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मुश्किल राहों को पार कर डॉक्टर बनने की राह पर किसान की बेटी, परिवार ने कहा- गर्व है

वनांचल क्षेत्र के लिए भी NEET 2020 का रिजल्ट ऐतिहासिक रहा. इस बार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की रहने वाली खिलेश्वरी पिस्दा ने NEET में जैसे कठिन परीक्षा को पास होकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. अब वह डॉक्टर बनकर गांव और अपने परिवार की मदद करना चाहती हैं. खिलेश्वरी की इस सफलता में न सिर्फ उसका परिवार बल्की पूरा वनांचल इस बेटी पर गर्व कर रहा है.

Farmers daughter will become a doctor
किसान की बेटी बनेगी डॉक्टर
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Published : Dec 6, 2020, 2:21 PM IST

बालोद: जिले के वनांचल क्षेत्र की रहने वाली खिलेश्वरी पिस्दा ने नीट जैसे कठिन परीक्षा को पास कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. खिलेश्वरी ने उन सैकड़ों परिवारों को एक संदेश दिया है जो कि संसाधनों का रोना रोते हैं और बेटे और बेटियों में फर्क करते हैं. खिलेश्वरी की इस सफलता में न सिर्फ उसका परिवार बल्की पूरा वनांचल गर्व कर रहा है. ETV भारत से बात करते हुए खिलेश्वरी ने अपनी सफलता के बारे में बताया.

किसान की बेटी बनेगी डॉक्टर

खिलेश्वरी के परिवार वालों का कहा किहमने गरीबी में अपनी बेटी को पढ़ाया है तो हमे उम्मीद है कि वो गरीबी को समझेगी और आगे सेवा भाव से कार्य करेगी. खिलेश्वरी पिस्दा ने बताया कि उनका सपना है कि वो एक दिन डॉक्टर बने. उन्होंने बताया कि कई बार परिवार की समस्याएं देखकर उसका मन भटक जाता था, लेकिन वो अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटीं. डॉक्टर बनने को लेकर खिलेश्वरी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि वे आगे की पढ़ाई के लिए जगदलपुर जाएंगी और खूब मन लगाकर पढ़ाई करेंगी.

बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं

खिलेश्वरी के मां का कहना है कि कि खिलेश्वरी को पढ़ता देख बाकी अभिभावक भी अपनी बेटी को आगे पढ़ाने के बारे में सोचेंगे. उन्होंने कहा कि आज दुनिया आगे बढ़ गया है. ऐसे में बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं रह गया है. आज उनकी बेटी ने ये मुकाम हासिल किया है कल गांव की कोई और बेटी भी आगे बढ़कर प्रदेश का नाम रौशन करेगी बस जरूरत है तो उन्हें मौका देने की.

पढ़ें: बेमेतरा: टॉपर्स और कोरोना योद्धाओं का किया गया सम्मान

बेटी पर है गर्व

खिलेश्वरी के पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने बड़ी मेहनत की है और इस कठिन परीक्षा को पास किया है. वे बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिती ठीक नहीं है ऐसे में खिलेश्वरी का पढ़ना उनके लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के डॉक्टर बनने से उन्हें भी आर्थिक मदद भी मिलेगी.

पढ़ें: JEE की स्टेट टॉपर बनी राजधानी की श्रेया अग्रवाल

आगे की पढ़ाई के लिए जगदलपुर जाएंगी खिलेश्वरी

खिलेश्वरी पिस्दा के पिता डोमन पिस्दा गांव में खेती किसानी और रोजी मजदूरी का कार्य करते हैं. फिर भी उन्होंने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने निरंतर मेहनत किया और आज अपनी बेटी को इस काबिल बनाया हैं कि वे प्रदेश स्तर पर अपना नाम रोशन कर रही हैं. खिलेश्वरी को जगदलपुर के बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला है. आगे की पढ़ाई अब वे जगदलपुर में करेगी वह काफी खुश है कि उसके सपने पूरे होने जा रहे हैं. अपने क्षेत्र के लोगों को भी पढ़ाई में आगे आकर क्षेत्र के नाम रोशन करने की बात कही हैं.

बालोद: जिले के वनांचल क्षेत्र की रहने वाली खिलेश्वरी पिस्दा ने नीट जैसे कठिन परीक्षा को पास कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. खिलेश्वरी ने उन सैकड़ों परिवारों को एक संदेश दिया है जो कि संसाधनों का रोना रोते हैं और बेटे और बेटियों में फर्क करते हैं. खिलेश्वरी की इस सफलता में न सिर्फ उसका परिवार बल्की पूरा वनांचल गर्व कर रहा है. ETV भारत से बात करते हुए खिलेश्वरी ने अपनी सफलता के बारे में बताया.

किसान की बेटी बनेगी डॉक्टर

खिलेश्वरी के परिवार वालों का कहा किहमने गरीबी में अपनी बेटी को पढ़ाया है तो हमे उम्मीद है कि वो गरीबी को समझेगी और आगे सेवा भाव से कार्य करेगी. खिलेश्वरी पिस्दा ने बताया कि उनका सपना है कि वो एक दिन डॉक्टर बने. उन्होंने बताया कि कई बार परिवार की समस्याएं देखकर उसका मन भटक जाता था, लेकिन वो अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटीं. डॉक्टर बनने को लेकर खिलेश्वरी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि वे आगे की पढ़ाई के लिए जगदलपुर जाएंगी और खूब मन लगाकर पढ़ाई करेंगी.

बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं

खिलेश्वरी के मां का कहना है कि कि खिलेश्वरी को पढ़ता देख बाकी अभिभावक भी अपनी बेटी को आगे पढ़ाने के बारे में सोचेंगे. उन्होंने कहा कि आज दुनिया आगे बढ़ गया है. ऐसे में बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं रह गया है. आज उनकी बेटी ने ये मुकाम हासिल किया है कल गांव की कोई और बेटी भी आगे बढ़कर प्रदेश का नाम रौशन करेगी बस जरूरत है तो उन्हें मौका देने की.

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बेटी पर है गर्व

खिलेश्वरी के पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने बड़ी मेहनत की है और इस कठिन परीक्षा को पास किया है. वे बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिती ठीक नहीं है ऐसे में खिलेश्वरी का पढ़ना उनके लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के डॉक्टर बनने से उन्हें भी आर्थिक मदद भी मिलेगी.

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आगे की पढ़ाई के लिए जगदलपुर जाएंगी खिलेश्वरी

खिलेश्वरी पिस्दा के पिता डोमन पिस्दा गांव में खेती किसानी और रोजी मजदूरी का कार्य करते हैं. फिर भी उन्होंने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने निरंतर मेहनत किया और आज अपनी बेटी को इस काबिल बनाया हैं कि वे प्रदेश स्तर पर अपना नाम रोशन कर रही हैं. खिलेश्वरी को जगदलपुर के बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला है. आगे की पढ़ाई अब वे जगदलपुर में करेगी वह काफी खुश है कि उसके सपने पूरे होने जा रहे हैं. अपने क्षेत्र के लोगों को भी पढ़ाई में आगे आकर क्षेत्र के नाम रोशन करने की बात कही हैं.

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