ETV Bharat / state

बालोद: 'न शराब बनाएंगे, न बेचेंगे और ना ही पीएंगे', शराबबंदी को लेकर ग्रामीणों का अनोखा संकल्प

बालोद जिले के एकमात्र आदिवासी ब्लॉक के ग्रामीणों ने शराबबंदी पर सामाजिक पहल करते हुए एक अनोखी मिसाल पेश की है. गांव के लोगों ने स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कर 'न शराब बनाएंगे, न बेचेंगे और ना ही शराब पीएंगे' का संकल्प लिया है.

Villagers take oath to ban liquor
शराबबंदी को लेकर ग्रामीणों का अनोखा संकल्प
author img

By

Published : Oct 27, 2020, 5:49 PM IST

बालोद: भूपेश सरकार प्रदेश में शराबबंदी से पहले लोगों में जागरूकता लाने और शराब छुड़ाने की पहल करने में लगी है. ऐसे में डौंडी ब्लॉक के गोटुलमुंडा के ग्रामीणों ने शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाया है. ग्रामीणों ने स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कर 'न शराब बनाएंगे, न बेचेंगे और न ही शराब पीएंगे' का संकल्प लिया है.

Villagers take oath to ban liquor
शराबबंदी को लेकर ग्रामीणों का अनोखा संकल्प

गोटुलमुंडा के ग्रामीणों ने अपने गांव में शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए 20 रुपए के स्टांप पेपर पर अनोखा संकल्प लिया है, जो काबिले तारीफ है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए अपने-अपने ईष्ट देवी-देवताओं को साक्षी मानकर शपथ ली है कि वे अपने गांव को आदर्श ग्राम बनाएंगे. गांव में साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही गांव में पूरी तरह शराबबंदी की जाएगी. जो भी इस नियम का उल्लंघन करेगा, उसको दो गांव के समस्त देवी देवताओं के पूजा-पाठ के लिए दान देने के साथ-साथ 1 हजार 51 रुपए का आर्थिक दंड देना होगा. बता दें कि बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र में भारी मात्रा में महुआ से बनाई जाने वाली शराब की बिक्री की जाती है. इससे आसपास के गांव प्रभावित हो रहे हैंं. जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

पढ़ें: वादे हैं वादों का क्या: शराबबंदी की घोषणा, 7 नई दुकानों का उद्घाटन, लॉकडाउन में भी 2400 करोड़ की बिक्री

2 हजार 400 करोड़ की शराब की बिक्री

छत्तीसगढ़ में जनवरी से अगस्त तक 2 हजार 400 करोड़ की शराब की बिक्री हुई है. इसमें सबसे ज्यादा शराब की खपत प्रदेश की राजधानी रायपुर में हुई है. यहां मदिरा प्रेमी 905 करोड़ 98 लाख रुपए की शराब गटक गए. देशी और विदेशी शराब मिलाकर 93 लाख लीटर की शराब की खपत हुई है. इधर बिलासपुर में शराब प्रेमी कुल 38 लाख 36 हजार 380 लीटर शराब पी गए हैं. जिसकी कीमत 2 अरब 28 करोड़ 45 लाख आंकी जा रही है. कोरोना काल में भी शराब की खपत नहीं घटी है.

2 करोड़ 19 लाख लीटर की देसी शराब की बिक्री

छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देसी शराब की बिक्री हुई है. 8 महीने में 2 करोड़ 19 लाख लीटर की देसी शराब की बिक्री हुई है. इसके अलावा 1 करोड़ 53 लाख लीटर स्प्रिट और 86 लाख 38 हजार लीटर मॉल्ट की बिक्री हुई है. पूरे प्रदेश में सबसे कम शराब बिक्री बलरामपुर जिले में हुई है. यहां कुल 52 हजार 943 लीटर शराब की बिक्री हुई है, यानी 4 करोड़ 72 लाख रुपए की शराब बिकी है.

बालोद: भूपेश सरकार प्रदेश में शराबबंदी से पहले लोगों में जागरूकता लाने और शराब छुड़ाने की पहल करने में लगी है. ऐसे में डौंडी ब्लॉक के गोटुलमुंडा के ग्रामीणों ने शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाया है. ग्रामीणों ने स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कर 'न शराब बनाएंगे, न बेचेंगे और न ही शराब पीएंगे' का संकल्प लिया है.

Villagers take oath to ban liquor
शराबबंदी को लेकर ग्रामीणों का अनोखा संकल्प

गोटुलमुंडा के ग्रामीणों ने अपने गांव में शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए 20 रुपए के स्टांप पेपर पर अनोखा संकल्प लिया है, जो काबिले तारीफ है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए अपने-अपने ईष्ट देवी-देवताओं को साक्षी मानकर शपथ ली है कि वे अपने गांव को आदर्श ग्राम बनाएंगे. गांव में साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही गांव में पूरी तरह शराबबंदी की जाएगी. जो भी इस नियम का उल्लंघन करेगा, उसको दो गांव के समस्त देवी देवताओं के पूजा-पाठ के लिए दान देने के साथ-साथ 1 हजार 51 रुपए का आर्थिक दंड देना होगा. बता दें कि बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र में भारी मात्रा में महुआ से बनाई जाने वाली शराब की बिक्री की जाती है. इससे आसपास के गांव प्रभावित हो रहे हैंं. जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

पढ़ें: वादे हैं वादों का क्या: शराबबंदी की घोषणा, 7 नई दुकानों का उद्घाटन, लॉकडाउन में भी 2400 करोड़ की बिक्री

2 हजार 400 करोड़ की शराब की बिक्री

छत्तीसगढ़ में जनवरी से अगस्त तक 2 हजार 400 करोड़ की शराब की बिक्री हुई है. इसमें सबसे ज्यादा शराब की खपत प्रदेश की राजधानी रायपुर में हुई है. यहां मदिरा प्रेमी 905 करोड़ 98 लाख रुपए की शराब गटक गए. देशी और विदेशी शराब मिलाकर 93 लाख लीटर की शराब की खपत हुई है. इधर बिलासपुर में शराब प्रेमी कुल 38 लाख 36 हजार 380 लीटर शराब पी गए हैं. जिसकी कीमत 2 अरब 28 करोड़ 45 लाख आंकी जा रही है. कोरोना काल में भी शराब की खपत नहीं घटी है.

2 करोड़ 19 लाख लीटर की देसी शराब की बिक्री

छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देसी शराब की बिक्री हुई है. 8 महीने में 2 करोड़ 19 लाख लीटर की देसी शराब की बिक्री हुई है. इसके अलावा 1 करोड़ 53 लाख लीटर स्प्रिट और 86 लाख 38 हजार लीटर मॉल्ट की बिक्री हुई है. पूरे प्रदेश में सबसे कम शराब बिक्री बलरामपुर जिले में हुई है. यहां कुल 52 हजार 943 लीटर शराब की बिक्री हुई है, यानी 4 करोड़ 72 लाख रुपए की शराब बिकी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.