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बालोद में 10 साल बाद भारी बारिश से बनी ऐसी स्थिति, देखिए ग्रामीणों का हाल

जिले में हो रही बारिश से लोग काफी परेशान हैं. घरों में पानी भरने से उनका जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.

भारी बारिश से लोग हो रहे हैं परेशान
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Published : Sep 8, 2019, 5:49 PM IST

Updated : Sep 8, 2019, 6:00 PM IST

बालोद: बीती रात 8 घंटे तक भारी बारिश से जिले के लोग काफी परेशान हैं. बालोद के कुंदरूपारा मोहल्ले में बारिश से लगभग 6 से अधिक मकानों में पानी भर गया है. नाले भी उफान पर हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

बालोद में 10 साल बाद भारी बारिश से बनी ऐसी स्थिति

यहां की नालियां नदियों में तब्दील हो गई हैं. वहीं बारिश के पानी के कारण खाने-पीने का सामान खराब हो गया है, तो कहीं बच्चों के पढ़ाई-लिखाई की सामग्री भी भीग चुकी है. अब यहां के लोग सुरक्षित रहने के लिए एक छत की तलाश कर रहे हैं.

10 साल बाद बाढ़ की स्थिति
स्थानियों का कहना है यहां 10 साल बाद ऐसी स्थिति निर्मित हुई है, जिसके चलते घरों में पानी भर गया है और कुछ घर तो ऐसे भी हैं जो डूब चुके हैं. उनके रहने का कोई साधन भी नहीं है वह यत्र तत्र घूमकर अपना गुजारा कर रहे हैं.

पढ़ें - बलौदाबाजार : दो दिनों में दूसरा हादसा, नाले में बहने से बच्चे की मौत, 1 को बचाया

पानी निकालने की गई थी कोशिश
बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास शुक्ला सहित पूरी टीम ने सुबह मोहल्लों में घूमकर पानी निकालने का प्रयास किया, लेकिन कोशिश अब तक अधूरी है. घरों में अब तक पानी भरा हुआ है और निकासी का कोई साधन नहीं है. दरअसल यह मोहल्ला शहर के निचले क्षेत्र में आता है. जहां पानी निकासी का कोई साधन ही नहीं है.

बालोद: बीती रात 8 घंटे तक भारी बारिश से जिले के लोग काफी परेशान हैं. बालोद के कुंदरूपारा मोहल्ले में बारिश से लगभग 6 से अधिक मकानों में पानी भर गया है. नाले भी उफान पर हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

बालोद में 10 साल बाद भारी बारिश से बनी ऐसी स्थिति

यहां की नालियां नदियों में तब्दील हो गई हैं. वहीं बारिश के पानी के कारण खाने-पीने का सामान खराब हो गया है, तो कहीं बच्चों के पढ़ाई-लिखाई की सामग्री भी भीग चुकी है. अब यहां के लोग सुरक्षित रहने के लिए एक छत की तलाश कर रहे हैं.

10 साल बाद बाढ़ की स्थिति
स्थानियों का कहना है यहां 10 साल बाद ऐसी स्थिति निर्मित हुई है, जिसके चलते घरों में पानी भर गया है और कुछ घर तो ऐसे भी हैं जो डूब चुके हैं. उनके रहने का कोई साधन भी नहीं है वह यत्र तत्र घूमकर अपना गुजारा कर रहे हैं.

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पानी निकालने की गई थी कोशिश
बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास शुक्ला सहित पूरी टीम ने सुबह मोहल्लों में घूमकर पानी निकालने का प्रयास किया, लेकिन कोशिश अब तक अधूरी है. घरों में अब तक पानी भरा हुआ है और निकासी का कोई साधन नहीं है. दरअसल यह मोहल्ला शहर के निचले क्षेत्र में आता है. जहां पानी निकासी का कोई साधन ही नहीं है.

Intro:बालोद।

बीती रात से बालक जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में हो रही अनवरत बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है लोग जहां हैं वहां से निकल नहीं पा रहे हैं कई क्षेत्रों की स्थिति यह है कि छोटे छोटे नाले भी नदियों में तब्दील हो गए हैं और खेतों का नाम में तब्दील हो गए वही बालोद जिला मुख्यालय का हाल सबसे ज्यादा बेहाल नजर आया यहां निचली बस्ती जहां से पानी निकलने का कोई साधन नहीं है वहां गली मोहल्लों में पानी भरकर और घरों में भी पानी घुस गया जिसके चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है खाने पीने का सामान भी क्या है किताब पुस्तकें भी बिक चुकी है और लोग अब समय काटने के लिए नए अस्थाई मकान की तलाश कर रहे हैं।


Body:वीओ - बालोद नगर की कुंदरू पारा मोहल्ले में बारिश से लगभग आधा दर्जन से अधिक मकानों में पानी भर गया है उनका जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है खाने पीने के सामान देख चुके हैं पढ़ाई लिखाई के सामान भी बिक चुके हैं अब वे अस्थाई मकान की तलाश में हैं जहां कुछ दिन जीवन यापन कर सके मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि 10 साल बाद ऐसी स्थिति निर्मित हुई है जिसके चलते घरों में पानी भरा हुआ है और कुछ घर तो ऐसे भी हैं जो डूब चुके हैं उनके रहने का कोई साधन भी नहीं है वह यत्र तत्र घूम कर अपना गुजारा कर रहे हैं।

वीओ - बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास शुक्ला सहित टीम द्वारा सुबह मोहल्लों में घूमकर पानी निकालने का प्रयास किया गया परंतु परिणाम अब तक सुनने हैं घरों में अब तक पानी भरा हुआ है और निकासी का कोई साधन नहीं है दरअसल यह मोहल्ला शहर के निचले क्षेत्र में आता है जहां पानी निकासी का कोई साधन ही नहीं है।


Conclusion:बालोद जिले के छोटे बड़े नया नाले भी उफान पर बारिश में अच्छी दवा ही मजाक कर रखती है लोग सुबह से घरों से निकल नहीं पाए हैं दोपहर होते-होते पानी कम हुआ है परंतु अगर और बारिश होती है तो फिर मोहल्ले वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है फिलहाल तो वह अपने अस्थाई आशियाने की तलाश में निकले हुए हैं जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

बाइट - सीता यादव, निवासी कुंदरू पारा बालोद

पीटीसी - दानवीर साहू, संवाददाता बालोद
Last Updated : Sep 8, 2019, 6:00 PM IST
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