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बिलाईगढ़: बिना काम कराए ही सरपंच ने निकाल ली रकम, जांच से संतुष्ट नहीं है ग्रामीण - विकासकार्य

बिलाईगढ़ सरपंच पर बिना विकासकार्य कराए सरकारी खजाने से रकम निकालने के आरोप लगे हैं.

सरपंच पर फर्जीवाड़े का आरोप
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Published : Apr 7, 2019, 10:46 PM IST

बिलाईगढ़: जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम दुरुग के सरपंच एवं सचिव पर बिना विकास कार्य किए ही सरकारी खजाने से लाखों की राशि निकालने का मामला सामने आया है.

सरपंच पर फर्जीवाड़े का आरोप


सरपंच ने लगाया फर्जी बिल
फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ, जब दुरुग निवासी मोहन महिलांग ने जनपद पंचायत बिलाईगढ़ से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी. आरटीआई से तहत मिली जानकारी के मुताबिक जो बिल लगाया गया था, ओ फर्जी था.


निरीक्षण के दौरान मिली गड़बड़ी
सरपंच पति धनाराम महिलांग के दुकान के नाम से भी बिल लगाया गया है. जबकि धनाराम महिलांग नाम से कोई दुकान ही संचालित नहीं है. जब इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई, तो उन्होंने जांच अफसरों की एक टीम को गांव में जांच के लिए भेजा. निरीक्षण के दौरान जांच टीम को शौचालय निर्माण में गड़बड़ी दिखी, जिसपर उन्होंने दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया.


जांच अधिकारी ने नहीं दिया जवाब
आपको बता दें कि 'ग्राम पंचायत में 7 अक्टूबर 2017 को शौचालय निर्माण पूरे होने की सरपंच और सचिव की ओर से लिखित जानकारी दी गई थी. निरीक्षण के बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने जांच अधिकारी से जानकारी मांगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.


कई शौचालय पाए गए अधूरे
मामले का निरीक्षण ग्रामीणों के सामने हुआ जिसमें कई शौचालय अधूरे पाए गए. इसके साथ ही बिल में जो काम दिखाया गया, उसमें से भी कुछ काम पूरा नहीं हुआ था.


'अफसरों ने नहीं की कार्रवाई'
शिकायतकर्ता का कहना है कि 'जांच टीम ने विकासकार्य का निरीक्षण तो किया लेकिन गड़बड़ी पाए जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह से वो जांच को लेकर संतुष्ट नहीं हैं'.

बिलाईगढ़: जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम दुरुग के सरपंच एवं सचिव पर बिना विकास कार्य किए ही सरकारी खजाने से लाखों की राशि निकालने का मामला सामने आया है.

सरपंच पर फर्जीवाड़े का आरोप


सरपंच ने लगाया फर्जी बिल
फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ, जब दुरुग निवासी मोहन महिलांग ने जनपद पंचायत बिलाईगढ़ से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी. आरटीआई से तहत मिली जानकारी के मुताबिक जो बिल लगाया गया था, ओ फर्जी था.


निरीक्षण के दौरान मिली गड़बड़ी
सरपंच पति धनाराम महिलांग के दुकान के नाम से भी बिल लगाया गया है. जबकि धनाराम महिलांग नाम से कोई दुकान ही संचालित नहीं है. जब इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई, तो उन्होंने जांच अफसरों की एक टीम को गांव में जांच के लिए भेजा. निरीक्षण के दौरान जांच टीम को शौचालय निर्माण में गड़बड़ी दिखी, जिसपर उन्होंने दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया.


जांच अधिकारी ने नहीं दिया जवाब
आपको बता दें कि 'ग्राम पंचायत में 7 अक्टूबर 2017 को शौचालय निर्माण पूरे होने की सरपंच और सचिव की ओर से लिखित जानकारी दी गई थी. निरीक्षण के बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने जांच अधिकारी से जानकारी मांगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.


कई शौचालय पाए गए अधूरे
मामले का निरीक्षण ग्रामीणों के सामने हुआ जिसमें कई शौचालय अधूरे पाए गए. इसके साथ ही बिल में जो काम दिखाया गया, उसमें से भी कुछ काम पूरा नहीं हुआ था.


'अफसरों ने नहीं की कार्रवाई'
शिकायतकर्ता का कहना है कि 'जांच टीम ने विकासकार्य का निरीक्षण तो किया लेकिन गड़बड़ी पाए जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह से वो जांच को लेकर संतुष्ट नहीं हैं'.

Intro:07/04/2019

लोकेशन - बिलाईगढ़

रिपोर्टर - करन साहू

स्लग-सरपंच सचिव के द्वारा बिना कार्य किये फर्जीवाड़ा कर के लाखों रुपये का आहरण.

