बालोद: बालोद के लिए साल 2022 कई उतार चढ़ाव लेकर आया. (year ender 2022) अब नया साल 2023 चुनावी चुनौती लेकर आ रहा है. यह दोनों दलों के लिए बेहद अहम है. यहां 3 सीटें गंवा चुकी भाजपा के लिए चैलेंज है तो. (big incidents of balod in 2022)कांग्रेस पर दोबारा सीटें जीतने का दवाब होगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों दल कौन सी राजनीतिक गलतियों को नहीं दोहराना चाहेंगे. इसके अलावा नजर डालते हैं कि साल 2022 बालोद के लिए कैसा रहा. balod latest news
- कांग्रेस नेताओं का कद बढ़ा: साल 2022 में कांग्रेस के विधायक कुंवर सिंह निषाद एवं संगीता सिन्हा का कद प्रदेश सरकार में बढ़ा. साथ ही नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा को भी प्रदेश संगठन ने कई महत्वपूर्ण चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी. लगातार वे दीगर राज्यों के चुनाव में भी महती भूमिका निभाते रहे. मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से इन्हें अन्य राज्यों में चुनाव कार्यों के संचालन एवं प्रचार के लिए नियुक्त करते थे. आज बालोद जिले में मंत्री अनिला भेड़िया के साथ साथ दोनों विधायकों का कद भी काफी मजबूत हुआ है. वहीं नगर पालिका अध्यक्ष भी प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना पाने में सफल हुए.(chhattisgarh year ender 2022)
- गुंडरदेही और गुरुर अविश्वास प्रस्ताव के फेर ने बंटोरी सुर्खियां: बालोद जिले में वर्ष 2022 में दो अविश्वास प्रस्ताव लाए गए. गुंडरदेही में भारतीय जनता पार्टी ने इसका डटकर सामना किया और नगर पंचायत के अध्यक्ष रानू सोनकर को बचा पाने में सफल रहे. परंतु गुरुर नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद ही भाजपा का स्थानीय संगठन खुद पीछे हट गया. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की खूब किरकरी हुई. अविश्वास प्रस्ताव के बाद गुरुर नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू द्वारा हाई कोर्ट से स्टे लाया गया. जहां स्टे चैलेंज करने भी बीजेपी पीछे हटती रही.year ender 2022
- संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा बढ़ा कद: संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने वर्ष 2022 में अपना कद बढ़ाया . वह सर्वमान्य नेता के तौर पर आगे आईं. प्रशासन में उनकी कार्यशैली की तारीफ होने लगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ने उनकी मांगों को प्रमुखता से लेते हुए कई विकास कार्यों की सौगात दी. जिसके बाद आम जनता के बीच उनका कद बढ़ा आपको बता दें कि चुनावी वर्ष है और संजारी बालोद में जिस तरह उन्होंने अपनी पैठ बनाई शायद की कोई चेहरा है, जो उनका मुकाबला कर सके year ender 2022
- बालोद की यूथ कांग्रेस ने बनाई जिले में पहचान: बालोद जिले का युवा कांग्रेस साल भर अपने सक्रियता को लेकर चर्चा में बना रहा. सत्ता दल में होते हुए शहर अध्यक्ष साजन पटेल ने हर मोर्चे पर अपनी सफलता कर्ज कराई स्थानीय मसलों को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने पूरे जिले में एक अलग पहचान बनाई तो. विपक्षी दलों के युवा संगठन धरातल पर शून्य नजर आए.year ender 2022
- मालीघोरी हादसे ने दिया गम:मालीघोरी से बालोद मार्ग पर जुझारा नाला के पास तेज रफ्तार ट्रक ने स्कूल से घर लौट रहे बाइक सवार पिता-पुत्र को अपनी चपेट में ले लिया. इस दुर्घटना में पिता लोकेश तिवारी और उनके चार साल के बेटे दक्ष की मौत हो गई. दुर्घटना के बाद ट्रक चालक ने थाने जाकर आत्मसमर्पण कर दिया.
