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बालोद : कठिन परिस्थितियों में जीने की कला सीख रहे स्काउट गाइड

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झलमला में जिले भर के विभिन्न विद्यालयों से स्काउट गाइड द्वितीय व तृतीय सोपान के प्रशिक्षण हेतु एकत्रित हुए हैं. जहां विषम परिस्थितियों में कैसे जीवित रहे, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है.

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Published : Aug 18, 2019, 2:59 PM IST

सर्वश्रेष्ठ स्काउट गाइड को मिलेगा पुरस्कार

बालोद : जिले से लगे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झलमला में जिलेभर के विभिन्न विद्यालयों से स्काउट गाइड द्वितीय व तृतीय सोपान के प्रशिक्षण हेतु जमा हुए, जहां उन्हें विषम परिस्थितियों में जीवित रहने की ट्रेनिंग दी गई.

स्काउट गाइड शिविर का आयोजन किया गया
स्काउट गाइड प्रदेश संयुक्त सचिव सीमा साहू ने बताया कि, 'यहां कैंप लगाया गया है, जहां जिलेभर से बच्चे आए हुए हैं. वित्तीय सोपान में गांठ बांधना, लाठी का सही उपयोग करना सहित विषम परिस्थितियों में कैसे खुद को सहज रखें. ये सभी बातें सिखाई जा रही हैं, जो सर्वश्रेष्ठ स्काउट गाइड रहेंगे, उनका चयन राज्यपाल पुरस्कार के लिए किया जाएगा'.

पढ़ें: बालोद: दुर्ग के अनाज व्यापारी से पिस्टल की नोक पर 51 लाख की लूट

शिविर में कुल 499 बच्चे शामिल
झलमला में आयोजित इस शिविर में जिले से कुल 499 बच्चे शामिल हुए हैं, जिसमें स्काउट्स की संख्या 223, गाइड की संख्या 163, रोवर की संख्या 73 और रेंजर की संख्या 40 है. सीमा साहू ने बताया कि, 'स्काउट गाइड्स को लेकर एक अवधारणा रहती है कि कुर्सी टेबल लगाना और पानी पिलाना आदि इनके कार्य हैं, लेकिन ऐसा नहीं है'.

25 प्रशिक्षणार्थी द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि, 'स्कूली जीवन में स्काउट्स और गाइड के माध्यम से बच्चे उज्जवल भविष्य के लिए स्काउट गाइड की ट्रेनिंग ले रहे हैं. इस शिविर में उन्हें कैंप फायर सहित अन्य विषयों के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को निखारने का अवसर दिया जा रहा है. यहां 25 प्रशिक्षणार्थी बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं'.

बालोद : जिले से लगे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झलमला में जिलेभर के विभिन्न विद्यालयों से स्काउट गाइड द्वितीय व तृतीय सोपान के प्रशिक्षण हेतु जमा हुए, जहां उन्हें विषम परिस्थितियों में जीवित रहने की ट्रेनिंग दी गई.

स्काउट गाइड शिविर का आयोजन किया गया
स्काउट गाइड प्रदेश संयुक्त सचिव सीमा साहू ने बताया कि, 'यहां कैंप लगाया गया है, जहां जिलेभर से बच्चे आए हुए हैं. वित्तीय सोपान में गांठ बांधना, लाठी का सही उपयोग करना सहित विषम परिस्थितियों में कैसे खुद को सहज रखें. ये सभी बातें सिखाई जा रही हैं, जो सर्वश्रेष्ठ स्काउट गाइड रहेंगे, उनका चयन राज्यपाल पुरस्कार के लिए किया जाएगा'.

पढ़ें: बालोद: दुर्ग के अनाज व्यापारी से पिस्टल की नोक पर 51 लाख की लूट

शिविर में कुल 499 बच्चे शामिल
झलमला में आयोजित इस शिविर में जिले से कुल 499 बच्चे शामिल हुए हैं, जिसमें स्काउट्स की संख्या 223, गाइड की संख्या 163, रोवर की संख्या 73 और रेंजर की संख्या 40 है. सीमा साहू ने बताया कि, 'स्काउट गाइड्स को लेकर एक अवधारणा रहती है कि कुर्सी टेबल लगाना और पानी पिलाना आदि इनके कार्य हैं, लेकिन ऐसा नहीं है'.

25 प्रशिक्षणार्थी द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि, 'स्कूली जीवन में स्काउट्स और गाइड के माध्यम से बच्चे उज्जवल भविष्य के लिए स्काउट गाइड की ट्रेनिंग ले रहे हैं. इस शिविर में उन्हें कैंप फायर सहित अन्य विषयों के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को निखारने का अवसर दिया जा रहा है. यहां 25 प्रशिक्षणार्थी बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं'.

Intro:बालोद।

बालोद जिला मुख्यालय से लगे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झलमला में जिले भर के विभिन्न विद्यालयों से स्काउट्स और गाइड द्वितीय व तृतीय सोपान की प्रशिक्षण हेतु एकत्रित हुए हैं जहां ध्यान शील के साथ ही विषम परिस्थितियों में कैसे जीवित रहे इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।
संयुक्त सचिव सीमा साहू ने बताया कि कुछ दिनों पहले देश के प्रधानमंत्री एक एडवेंचर कार्यक्रम मैन वर्सेस वाइल्ड में दिखे थे हम आपको बता देना चाहते हैं कि उसके जो प्रोड्यूशर है वह तन मन से स्काउटिंग रहे हैं और उनका जज्बा आज भी उस कार्यक्रम के माध्यम से दिखता है।



Body:वीओ - स्काउट गाइड प्रदेश संयुक्त सचिव सीमा साहू ने बताया कि यहां कैंप लगाया गया है जहां जिले भर से बच्चे एकत्रित हुए हैं वित्तीय सोपान में गांठ बांधना लाठी का सही उपयोग सहित विषम परिस्थितियों में कैसे खुद को सहज महसूस करे आधी बातें सिखाई जा रही हैं इंसान के बाद जो सर्वश्रेष्ठ स्काउट्स और गाइड रहेंगे उनका चयन राज्यपाल पुरस्कार के लिए किया जाएगा काफी अच्छा विषय है कि बालोद ने इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।

वीओ - झलमला में आयोजित इस शिविर में जिले भर से कुल 499 बच्चे शामिल हुए हैं जिसमें स्काउट्स की संख्या 223 गाइड की संख्या 163 रोवर की संख्या 73 रेंजर की संख्या 40 है और सभी बच्चे सीख रहे हैं सीमा साहू ने कहा कि स्काउट गाइड्स को लेकर एक अवधारणा रहती है कि खुशी टेबल लगाना पानी पिलाना आदि इनके कार्य हैं परंतु कभी अगर विषम परिस्थितियां हो सब यह बच्चे आम जनता के काफी कार्य आ सकते हैं और इन्हें इसी बात की ट्रेनिंग दी जाती।


Conclusion:स्कूली जीवन में स्काउट्स और गाइड के माध्यम से बच्चे उज्जवल भविष्य के लिए स्काउट गाइड की ट्रेनिंग ले रहे हैं इस शिविर में उन्हें कैंप फायर सहित अन्य विषयों के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जा रहा है यहां 25 प्रशिक्षणार्थी बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं

बाइट - सीमा साहू, प्रदेश संयुक्त सचिव, स्काउट गाइड
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