एंकर- बिलाईगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम दुरुग के सरपंच एवं सचिव द्वारा बिना विकास कार्य किये फर्जीवाड़ा कर लाखो रुपये का आहरण करने का मामला प्रकाश में आया है. फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ जब दुरुग निवासी मोहन महिलांग ने जनपद पंचायत बिलाईगढ़ से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी. जिसमे लगे बिल फर्जी बताया जा रहा है. सरपंच पति धनाराम महिलांग के दुकान के नाम से भी बिल लगाया गया है. जबकि धनाराम महिलांग नाम से कोई दुकान ही संचालित नही है. जब इसकी शिकायत 6 बिन्दुओ मे कलेक्टर बलौदाबाजार के समक्ष किया तो, बलौदाबाजार से जांच टीम पहुची. वही जाँच अधिकरियों द्वारा शा.पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुरुग में दोनों पक्षों का बयान लिया गया. उसके बाद स्थल निरीक्षण करने पहुचे जहा विकास कार्य नही देखा गया और शौचालय में भी बड़ी गड़बड़ी दिखी.

वीओ - आपको बता दे कि यह ग्राम पंचायत मे 7 अक्टूबर 2017 को शैचालय पुर्ण होने का सरपंच सचिव द्वारा लिखित में जानकारी दिया गया है.निरीक्षण पश्चात जब हमारी टीम ने जांच अधिकारी से जानकारी मांगा तो जांच अधिकारी का भी जवाब गोलमटोल निकला. साथ ही जब शौचालय के सम्बंध में जानकारी पूछा तो अपना पैर पीछे कर लिए जबकि स्थल निरीक्षण ग्रामीणो के सामने हुआ. जिमसें बहोत से शौचालय अपूर्ण दिखा साथ ही जितना राशि का विकास कार्य बिल में दिखाया गया उसमे का कुछ भी कार्य नही दिखा. शिकायत कर्ता का कहना है कि जांच में आये थे, जांच किये स्थल निरीक्षण भी किये, लेकिन कुछ कार्यवाही नही किया गया है. जिसके चलते मैं जांच से सन्तुष्ट नही हु, साथ ही ग्रामीणों द्वारा भी सिर्फ पंच लोग का बयान लेकर ग्रामीणों से कुछ बात नही किये न ही ग्रामीणो का कुछ सुने.

अब सवाल यह है कि जांच के बाद भी क्या कुछ कार्यवाही होगा या नही

बाईट- मोहन महिलांगे - शिकायतकर्ता (नीचे टी शर्ट में )

बाईट - त्रिभुवन वर्मा -जांच अधिकारी (गाड़ी के पास खड़े है)

बाईट- ग्रामीणBody:07/04/2019

लोकेशन - बिलाईगढ़

रिपोर्टर - करन साहू

स्लग-सरपंच सचिव के द्वारा बिना कार्य किये फर्जीवाड़ा कर के लाखों रुपये का आहरण.

एंकर- बिलाईगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम दुरुग के सरपंच एवं सचिव द्वारा बिना विकास कार्य किये फर्जीवाड़ा कर लाखो रुपये का आहरण करने का मामला प्रकाश में आया है. फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ जब दुरुग निवासी मोहन महिलांग ने जनपद पंचायत बिलाईगढ़ से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी. जिसमे लगे बिल फर्जी बताया जा रहा है. सरपंच पति धनाराम महिलांग के दुकान के नाम से भी बिल लगाया गया है. जबकि धनाराम महिलांग नाम से कोई दुकान ही संचालित नही है. जब इसकी शिकायत 6 बिन्दुओ मे कलेक्टर बलौदाबाजार के समक्ष किया तो, बलौदाबाजार से जांच टीम पहुची. वही जाँच अधिकरियों द्वारा शा.पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुरुग में दोनों पक्षों का बयान लिया गया. उसके बाद स्थल निरीक्षण करने पहुचे जहा विकास कार्य नही देखा गया और शौचालय में भी बड़ी गड़बड़ी दिखी.

वीओ - आपको बता दे कि यह ग्राम पंचायत मे 7 अक्टूबर 2017 को शैचालय पुर्ण होने का सरपंच सचिव द्वारा लिखित में जानकारी दिया गया है.निरीक्षण पश्चात जब हमारी टीम ने जांच अधिकारी से जानकारी मांगा तो जांच अधिकारी का भी जवाब गोलमटोल निकला. साथ ही जब शौचालय के सम्बंध में जानकारी पूछा तो अपना पैर पीछे कर लिए जबकि स्थल निरीक्षण ग्रामीणो के सामने हुआ. जिमसें बहोत से शौचालय अपूर्ण दिखा साथ ही जितना राशि का विकास कार्य बिल में दिखाया गया उसमे का कुछ भी कार्य नही दिखा. शिकायत कर्ता का कहना है कि जांच में आये थे, जांच किये स्थल निरीक्षण भी किये, लेकिन कुछ कार्यवाही नही किया गया है. जिसके चलते मैं जांच से सन्तुष्ट नही हु, साथ ही ग्रामीणों द्वारा भी सिर्फ पंच लोग का बयान लेकर ग्रामीणों से कुछ बात नही किये न ही ग्रामीणो का कुछ सुने.

अब सवाल यह है कि जांच के बाद भी क्या कुछ कार्यवाही होगा या नही

बाईट- मोहन महिलांगे - शिकायतकर्ता (नीचे टी शर्ट में )

बाईट - त्रिभुवन वर्मा -जांच अधिकारी (गाड़ी के पास खड़े है)

बाईट- ग्रामीणConclusion:
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