बालोद : स्वच्छ भारत मिशन शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का पैमाना सुधारने कवायद शुरू हो चुकी है. बालोद जिले के ग्राम कचंदूर से स्वच्छ भारत मिशन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की शुरुआत की गई है. यहां स्वच्छता की बागडोर महिलाओं ने संभाली हुई है.
जनपद पंचायत गुंडरदेही के 20 वार्ड वाले ग्राम पंचायत कचान्दूर को मॉडल पंचायत बनाने के लिए और महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के उद्देश्य से ये योजना शुरू की गई है. ग्राम कचांदूर के 12 महिलाओं को स्वच्छता ग्राही के रूप में सम्मानित किया गया और उन्हें स्वच्छता संबंधित उपकरण प्रदान किए गए, जिसमें 3 ट्राईसाईकिल, 19 डस्टबिन, 3 बेलचा, 10 टब, 3 फावड़ा, बाल्टी, मग, तराजू, स्केल, के अलावा ड्रेस कोड में कैप, मास्क ,साड़ी, सिटी और जूता भी शासन की ओर से दिया गया है.
महिलाएं बनी स्वच्छता ग्राही
स्वच्छता ग्राही सप्ताह में 2 दिन सूखा कचरा, गीला कचरा अलग-अलग रूप से इकट्ठा करेंगे, जिससे स्वच्छता ग्राही को रोजगार मिलेगा. स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जब इस गांव में इस योजना की शुरुआत हुई तो महिलाओं ने इसकी बागडोर अपने हाथों में थाम ली है. पहली बार महिलाएं रिक्शा चलाकर गली-गली निकली हैं. गांव में स्वच्छता का असर देखने को मिल रहा है. कलेक्टर ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. कलेक्टर ने बताया कि 'पहले चरण में लगभग 80 गांवों का चयन किया गया है., जहां से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जाएगा'.