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बालोद में सरकारी पैसों की बंदरबाट, ऐसे हुआ घपला !

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Published : May 27, 2022, 9:31 PM IST

बालोद में किसानों को भ्रमण कराने के नाम पर बड़ा घपला सामने आया है. यहां गुरुर और बालोद जनपद पंचायत में अधिकारियों पर आरोप है कि किसानों के भ्रमण में मनचाहे लोगों को टूर पर ले जाया गया है. जो कि सरकारी पैसों का दुरुपयोग है.

Scam in farmers tour in Balod
बालोद में सरकारी पैसे की बंदरबाट

बालोद: बालोद के पशुधन विकास विभाग के तहत किसानों को उन्नत खेती का गुर सीखाने के लिए टूर पर ले जाना था. लेकिन यहां अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगा है. आरोप है कि अधिकारी अपने चहेतों को भ्रमण पर ले गए. जो असल में किसान हैं वह टूर से छूट गए. बालोद जनपद और गुरुर जनपद दोनों जगह पर मनमाने ढंग से यह काम किया गया. यहां अधिकारियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने मनमाने ढंग से किसानों को भ्रमण पर न ले जाकर अपने चहेते लोगों को टूर पर ले जाने का कार्य किया.

किसानों के भ्रमण के नाम पर घपला: बालोद जनपद पंचायत से टीडी देवांगन को भ्रमण का प्रभारी बनाया गया था. जबकि गुरुर जनपद से पीएन गुप्ता को भ्रमण का प्रभारी बनाया गया. पशुधन विकास विभाग के नोडल अधिकारी टीडी देवांगन ने जानकारी देते हुए बताया कि "एक परिवार से केवल एक ही व्यक्ति को भ्रमण में जाना था परंतु कुछ जगहों पर तो पूरे परिवार को भ्रमण में ले जाया गया. जिसमें एक किसान भी शामिल नहीं है"

गुरुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा हुई गड़बड़ी: भ्रमण के नाम पर सबसे ज्यादा मनमानी बालोद जिले के गुरुर जनपद में देखी गई. जहां पर सभी जनपद सदस्यों एवं उनके परिजनों को भ्रमण में ले जाया गया है. एक तरफ किसानों को ले जाने का दावा पशुधन विकास विभाग कर रही है. जब नोडल अधिकारी टीडी देवांगन को भ्रमण के विषय में बालोद जनपद के संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि "यहां पर केवल जनपद सदस्य और कुछ सरपंचों को ले जाया गया है तो उन्होंने सिरे से मामले को खारिज करते हुए कहा कि सरपंच भी तो किसान हैं"

ये भी पढ़ें: Farmer on dharna in Balod: राजस्व अभिलेख से गायब हुई किसान की जमीन, अब नहीं बेच पा रहा धान

किसानों को भ्रमण कराने का क्या था उदेश्य: पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी से जब इस संदर्भ में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बकरी पालन सहित शासकीय संस्था के जो बेहतरीन डेयरी हैं उन्हें देखने और उनसे सीखने के लिए किसानों को भ्रमण पर ले जाया गया. किसानों के नाम पर चाहेतों को यहां पर भ्रमण हेतु विशाखापट्टनम ले जाया जा रहा है और विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम केवल किसानों को ही ले जा रहे हैं. परंतु सच बात तो यह है कि यहां पर जनपद सदस्यों जनप्रतिनिधियों सरपंचों को भ्रमण हेतु ले जाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: कीमतें कम होने के बाद भी बालोद में 1800 रुपये प्रति बोरी का मिल रहा खाद



जनपद पंचायत से मिलती है टूर की अनुमति: पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी टी डी देवांगन ने बताया कि हम जनपद पंचायत से अप्रूवल के बाद ही भ्रमण में किसानों को भेजते हैं. एक परिवार से एक ही व्यक्ति को जाना है और किसानों को जाना है. पशुपालन विभाग के उपसंचालक देवेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि जनप्रतिनिधि सूची देते हैं. वही अप्रूवल करते हैं. इस बार आरोप लग रहा है कि टूर में सिर्फ 50% किसानों को भेजा गया है.

बालोद: बालोद के पशुधन विकास विभाग के तहत किसानों को उन्नत खेती का गुर सीखाने के लिए टूर पर ले जाना था. लेकिन यहां अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगा है. आरोप है कि अधिकारी अपने चहेतों को भ्रमण पर ले गए. जो असल में किसान हैं वह टूर से छूट गए. बालोद जनपद और गुरुर जनपद दोनों जगह पर मनमाने ढंग से यह काम किया गया. यहां अधिकारियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने मनमाने ढंग से किसानों को भ्रमण पर न ले जाकर अपने चहेते लोगों को टूर पर ले जाने का कार्य किया.

किसानों के भ्रमण के नाम पर घपला: बालोद जनपद पंचायत से टीडी देवांगन को भ्रमण का प्रभारी बनाया गया था. जबकि गुरुर जनपद से पीएन गुप्ता को भ्रमण का प्रभारी बनाया गया. पशुधन विकास विभाग के नोडल अधिकारी टीडी देवांगन ने जानकारी देते हुए बताया कि "एक परिवार से केवल एक ही व्यक्ति को भ्रमण में जाना था परंतु कुछ जगहों पर तो पूरे परिवार को भ्रमण में ले जाया गया. जिसमें एक किसान भी शामिल नहीं है"

गुरुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा हुई गड़बड़ी: भ्रमण के नाम पर सबसे ज्यादा मनमानी बालोद जिले के गुरुर जनपद में देखी गई. जहां पर सभी जनपद सदस्यों एवं उनके परिजनों को भ्रमण में ले जाया गया है. एक तरफ किसानों को ले जाने का दावा पशुधन विकास विभाग कर रही है. जब नोडल अधिकारी टीडी देवांगन को भ्रमण के विषय में बालोद जनपद के संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि "यहां पर केवल जनपद सदस्य और कुछ सरपंचों को ले जाया गया है तो उन्होंने सिरे से मामले को खारिज करते हुए कहा कि सरपंच भी तो किसान हैं"

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किसानों को भ्रमण कराने का क्या था उदेश्य: पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी से जब इस संदर्भ में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बकरी पालन सहित शासकीय संस्था के जो बेहतरीन डेयरी हैं उन्हें देखने और उनसे सीखने के लिए किसानों को भ्रमण पर ले जाया गया. किसानों के नाम पर चाहेतों को यहां पर भ्रमण हेतु विशाखापट्टनम ले जाया जा रहा है और विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम केवल किसानों को ही ले जा रहे हैं. परंतु सच बात तो यह है कि यहां पर जनपद सदस्यों जनप्रतिनिधियों सरपंचों को भ्रमण हेतु ले जाया जा रहा है.

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जनपद पंचायत से मिलती है टूर की अनुमति: पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी टी डी देवांगन ने बताया कि हम जनपद पंचायत से अप्रूवल के बाद ही भ्रमण में किसानों को भेजते हैं. एक परिवार से एक ही व्यक्ति को जाना है और किसानों को जाना है. पशुपालन विभाग के उपसंचालक देवेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि जनप्रतिनिधि सूची देते हैं. वही अप्रूवल करते हैं. इस बार आरोप लग रहा है कि टूर में सिर्फ 50% किसानों को भेजा गया है.

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