बलौदाबाजार: जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर पहंदा गांव में काटनाशक युक्त चारा खाने से 11 मावेशियों की मौत हो गई है. कलेक्टर ने गुरुवार को ही जनपद सीईओ को 'रोका छेका' अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नोटिस जारी किया था. इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना से अभियान पर पानी फिर गया. फिलहाल पशु विभाग के डॉक्टर घटनास्थल पर मौजूद हैं.
बलौदाबाजार: कृषि सेवा केन्द्र में निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी, गड़बड़ी मिलने पर कई दुकानें सील
पशु चिकित्सकों के मुताबिक खेतों में छिड़काव किए गए कीटनाशक के सेवन से मवेशियों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह 7 बजे से ही गायों की तबीयत बिगड़ने लगी थी. ग्रामीणों को आशंका है कि किसी ने मवेशियों को जानबूझ कर जहर देकर मारा है. सरपंच ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और सिटी कोतवाली थाना में दी है.
बलौदाबाजार के लोगों को मिली बड़ी सौगात, अब जिला अस्पताल में होगी कोरोना की जांच
गांव में करीब 11 मवेशियों की हुई मौत
पशु विभाग के मुताबिक गुरुवार से ही मवेशियों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन दोपहर के बाद से ही स्थिति बिगड़ने लग गई थी. अब तक यहां करीब 11 मवेशियों की मौत हो चुकी है. पशु चिकित्सकों की टीम गांव में मौजूद हैं. जो मवेशियों को बचाने में जुटे हैं.
डॉक्टरों ने 4 से 5 मवेशियों को बचाया
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अभिषेक तिवारी भी संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ पहंदा पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है. पशु चिकित्सक डाॅ. जायसवाल और उनकी टीम के प्रयास से 4 से 5 मवेशियों को बचाया गया है. ग्रामीणों के साथ मिलकर विश्व हिंदू परिषद- बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मवेशियों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है. वहीं सिटी कोतवाली थाना प्रभारी विजय चौधरी ने कहा कि प्राथमिक तौर पर मवेशियों की मौत कीटनाशक से हुई है ऐसा लगता है. मामले में जांच के बाद और खुलासा हो सकता है.