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Swachhta didi protest : स्वच्छता दीदीयों ने वेतन विसंगति दूर करने के लिए दिया धरना - बालोद में सफाईकर्मियों का प्रदर्शन

बालोद में सफाई कर्मियों ने नगरपालिका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सफाईकर्मी स्वच्छता दीदियों के साथ वेतन विसंगति दूर करने के समेत ईपीएफ की मांग कर रहे हैं. protest of sweepers in Balod

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स्वच्छता दीदीयों का प्रदर्शन
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Published : Mar 24, 2023, 1:48 PM IST

बालोद : जिले में ईपीएफ और कलेक्टर दर पर राशि भुगतान करने की मांग पर स्वच्छता दीदी समेत सफाईकर्मी अड़ गए हैं. जिसके कारण पूरे शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. स्वच्छता दीदी और सफाईकर्मियों ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया है. इनका कहना है कि जब तक इनकी मांगें पूरी नहीं होती ये अपने काम पर नहीं जाएंगे.ये सभी अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से प्रशासन से गुहार लगा रहे थे.

स्वच्छता दीदी ने बताई आप बीती : स्वच्छता दीदी शबनम ने कहा कि ''नगरपालिका उनकी मदद से पूरे शहर की साफ सफाई करवाती है. लेकिन अभी तक उन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिली.पिछले छह साल ये स्वच्छता दीदी घर-घर जाकर कचरा का कलेक्शन करतीं हैं. लेकिन ना तो पालिका में नियमितिकरण हो रहा है और ना ही कलेक्टर दर पर भुगतान किया जा रहा.जिससे भविष्य खतरे में हैं. स्वच्छता दीदी के मुताबिक समर्थन में आवाज उठाने वाले प्रदेशाध्यक्ष ने दिल्ली जाकर मांगें रखीं थीं. जिसे काम से निकाल दिया गया.''

ये भी पढ़ें- मेडिकल लीव लगाकर गोवा में मजे कर रहे शिक्षक

क्या है सफाईकर्मियों की मांग : स्वच्छता कर्मियों ने शासन से ईपीएफ समेत कलेक्टर दर पर भुगतान की मांग की है. इनके मुताबिक शासन की सभी योजनाओं से सफाई कर्मी काम कर रहे हैं.सभी योजनाओं को चलाने में इनका भी काफी योगदान है. लेकिन स्वच्छताकर्मियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.वेतन विसंगति को दूर नहीं किया जा सका है. स्वच्छता की जिम्मेदारी सभी की है.लेकिन सफाईकर्मी कम पैसों में ही पूरे शहर को साफ रखने का काम कर रहे हैं.इसलिए भविष्य के मद्देनजर पैसे और सुविधाएं स्वच्छताकर्मियों का हक है.




बालोद : जिले में ईपीएफ और कलेक्टर दर पर राशि भुगतान करने की मांग पर स्वच्छता दीदी समेत सफाईकर्मी अड़ गए हैं. जिसके कारण पूरे शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. स्वच्छता दीदी और सफाईकर्मियों ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया है. इनका कहना है कि जब तक इनकी मांगें पूरी नहीं होती ये अपने काम पर नहीं जाएंगे.ये सभी अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से प्रशासन से गुहार लगा रहे थे.

स्वच्छता दीदी ने बताई आप बीती : स्वच्छता दीदी शबनम ने कहा कि ''नगरपालिका उनकी मदद से पूरे शहर की साफ सफाई करवाती है. लेकिन अभी तक उन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिली.पिछले छह साल ये स्वच्छता दीदी घर-घर जाकर कचरा का कलेक्शन करतीं हैं. लेकिन ना तो पालिका में नियमितिकरण हो रहा है और ना ही कलेक्टर दर पर भुगतान किया जा रहा.जिससे भविष्य खतरे में हैं. स्वच्छता दीदी के मुताबिक समर्थन में आवाज उठाने वाले प्रदेशाध्यक्ष ने दिल्ली जाकर मांगें रखीं थीं. जिसे काम से निकाल दिया गया.''

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क्या है सफाईकर्मियों की मांग : स्वच्छता कर्मियों ने शासन से ईपीएफ समेत कलेक्टर दर पर भुगतान की मांग की है. इनके मुताबिक शासन की सभी योजनाओं से सफाई कर्मी काम कर रहे हैं.सभी योजनाओं को चलाने में इनका भी काफी योगदान है. लेकिन स्वच्छताकर्मियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.वेतन विसंगति को दूर नहीं किया जा सका है. स्वच्छता की जिम्मेदारी सभी की है.लेकिन सफाईकर्मी कम पैसों में ही पूरे शहर को साफ रखने का काम कर रहे हैं.इसलिए भविष्य के मद्देनजर पैसे और सुविधाएं स्वच्छताकर्मियों का हक है.




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