बालोद : छत्तीसगढ़ में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. बालोद को दुर्ग जिले से अलग इसलिए किया गया था कि इसका बेहतर विकास हो सके लेकिन हकीकत कुछ और ही है. जिले में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है.
बालोद जिले में अगर आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक एक लाख 60 हजार बेरोजगार पंजीकृत है, जिसमें से एक लाख एक हजार 632 महिला और 59 हजार 183 पुरूष शामिल है.
2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता
जिले में उद्योगों और स्वरोजगार की कमी है. भूपेश सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान जिले में 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, जिसका अब तक कोई पता नहीं है. वहीं रोजगार विभाग लगातार कैंप लगाकर रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाने की बात कर रहा है.
बीजेपी लगा रही कांग्रेस पर आरोप
जिले में बेरोजगारी की समस्या को लेकर दोनों ही पार्टियां राजनीतिक रोटियां सेकने में लगी हुई है. बीजेपी 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की बात को लेकर कांग्रेस पर लगातार आरोप लगा रही है कि उन्होंने बेरोजगारों के साथ छल किया है. जिले के बेरोजगारों के साथ भूपेश सरकार ने ठगी की है.
कांग्रेस ने पूर्व सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस पूर्व की सरकार पर निशाना साधने में लगी है. उनका कहना है कि बीजेपी ने जो बेरोजगारी दूर किए जाने का वादा किया था, वो अब तक पूरा नहीं कर पाई है. साथ ही कांग्रेस नेता का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने जो वादा किया है वह जल्द ही पूरा करेगी. सरकार रोजगार देने के लिए बहुत से उद्योग स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है.
सत्ता के सूबेदार बदले लेकिन बेरोजगारी का आलम आज भी है. राजनीतिक पार्टियां केवल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त हैं. अब देखना होगा कि सरकार बेरोजगारों के लिए क्या कदम उठाती है.