बालोद: एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां बताने जा रहे हैं तो दूसरी ओर यहां के अनियमित कर्मचारी छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने मैदान में उतर चुके हैं. बालोद कलेक्ट्रेट के पास जिले के सैकड़ों संविदा कर्मचारी काली पट्टी बांधकर हाथों में काले झंडे और काले गुब्बारे लेकर नजर आए.
अनियमित कर्मचारियों ने बताया कि एक तरफ प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को मुख्यमंत्री बता तो रहे हैं, लेकिन हम संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को मुख्यमंत्री समझें और राहुल गांधी तक भी यह बात पहुंचनी चाहिए कि पर्दे के पीछे इस प्रदेश सरकार की असलियत क्या है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की उपलब्धि तब मानी जाएगी, जब वे अपने सभी अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण करें. इसका लाभ युवा संविदा कर्मियों को मिले. छत्तीसगढ़ में कई युवा संविदा कर्मी हैं, जो इसी के भरोसे सरकार की आस लिए राह तक रहे हैं.
ये हैं प्रमुख मांगें
बालोद के संविदाकर्मियों की मांग है कि प्रदेश सरकार ने सरकार आते ही 10 दिनों के भीतर सभी अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था, साथ ही छंटनी कर जिन संविदा कर्मियों को निकाला गया था उनकी वापसी की बात भी कही गई थी. लेकिन 3 साल बाद भी प्रदेश सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया है. यही वजह है कि हमें आज इस तरह सरकार के खिलाफ आगे आकर लड़ाई लड़ना पड़ रहा है.