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साउंड सर्विस और धुमाल संचालकों ने SDM को सौंपा ज्ञापन, बेरोजगारी भत्ते की मांग - साउंड सर्विस और धुमाल ग्रुप बालोद

बालोद में साउंड सर्विस वाले, धुमाल ग्रुप, डीजे संचालक समेत इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर SDM को ज्ञापन सौंपा है.

Sound Service and Dhumal Operators
बेरोजगारी भत्ते की मांग
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Published : Oct 22, 2020, 3:37 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 3:51 PM IST

बालोद: दुर्गा पंडाल समितियां, साउंड सर्विस वाले, धुमाल ग्रुप, डीजे संचालक समेत इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर SDM कार्यालय पहुंचे. उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है साथ ही उनकी समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है. अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारी को देने की बात कही, लेकिन समस्या का समाधान न होता देख सभी ने अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी.

बेरोजगारी भत्ते की मांग

साउंड सर्विस से जुड़े लोगों का कहना है कि बीते मार्च से वे खाली बैठे हुए हैं. पेट पालने तक की समस्या आ गई है. नवरात्रि जैसे पर्व में कम से कम माइक संचालन की अनुमति देनी चाहिए और विसर्जन इत्यादि में धुमाल समूहों को भी काम देने की पहल प्रशासन को करनी चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक तरफ जहां शराब दुकानों में लोगों की लाइन लगती है वहां प्रशासन मौन रहता है और गरीब लोगों के काम पर रोक लगाए हुए है.

पढ़ें-डीजे और साउंड सर्विस वालों का फूटा गुस्सा, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बेरोजगारी भत्ते की मांग

जब एसडीएम के माध्यम से उन्हें समस्याओं का समाधान नहीं मिला तो वे कलेक्ट्रेट जाने के लिए निकल चुके थे. जहां पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें समझाया और वहीं रोक दिया. सभी समूहों से चर्चा करने की कोशिश की गई. माइक संचालकों और डीजे संचालकों का कहना था कि कर्ज लेकर वे बड़े-बड़े सामान खरीदते हैं. इस बार भी उन्होंने महंगे उपकरण खरीदी थे, लेकिन कोरोना काल में उन्हें काम नहीं मिला. प्रशासन को ऐसे समय में उनके साथ सौतेला व्यवहार नहीं करना चाहिए. उन्होंने बेरोजगारी भत्ते की मांग भी प्रशासन से की है.

बालोद: दुर्गा पंडाल समितियां, साउंड सर्विस वाले, धुमाल ग्रुप, डीजे संचालक समेत इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर SDM कार्यालय पहुंचे. उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है साथ ही उनकी समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है. अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारी को देने की बात कही, लेकिन समस्या का समाधान न होता देख सभी ने अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी.

बेरोजगारी भत्ते की मांग

साउंड सर्विस से जुड़े लोगों का कहना है कि बीते मार्च से वे खाली बैठे हुए हैं. पेट पालने तक की समस्या आ गई है. नवरात्रि जैसे पर्व में कम से कम माइक संचालन की अनुमति देनी चाहिए और विसर्जन इत्यादि में धुमाल समूहों को भी काम देने की पहल प्रशासन को करनी चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक तरफ जहां शराब दुकानों में लोगों की लाइन लगती है वहां प्रशासन मौन रहता है और गरीब लोगों के काम पर रोक लगाए हुए है.

पढ़ें-डीजे और साउंड सर्विस वालों का फूटा गुस्सा, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बेरोजगारी भत्ते की मांग

जब एसडीएम के माध्यम से उन्हें समस्याओं का समाधान नहीं मिला तो वे कलेक्ट्रेट जाने के लिए निकल चुके थे. जहां पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें समझाया और वहीं रोक दिया. सभी समूहों से चर्चा करने की कोशिश की गई. माइक संचालकों और डीजे संचालकों का कहना था कि कर्ज लेकर वे बड़े-बड़े सामान खरीदते हैं. इस बार भी उन्होंने महंगे उपकरण खरीदी थे, लेकिन कोरोना काल में उन्हें काम नहीं मिला. प्रशासन को ऐसे समय में उनके साथ सौतेला व्यवहार नहीं करना चाहिए. उन्होंने बेरोजगारी भत्ते की मांग भी प्रशासन से की है.

Last Updated : Oct 22, 2020, 3:51 PM IST
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