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बालोद : नल से निकल रहा लाल पानी, साफ जल के लिए तरस रहे नगरवासी

बालोद के निवासी शुध्द पेयजल के लिए तरस रहे हैं. नालों से गंदा पानी निकल रहा है, जिसके कारण लोग परेशान हैं. वहीं नगर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी शुध्द पेयजल नहीं मिलने का कारण जल आवर्धन योजना को बता रहे हैं.

Problem of drinking water in Balod
बालोद में पेय जल की समस्या
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Published : Jun 10, 2020, 6:31 PM IST

बालोद : नगर प्रशासन नगर में विकास के लिए चाहे कितने भी दावे क्यों न कर ले, लेकिन नगरवासी आज भी शुद्ध पेयजल के तरस रहे हैं. नल खुलते ही टोंटी से गंदा पानी निकलने लगता है. ऐसे में लोग साफ पानी की उम्मीद से बाल्टी लिए नल के पास खड़े रहते हैं, लेकिन नल बंद होता है पर उसमें से साफ पानी नहीं निकलता.

बालोद में पेय जल की समस्या

मुख्य नगरपालिका अधिकारी का कहना है कि, कुछ समय तक गंदा पानी आता है, लेकिन थोड़ी देर बाद नालों से साफ पानी आने लगता है. नगर प्रशासन की ओर से समय- समय पर नल और पाइपों की मरम्मत और संधारण की बात कही गई, लेकिन गंदे पानी से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है.

पढ़ें:-CM भूपेश ने कलेक्टरों से जाना प्रदेश का हाल, कोरोना रोकथाम के कार्यों की समीक्षा

शुध्द पेयजल के लिए आवर्धन योजना का बहाना
नगर निगम के अफसरों से जब भी में शुध्द पेयजल देने के विषय में चर्चा की जाती है, तो वो पूरा ठीकरा जल आवर्धन योजना पर फोड़ देता हैं. जल आवर्धन योजना जो कि, साल 2013 से लंबित है. आज भी लोगों को इसके कारण शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं नगर में बोर से जो पानी सप्लाई तो होता है, वह भी गंदा है, जिस पर नगर पालिका अधिकारी का कहना है कि पाइप बहुत पुराने हैं, जिसके कारण गंदे पानी की सप्लाई हो रही है.

पढ़ें :-कोविड 19 से निपटने के लिए कोरिया प्रशासन मुस्तैद, की जा रही ये तैयारी

30 फीसदी नगरवासी नालों पर निर्भर

मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने बताया कि बालोद नगर पालिका में जल आवर्धन योजना शुरू होने के साथ ही शुद्ध जल मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं नगरवासी नल से गंदा पानी आने की वजह से परेशान हैं और उनमें स्थानीय प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. आर्थिक तौर से सक्षम लोग बाहर से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन 30 फीसदी आबादी नालों पर निर्भर है, वे गंदा पानी पिने के लिए मजबूर हैं.

बालोद : नगर प्रशासन नगर में विकास के लिए चाहे कितने भी दावे क्यों न कर ले, लेकिन नगरवासी आज भी शुद्ध पेयजल के तरस रहे हैं. नल खुलते ही टोंटी से गंदा पानी निकलने लगता है. ऐसे में लोग साफ पानी की उम्मीद से बाल्टी लिए नल के पास खड़े रहते हैं, लेकिन नल बंद होता है पर उसमें से साफ पानी नहीं निकलता.

बालोद में पेय जल की समस्या

मुख्य नगरपालिका अधिकारी का कहना है कि, कुछ समय तक गंदा पानी आता है, लेकिन थोड़ी देर बाद नालों से साफ पानी आने लगता है. नगर प्रशासन की ओर से समय- समय पर नल और पाइपों की मरम्मत और संधारण की बात कही गई, लेकिन गंदे पानी से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है.

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शुध्द पेयजल के लिए आवर्धन योजना का बहाना
नगर निगम के अफसरों से जब भी में शुध्द पेयजल देने के विषय में चर्चा की जाती है, तो वो पूरा ठीकरा जल आवर्धन योजना पर फोड़ देता हैं. जल आवर्धन योजना जो कि, साल 2013 से लंबित है. आज भी लोगों को इसके कारण शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं नगर में बोर से जो पानी सप्लाई तो होता है, वह भी गंदा है, जिस पर नगर पालिका अधिकारी का कहना है कि पाइप बहुत पुराने हैं, जिसके कारण गंदे पानी की सप्लाई हो रही है.

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30 फीसदी नगरवासी नालों पर निर्भर

मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने बताया कि बालोद नगर पालिका में जल आवर्धन योजना शुरू होने के साथ ही शुद्ध जल मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं नगरवासी नल से गंदा पानी आने की वजह से परेशान हैं और उनमें स्थानीय प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. आर्थिक तौर से सक्षम लोग बाहर से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन 30 फीसदी आबादी नालों पर निर्भर है, वे गंदा पानी पिने के लिए मजबूर हैं.

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