बालोद: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए राम भक्तों का सहयोग लिया जाएगा. बालोद शहर के सरस्वती शिशु मंदिर सभागार में राम भक्तों की बैठक हुई. सामाजिक राजनैतिक संगठन के राम भक्त शामिल हुए. सभी राम भक्त, पूज्य संत और समाज के लोग मौजूद रहे. श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण को आगे बढ़ाने की रूपरेखा बैठक में बनाई गई. राम भक्त निधि समर्पण के लिए तैयारी में जुटने की अपील की.
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बालोद नगर के सरस्वती शिशु मंदिर सभागार में बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी राम भक्त शामिल हुए. भाजपा-कांग्रेस सहित विभिन्न राजनैतिक संगठनों के भी लोग शामिल हुए. बैठक के दौरान बालोद में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा बनाई गई. साथ ही राम मंदिर निर्माण में एक-एक व्यक्ति के योगदान पर चर्चा की गई.
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राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा राम मंदिर
बालोद नगर प्रभारी कमलेश सोनी ने बताया देश की हर जाति मत पंथ संप्रदाय का सहयोग लिया जा रहा है. राम मंदिर सभी के सहयोग से राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा. हिंदू सेना अध्यक्ष धीरज चोपड़ा ने बताया कि असंख्य राम भक्तों के संघर्ष को नमन किया. राम भक्तों को सहयोग के लिए बढ़-चढ़कर आगे आने का आह्वान किया.
बैठक में शरद ठाकुर ने कहा कि हमें सिर्फ निधि दानी ही नहीं समय दानी भी चाहिए. यह कोई चंदा नहीं है. एक निधि समर्पण है. प्रत्येक व्यक्ति का योगदान इस मंदिर निर्माण में हो. ताकि आने वाली पीढ़ी को मंदिर निर्माण और योगदान के बारे में बताया जाए.
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पांच सदियों का संघर्ष हुआ सफल
राम भक्तों ने कहा कि भगवान श्री राम की जन्मभूमि को दोबारा सम्मान प्राप्त हुआ है. रक्षा के लिए हिंदू समाज ने पांच सदियों तक संघर्ष किया. समाज की भावनाओं और मंदिर से जुड़े इतिहास की सच्चाई को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार किया. भारत सरकार को एक न्यास बनाने का निर्देश दिया. सरकार ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से यहां की घोषणा की है. हम सब को मंदिर निर्माण में अपना सहयोग देना है.
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होंगे विभिन्न आयोजन
राम भक्तों ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को मंदिर के इतिहास की सच्चाईयों से अवगत कराने की आवश्यकता है. मंदिर से संबंधित रथ गांव-गांव गली-गली भेजे जाएंगे. रथ से राम नाम की ध्वनि गूंजती रहेगी. घर-घर जाकर श्री राम जन्म भूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा.
पूर्ण पारदर्शिता
जनसंपर्क अभियान में सैकड़ों कार्यकर्ता रहेंगे. भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता. आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखा जाएगा. 10 रुपये से लेकर 100 और 1000 रुपये तक के कूपन छापी गई है. करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी पहुंचाया जाएगा.