बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना राम वन गमन पथ की चर्चा हर तरफ है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने उन स्थानों को विकसित करने का फैसला लिया है, जहां कभी भगवान राम के पैर पड़े थे. बलौदाबाजार जिले का तुरतुरिया भी इस महत्वकांक्षी योजना का हिस्सा है. योजना के तहत गमन पथ के दोनों ओर पौधरोपण किया जा रहा है. जिसमें अब भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने लगी है.
गिधौरी से मातागढ़ तुरतुरिया मुख्य मार्ग के दोनों किनारों पर मनरेगा के तहत 28 हजार पौधे लगाये गए थे. यह काम वन विभाग ने कराया था. पौधरोपण मनरेगा के तहत कराया गया था. इसके लिए करीब 3 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गई थी. अब आरोप लग रहे हैं कि जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण सभी 28 हजार पौधे सूखने के कगार पर है. स्थानीय इसमें पैसों की बंदरबांट का भी आरोप लगा रहे हैं.
40 किलोमीटर के दायरे में किया गया था पौधरोपण
राम वन गमन पथ योजना के पहले चरण में सड़क के दोनों किनारों पर पौधरोपण किया गया था. गिधौरी से मातागढ़ तुरतुरिया तक 40 किलोमीटर दायरे में 28 हजार पौधे लगाये गए थे. बलौदाबाजार जिले में जुलाई में वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर पौधरोपण किया गया था. पौधरोपण के चंद महीने बाद ही लगभग सारे पौधे सूख गए हैं. सड़क के दोनों ओर ट्री-गार्ड तो नजर आ रहे हैं, लेकिन पैधे कहीं-कहीं ही दिख रहे हैं.
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योजना पर लापरही भारी
पौधों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग ने बांस से बने ट्री गार्ड लगाये थे. ट्री-गार्ड के पीछे भी सरकार की एक अच्ची पहल थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना काल में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बांस से ट्री गार्ड बनाने के लिए कहा था. इसके लिए भी मनरेगा के तहत काम कराये गए थे. एक ट्री गार्ड की कीमत 450 रुपये रखी गई थी. सरकार एक साथ कई स्तर पर काम करना चाह रही थी, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार ने योजना को तमाम स्तर पर फेल कर दिया है.