- राष्ट्रीय पार्टियों को मिला खुद का भवन: दो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियां एक भारतीय जनता पार्टी और दूसरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों का जिला संगठन बिना भवन के संचालित था. कांग्रेस पार्टी द्वारा पहले ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के भवन में बैठक आयोजित की जाती थी. जिसके बाद अब उन्हें राजीव भवन की सौगात मिल चुकी है. जो कि जिला स्तरीय कांग्रेस का कार्यालय है. वहीं भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो 15 साल सत्ता में होने के बावजूद भी यहां पर वह किराए के भवनों में उनका कार्यालय संचालित हो रहा था. परंतु जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार के नेतृत्व में यहां पर जिला कार्यालय भवन की नींव रखी जा चुकी है. चुनाव के पूर्व ही इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.year ender 2022
- तांदुला को संवारने की नींव रखी गई: बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने वर्ष 2022 में तांदुला जलाशय जो कि पूरे प्रदेश में जीवन दायिनी के रूप में जाना जाता है. उसे संवारने की नींव रखी. अब यहां पर एक बेहतरीन प्रोजेक्ट बनाया जाएगा जो की जलाशय को जीवंत कर देगा. यहां हट्स बनाए जाएंगे, लाइटिंग की जायेगी और पर्यटन के सुनहरे अवसर भी तलाशे जायेंगे.balod latest news
- बासीन को मिली कॉलेज की सौगात: बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम बासीन में सरकार ने इस बार महाविद्यालय की घोषणा की है. आपको बता दें कि यह क्षेत्र जनसंख्या की दृष्टि से बेहद विस्तृत है और यहां पर अध्ययन करने वाले लोगों को एक ओर गुरूर जाना होता है. दूसरी ओर अरमरीकला. परंतु इस नए महाविद्यालय की शुरुआत के साथ ही इस क्षेत्र में अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं की राह आसान हुई है.
- कृष्णकांत पवार को कोई हिला नहीं सका: भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने अपनी दूसरी पारी शुरू की. भाजपा के कुछ गुट विशेष ने लगातार उनका कद गिराने की कोशिश की पर उन्हें हटा ना पाए. लाख कोशिशों के बावजूद भी वे जमे रहे. वर्ष भर चर्चा रही की भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार बदले जा सकते हैं पर उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें पुनः सम्मान दिया गया.
- गुंडरदेही में बढ़ गए प्रत्याशी: बालोद जिले के तीनों विधानसभा की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी में सबसे ज्यादा दावेदार गुंडरदेही विधानसभा में देखने को मिल रहे हैं. यहां पूर्व विधायकों की लंबी लिस्ट है. तो वहीं नए चेहरे भी उम्मीद भरी निगाहों से पार्टी की ओर देख रहे हैं. कांग्रेस से भाजपा में आने वाले नेताओं की संख्या भी इसी विधानसभा में सबसे ज्यादा है.
- मासूम के सपनों पर कुल्हाड़ी से हमला: बालोद जिले के सांकरा (करहीभदर) गांव में दर्दनाक घटना 7 जून को हुआ. जहां भविष्य के सपने संजोए 17 वर्षीय छात्रा की 32 साल के शख्स ने हत्या कर दी. आरोपी रवि निषाद एकतरफा प्यार इस बच्ची से करता था. वो भी उस समय जब वो छात्रा रोजाना की तरह ट्यूशन जा रही थी. जिसके बाद चक्काजाम हुआ लेकिन एक घंटे के भीतर आरोपी को पकड़ लिया गया.
- एक कत्ल जिसमे 22 दिन बाद पुलिस को मिली सफलता: 29 जुलाई की सुबह अर्जुंदा थाना क्षेत्र के भालुकोन्हा गांव में एक घर की छत पर महिला संध्या राजपूत की लहूलुहान लाश मिली थी. सिर पर किसी भारी चीज से बुरी तरह वार किया गया था. गर्दन पर भी चाकू से वार के निशान दिख रहे थे. हत्याकांड से इलाके में सनसनी फैल गई. मौके पर पर किसी तरह का सुराग नहीं मिलने से हत्या की गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. 22 दिनों की कड़ी मेहनत, 300 लोगों से पूछताछ और 3 जिले के 250 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आखिरकार बालोद पुलिस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा ली. हत्यारे को सलाखों के पीछे भेज दिया. हत्यारा महिला का पड़ोसी ही निकला. हत्या के पीछे अवैध संबंधों की कहानी सामने आई है. पुलिस का कहना है कि महिला और आरोपी युवक के बीच पिछले दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. मृतिका उसे बार बार घर बुलाती थी. विकास काफी ज्यादा परेशान हो चुका था. उसने संध्या को मौत के घाट उतार दिया.
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