ETV Bharat / state

Balod latest news : मां गंगा मैया मंदिर का दरबार सजा, ज्योति कलश के लिए जानिए नियम !

बालोद जिले के विख्यात शक्तिपीठ मां गंगा मैया मंदिर में चैत्र नवरात्र पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी है. यहां पर 22 मार्च से ज्योति कलश स्थापित की जाएगी. इस वर्ष मां गंगा मैया मंदिर में 801 आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. वहीं मेले को देखते हुए सुरक्षा को भी बढ़ाया गया है. चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी.

Balod latest new
गंगा मईया का पावन धाम
author img

By

Published : Mar 20, 2023, 8:32 PM IST

मां गंगा मैया मंदिर में सजा दरबार

बालोद : मां गंगा मैया मंदिर की आस्था पूरे देश में प्रसिद्ध है. विदेश में भी मां गंगा मैया के भक्त हैं. नवरात्रि के समय इस मंदिर में विदेशी भक्तों को भी देखा जाता है. मंदिर ट्रस्ट के पालक सिंह ठाकुर ने बताया कि '' चैत्र नवरात्रि में इस वर्ष 801 आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. जिसकी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है. 22 मार्च को दोपहर 2 बजे पूजा अर्चना के साथ आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. एक साथ यह द्वीप प्रज्वलित किए जाते हैं. माता के गर्भ गृह से लेकर एक अलग दीप स्थान बनाया गया है. जहां पर कांच के माध्यम से दीप दर्शन की व्यवस्था भी गंगा मैया के माध्यम से की जा रही है.''


गंगा मैया मंदिर की खास सेवा के बारे में जानिए : मां गंगा मैया मंदिर में पूरी सब्जी की सेवा काफी फेमस है. यहां पर रोजाना हजारों लोग पूड़ी सब्जी सेवा का लाभ लेते हैं. आपको बता दें कि शुरुआत के दिनों में पूड़ी सब्जी की सेवा मात्र 2 रुपए से शुरू की गई थी. उसके बाद से लोगों का रुझान इसके प्रति बढ़ा. अब महंगाई बढ़ने के साथ इस मंदिर में पूड़ी सब्जी की कीमत 10 रुपए कर दी गई है. खास बात ये है कि मंदिर में बनने वाली पूड़ी सब्जी का स्वाद आज भी वैसा ही है जैसा पहले था.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ का चमत्कारिक गणेश मंदिर, हर साल बढ़ जाती है प्रतिमा

कैसे हुई मंदिर की स्थापना : मान्यता के अनुसार एक दिन ग्राम सिवनी का एक केंवट मछली पकड़ने के लिए बांधा तालाब में गया. उसने मछली को पकड़ने के लिए नदी में जाल डाला. जब वापस वो मछली इकट्ठा करने के लिए जाल को निकाल रहा था तो देखा जाल में कोई वजनी चीज फंसी है. उसने मछली समझकर जाल को खोला तो दंग रह गया. जिसे वो मछली समझ रहा था वो एक प्रतिमा थी. लेकिन अज्ञानतावश केंवट ने प्रतिमा वापस तालाब में फेंक दी.ऐसा कई बार हुआ.हर बार केंवट प्रतिमा को पत्थर समझकर तालाब में फेंकता गया. एक दिन गांव के गोंड जाति के बैगा को माता ने सपना देकर अपने होने का स्थान बताया. बैगा इसके बाद ग्रामीणों के साथ तालाब में आया और वहां से प्रतिमा निकालकर प्राण प्रतिष्ठा की.

मां गंगा मैया मंदिर में सजा दरबार

बालोद : मां गंगा मैया मंदिर की आस्था पूरे देश में प्रसिद्ध है. विदेश में भी मां गंगा मैया के भक्त हैं. नवरात्रि के समय इस मंदिर में विदेशी भक्तों को भी देखा जाता है. मंदिर ट्रस्ट के पालक सिंह ठाकुर ने बताया कि '' चैत्र नवरात्रि में इस वर्ष 801 आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. जिसकी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है. 22 मार्च को दोपहर 2 बजे पूजा अर्चना के साथ आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. एक साथ यह द्वीप प्रज्वलित किए जाते हैं. माता के गर्भ गृह से लेकर एक अलग दीप स्थान बनाया गया है. जहां पर कांच के माध्यम से दीप दर्शन की व्यवस्था भी गंगा मैया के माध्यम से की जा रही है.''


गंगा मैया मंदिर की खास सेवा के बारे में जानिए : मां गंगा मैया मंदिर में पूरी सब्जी की सेवा काफी फेमस है. यहां पर रोजाना हजारों लोग पूड़ी सब्जी सेवा का लाभ लेते हैं. आपको बता दें कि शुरुआत के दिनों में पूड़ी सब्जी की सेवा मात्र 2 रुपए से शुरू की गई थी. उसके बाद से लोगों का रुझान इसके प्रति बढ़ा. अब महंगाई बढ़ने के साथ इस मंदिर में पूड़ी सब्जी की कीमत 10 रुपए कर दी गई है. खास बात ये है कि मंदिर में बनने वाली पूड़ी सब्जी का स्वाद आज भी वैसा ही है जैसा पहले था.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ का चमत्कारिक गणेश मंदिर, हर साल बढ़ जाती है प्रतिमा

कैसे हुई मंदिर की स्थापना : मान्यता के अनुसार एक दिन ग्राम सिवनी का एक केंवट मछली पकड़ने के लिए बांधा तालाब में गया. उसने मछली को पकड़ने के लिए नदी में जाल डाला. जब वापस वो मछली इकट्ठा करने के लिए जाल को निकाल रहा था तो देखा जाल में कोई वजनी चीज फंसी है. उसने मछली समझकर जाल को खोला तो दंग रह गया. जिसे वो मछली समझ रहा था वो एक प्रतिमा थी. लेकिन अज्ञानतावश केंवट ने प्रतिमा वापस तालाब में फेंक दी.ऐसा कई बार हुआ.हर बार केंवट प्रतिमा को पत्थर समझकर तालाब में फेंकता गया. एक दिन गांव के गोंड जाति के बैगा को माता ने सपना देकर अपने होने का स्थान बताया. बैगा इसके बाद ग्रामीणों के साथ तालाब में आया और वहां से प्रतिमा निकालकर प्राण प्रतिष्ठा की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.