदेवत राई बीट में भी आवारा कुत्तों के हमले से एक हिरण की मौत हो गई थी.