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महाराष्ट्र काम करने गए 20 मजदूर वापस अपने घर बालोद लौटे - labourers returned to Balod

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के रहने वाले मजदूर महाराष्ट्र में काम करने गए थे, वहां से करीब 20 मजदूर गुरुवार को अपने गृहग्राम पहुंचे हैं. उनके साथ बच्चे भी हैं.

labourers return home
अपने गृहग्राम वापस लौटे मजदूर
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Published : May 14, 2020, 5:56 PM IST

बालोद: महाराष्ट्र में काम करने वाले लगभग 20 मजदूर अपनी पत्नी-बच्चों के साथ गुरुवार को वापस अपने गृह जिले बालोद पहुंचे हैं. प्रशासन ने जिला मुख्यालय स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाकर उन्हें भोजन कराया और उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.

दूसरे राज्यों में काम करने गए सभी मजदूरों ने वापस अपने घर लौटकर खुशी जाहिर की है. मजदूरों ने बताया कि वहां उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ढाई किलो अनाज उन्हें दिए जाते थे, जो एक सप्ताह भी नहीं चल पाता था, इसलिए उन्होंने वहां रहने से अच्छा अपने घर लौटना बेहतर समझा.

अपने गृहग्राम वापस लौटे मजदूर

पढ़ें:दो सड़क हादसों में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत, 50 से ज्यादा घायल


मजदूरों ने यह भी बताया कि वे महाराष्ट्र रोजी-रोटी कमाने गए थे. वे वहां भवन निर्माण के कार्य में लगे हुए थे. मजदूरों ने यह भी बताया कि जैसे ही लॉकडाउन हुआ, उन्हें वहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि समय-समय पर राशन तो मिलता था, पर वो पर्याप्त नहीं था, इसलिए सभी मजदूर वहां से पैदल ही निकल पड़े, जिसके बाद छत्तीसगढ़ बॉर्डर पहुंचने के साथ इन्हें बस से बालोद तक लाया गया.

सुरक्षा के साथ कराया गया मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण

बालोद आने के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरी सुरक्षा के साथ इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और भोजन की व्यवस्था की गई. इसके बाद उन्हें 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन कर उनके घर भेजा जाएगा.

बालोद: महाराष्ट्र में काम करने वाले लगभग 20 मजदूर अपनी पत्नी-बच्चों के साथ गुरुवार को वापस अपने गृह जिले बालोद पहुंचे हैं. प्रशासन ने जिला मुख्यालय स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाकर उन्हें भोजन कराया और उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.

दूसरे राज्यों में काम करने गए सभी मजदूरों ने वापस अपने घर लौटकर खुशी जाहिर की है. मजदूरों ने बताया कि वहां उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ढाई किलो अनाज उन्हें दिए जाते थे, जो एक सप्ताह भी नहीं चल पाता था, इसलिए उन्होंने वहां रहने से अच्छा अपने घर लौटना बेहतर समझा.

अपने गृहग्राम वापस लौटे मजदूर

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मजदूरों ने यह भी बताया कि वे महाराष्ट्र रोजी-रोटी कमाने गए थे. वे वहां भवन निर्माण के कार्य में लगे हुए थे. मजदूरों ने यह भी बताया कि जैसे ही लॉकडाउन हुआ, उन्हें वहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि समय-समय पर राशन तो मिलता था, पर वो पर्याप्त नहीं था, इसलिए सभी मजदूर वहां से पैदल ही निकल पड़े, जिसके बाद छत्तीसगढ़ बॉर्डर पहुंचने के साथ इन्हें बस से बालोद तक लाया गया.

सुरक्षा के साथ कराया गया मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण

बालोद आने के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरी सुरक्षा के साथ इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और भोजन की व्यवस्था की गई. इसके बाद उन्हें 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन कर उनके घर भेजा जाएगा.

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