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लाल पानी और प्रभावित गांव की सूची से नाम गायब होने से ग्रामीण परेशान - ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में की शिकायत

बालोद में लाल पानी का दंश झेल रहे ग्रामीणों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले लाल पानी की समस्या और अब प्रभावित क्षेत्रों से गांव का नाम हटने के बाद ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट जाकर शिकायत की है.

लाल पानी का दंश झेल रहे ग्रामीण
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Published : Aug 19, 2019, 7:03 PM IST

बालोद: खनिज नगरी दल्लीराजहरा में ग्रामीण लाल पानी का दंश झेल रहे हैं. यहां की खदानों में लोगों को रोजगार और भिलाई संयंत्र को कच्चा लोहा तो दिया, लेकिन इसके साथ स्थानीय लोगों को लाल पानी की सजा भी मिली है. प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं. हालांकि सरकार की तरफ से पानी साफ करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई है, लेकिन तमाम योजनाएं धरातल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही हैं.

लाल पानी का दंश झेल रहे ग्रामीण, शिकायत करने पहुंचे कलेक्ट्रेट

इलाके में नहीं है पर्याप्त फिल्टर मशीन
लाल पानी से प्रभावित गांव आड़ेझर के ग्रामीण पीने का पानी लेकर शिकायत के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने जिम्मेदारों को लाल पानी दिखाते हुए फिल्टर मशीन लगाने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में एक आयरन फिल्टर मशीन, तो है पर वह इतने लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है. ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर ने उन्हें जल्द उनकी समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया.

लाल पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
ग्रामीण सरजू राम ने बताया कि लाल पानी की समस्या को लेकर वे शासन-प्रशासन और भिलाई इस्पात संयंत्र को अवगत करा रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है. उसने बताया कि मामले को लेकर उन लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए, लेकिन अब तक किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकला है. प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं.

लाल पानी प्रभावित सूची से गांव का नाम गायब
उन्होंने आगे बताया कि पहले उनके गांव को लाल पानी से प्रभावित सूची में रखा गया था, जिससे बीच-बीच में निरीक्षण होते रहता था, लेकिन अब उस सूची से गांव का नाम हटा दिया गया है. एक ग्रामीण हठियारीन बाई ने बताया कि लाल पानी पीकर ही वे जिंदगी जी रही हैं. सवाल पूछने पर पीड़िता ने बताया कि लाल पानी पीने से आए दिन गांव में किसी न किसी की तबीयत खराब होते रहती है.

कलेक्टर ने दिए जल्द निराकरण के निर्देश
लाल पानी की समस्या को लेकर समय-समय पर कार्य योजनांए बनाई तो जाती है, लेकिन इसका कोई ठोस प्रभाव देखने को नहीं मिलता है. कलेक्टर रानू साहू ने कहा कि इस समस्या को लेकर पानी का सैंपल टेस्ट कराने के साथ ही वहां तात्कालिक रूप से आयरन रिमूवल प्लांट लगाने की बात कही. साहू ने बताया कि सीएसआर मद से कार्य योजना बनाकर भिलाई इस्पात प्रबंधन के पास भी भेजी जा चुकी है जो फिलहाल पेंडिंग है.

बालोद: खनिज नगरी दल्लीराजहरा में ग्रामीण लाल पानी का दंश झेल रहे हैं. यहां की खदानों में लोगों को रोजगार और भिलाई संयंत्र को कच्चा लोहा तो दिया, लेकिन इसके साथ स्थानीय लोगों को लाल पानी की सजा भी मिली है. प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं. हालांकि सरकार की तरफ से पानी साफ करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई है, लेकिन तमाम योजनाएं धरातल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही हैं.

लाल पानी का दंश झेल रहे ग्रामीण, शिकायत करने पहुंचे कलेक्ट्रेट

इलाके में नहीं है पर्याप्त फिल्टर मशीन
लाल पानी से प्रभावित गांव आड़ेझर के ग्रामीण पीने का पानी लेकर शिकायत के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने जिम्मेदारों को लाल पानी दिखाते हुए फिल्टर मशीन लगाने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में एक आयरन फिल्टर मशीन, तो है पर वह इतने लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है. ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर ने उन्हें जल्द उनकी समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया.

लाल पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
ग्रामीण सरजू राम ने बताया कि लाल पानी की समस्या को लेकर वे शासन-प्रशासन और भिलाई इस्पात संयंत्र को अवगत करा रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है. उसने बताया कि मामले को लेकर उन लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए, लेकिन अब तक किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकला है. प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं.

