बालोद: कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किया गया लॉकडाउन के अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने अब बच्चों की पढ़ाई के लिए नया विकल्प तलाशा है. हर एक गांव में मोहल्ला क्लास की शुरुआत की गई है, तो कुछ जगहों पर लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. शिक्षक एक चौराहे से माइक लगाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वहीं बच्चे दूर अपने घरों में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं.
लॉकडाउन की वजह से पिछले 4 महीनों से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है. सरकार ने भी कई क्लास के छात्र-छत्राओं को जनरल प्रमोशन दे दिया गया है. जिसके बाद से अब यहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने नवाचार किया है. जिसके तहत अलग-अलग तरीकों से बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है. कई गांव में शिक्षक मोहल्ले-मोहल्ले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए क्लास संचालित कर रहे हैं. बच्चे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पढ़ाई कर रहे हैं.
धमतरी में लाउडस्पीकर से होगी पढ़ाई, चार ब्लॉक से 30-30 स्कूलों का हुआ चयन
धमतरी में लाउडस्पीकर से पढ़ाई
धमतरी में भी ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को देखते हुए नई तरकीब निकाली गई है. इसके लिए अब लाउडस्पीकर के जरिए बच्चों को पढ़ाई कराई जाएगी. राज्य सरकार के फैसले के बाद जिले में इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए जिले के चारों ब्लॉक से 30-30 स्कूलों का चयन भी कर लिया गया है. इन स्कूलों में 15 अगस्त के बाद से लाउडस्पीकर के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा. जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बच्चों के बचाव के साथ-साथ उनकी पढ़ाई हो सकेगी. शिक्षा विभाग का कहना है कि पंचायतों में इस पहल को सहयोग भी मिल रहा है. जिले के शिक्षक भी इसके लिए तैयार हैं. हालांकि कुछ जगहों पर अभी से बच्चों को लाउडस्पीकर या माइक के जरिए पढ़ाया जा रहा है.