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बालोद: नायब तहसीलदार पर फर्जी नियुक्ति का आरोप, कार्रवाई की मांग - fake recruitment of Kotwar in balod

बालोद के डौंडी विकासखंड में नायब तहसीलदार पर ग्रामीणों ने कोटवार की फर्जी भर्ती करने का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़ित कोटवार और गांव के सरपंच ने नायब तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Sep 10, 2020, 8:35 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 8:44 AM IST

बालोद: डौंडी विकासखंड में नायब तहसीलदार पर फर्जी तरीके से कोटवार की भर्ती करने का आरोप लगा है. तीन महीने बाद जब कोटवार को मानदेय नहीं मिला, तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ. अब इस मामले में पीड़ित और गांव के सरपंच ने नायब तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक, नायब तहसीदार डौंडी के आदेश पर 31 अक्टूबर 2019 को ग्राम पंचायत आड़ेझर के मकसूदन दास को गांव के कोटवार के रूप में नियुक्त किया गया था. नियुक्ति के बाद मकसूदन दास गांव में कुछ महीनों तक कोटवार का कार्य करता रहा. उसके बाद उसने मानदेय के लिए नायब तहसीलदार से बात की. दिन गुजरते गए, लेकिन मानदेय को लेकर कोई सुगबुगाहट उसे नहीं दिखी. उसके बाद मकसूदन ने एसडीएम कार्यालय में जाकर पता किया, तो पता चला कि ग्राम आड़ेझर में कोटवार का कोई पद ही नहीं है और नायब तहसीलदार ने फर्जी नियुक्ति कर अपने पद का दुरुपयोग किया है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना के दौर में युवाओं ने उठाया मोहल्ला क्लास का जिम्मा, 100 से अधिक बच्चों को दे रहे शिक्षा

जुलाई में आदेश को किया गया था निरस्त

आरोप पर नायब तहसीलदार नितिन ठाकुर ने बताया कि डब्ल्यूबीएन शाखा में मुझे जानकारी का अभाव था, इसलिए मैंने 31 अक्टूबर 2019 को कोटवार की नियुक्ति कर दी थी. एसडीएम से पूर्णावलोकन के लिए जानकारी लेने के बाद जब पता चला, तो जुलाई में आदेश को निरस्त कर दिया गया.

बालोद: डौंडी विकासखंड में नायब तहसीलदार पर फर्जी तरीके से कोटवार की भर्ती करने का आरोप लगा है. तीन महीने बाद जब कोटवार को मानदेय नहीं मिला, तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ. अब इस मामले में पीड़ित और गांव के सरपंच ने नायब तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक, नायब तहसीदार डौंडी के आदेश पर 31 अक्टूबर 2019 को ग्राम पंचायत आड़ेझर के मकसूदन दास को गांव के कोटवार के रूप में नियुक्त किया गया था. नियुक्ति के बाद मकसूदन दास गांव में कुछ महीनों तक कोटवार का कार्य करता रहा. उसके बाद उसने मानदेय के लिए नायब तहसीलदार से बात की. दिन गुजरते गए, लेकिन मानदेय को लेकर कोई सुगबुगाहट उसे नहीं दिखी. उसके बाद मकसूदन ने एसडीएम कार्यालय में जाकर पता किया, तो पता चला कि ग्राम आड़ेझर में कोटवार का कोई पद ही नहीं है और नायब तहसीलदार ने फर्जी नियुक्ति कर अपने पद का दुरुपयोग किया है.

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जुलाई में आदेश को किया गया था निरस्त

आरोप पर नायब तहसीलदार नितिन ठाकुर ने बताया कि डब्ल्यूबीएन शाखा में मुझे जानकारी का अभाव था, इसलिए मैंने 31 अक्टूबर 2019 को कोटवार की नियुक्ति कर दी थी. एसडीएम से पूर्णावलोकन के लिए जानकारी लेने के बाद जब पता चला, तो जुलाई में आदेश को निरस्त कर दिया गया.

Last Updated : Sep 10, 2020, 8:44 AM IST
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