लाल पानी प्रभावित सूची से गांव का नाम गायब
उन्होंने आगे बताया कि पहले उनके गांव को लाल पानी से प्रभावित सूची में रखा गया था, जिससे बीच-बीच में निरीक्षण होते रहता था, लेकिन अब उस सूची से गांव का नाम हटा दिया गया है. एक ग्रामीण हठियारीन बाई ने बताया कि लाल पानी पीकर ही वे जिंदगी जी रही हैं. सवाल पूछने पर पीड़िता ने बताया कि लाल पानी पीने से आए दिन गांव में किसी न किसी की तबीयत खराब होते रहती है.

कलेक्टर ने दिए जल्द निराकरण के निर्देश
लाल पानी की समस्या को लेकर समय-समय पर कार्य योजनांए बनाई तो जाती है, लेकिन इसका कोई ठोस प्रभाव देखने को नहीं मिलता है. कलेक्टर रानू साहू ने कहा कि इस समस्या को लेकर पानी का सैंपल टेस्ट कराने के साथ ही वहां तात्कालिक रूप से आयरन रिमूवल प्लांट लगाने की बात कही. साहू ने बताया कि सीएसआर मद से कार्य योजना बनाकर भिलाई इस्पात प्रबंधन के पास भी भेजी जा चुकी है जो फिलहाल पेंडिंग है.

Intro:बालोद।

बालोद जिले के खनिज नगरी कहने वाली दल्ली राजहरा जहां स्थापित खदानों ने लोगों को रोजगार दिया और भिलाई इस्पात संयंत्र को कच्चा लोहा दिया विकास के साथ साथ इस खदानों ने लाल पानी का दंश भी छोड़ा जो नित इसके प्रभावित ग्रामीणों के लिए धीमा जहर का काम कर रही है इनके लिए समय-समय पर कुछ योजनाएं तो बनाई गई परंतु वह योजनाएं महज सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।
इसी तरह लाल पानी से प्रभावित ग्राम आड़ेझर के ग्रामीण अपनी समस्या लेकर पहुंचे हांथों में पीने वाला पानी लेकर पहुंचे इन्ही पानी को पी कर ये ग्रामीण जीवन यापन कर रहे हैं हालांकि वहां एक आयरन फ़िल्टर मशीन है पर वह पर्याप्त नहीं है कलेक्टर रानू साहू ने मामले पर त्वरित निराकरण के साथ साथ दीर्घकालिक निराकरण की बात कही।


Body:वीओ - ग्रामीण सरजू राम ने बताया कि लगातार लाल पानी की समस्या लेकर हम शासन-प्रशासन और भिलाई इस्पात संयंत्र को भी अवगत करा रहे हैं बावजूद इसके अभी तक कोई स्थाई निराकरण नहीं मिल पाया है लाल पानी पीने को हम लोग मजबूर हैं और तो और चक्काजाम आदि का उपाय भी अपना चुके हैं परंतु अब तक किसी तरह का कोई निराकरण नहीं निकल पाया है उन्होंने आगे बताया कि समस्या तो आगे है भी है की पहले हमारे ग्राम को लाल पानी से प्रभावित सूची में रखा गया था जिससे बीच-बीच में निरीक्षण आदि हुआ करता था परंतु अब तो सूची से भी इस नाम को हटा दिया गया है जिसके कारण किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वीओ - ग्रामीण हठियारीन बाई ने बताया कि इसी पानी को पीकर हम जिंदगी जी रहे हैं सवाल पूछने पर पीड़ित महिला ने बताया कि आए दिन तबीयत खराब होता रहता है तबीयत खराब होता है तो आराम करते हैं ठीक होता है तो फिर काम में जाते हैं यही दिनचर्या बस रह गया है



Conclusion:लाल पानी की समस्या को लेकर समय-समय पर योजनाएं कार्य योजना आदि बनाई तो जाती है परंतु इसका कोई ठोस प्रभाव देखने को नहीं मिलता है जिसके कारण लाल पानी से प्रभावित लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है कलेक्टर रानू साहू ने कहा कि इस समस्या को लेकर पानी का सैंपल लेकर आए हुए हैं पानी का सैंपल टेस्ट कराने के साथ ही वहां तात्कालिक रूप से आयरन रिमूवल प्लांट लगाने की बात कही साथ ही कलेक्टर रानू साहू ने बताया कि सीएसआर मद से कार्ययोजना बनाकर भिलाई इस्पात प्रबंधन के पास भी भेजी जा चुकी है जो कि पेंडिंग है।


बाइट - हठियारीन बाई, पीड़ित ग्रामीण

बाइट - सरजू राम, ग्रामीण

बाइट - रानू साहू, कलेक्टर बालोद
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