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निर्मला घाट की दीवार गिरने को लेकर जांच टीम गठित

बालोद के निर्मला घाट की दीवार गिरने के मामले में जनपद पंचायत ने संज्ञान लेते हुए जांच टीम का गठन कर दिया है. 1 हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए .

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Published : Oct 14, 2020, 3:53 PM IST

Investigation team formed for wall collapse of Nirmala Ghat in balod
निर्मला घाट के दीवार गिरने को लेकर जांच टीम गठित

बालोद: जिले के परसोदा ग्राम पंचायत में शीतला तालाब के निर्मला घाट की दीवार गिरने के मामले में जनपद पंचायत ने संज्ञान लिया है. इसके साथ ही जांच टीम का गठन भी कर दिया गया है. लगभग 10 लाख रुपए की लागत से निर्मला घाट का निर्माण किया गया था, लेकिन कुछ दिनों पहले ही इसकी दीवार भरभरा कर ढह गई. जिसको लेकर वर्तमान सरपंच ने इसकी जानकारी जनपद पंचायत को दी, जिसके बाद मामले में एक्शन लेने की तैयारी शुरू हो गई है.

निर्मला घाट की दीवार गिरने को लेकर जांच टीम गठित

जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुरलीधर शर्मा ने बताया कि पंचायत ने मामले की जानकारी उन्हें दी थी, जिसके बाद से मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं 1 हफ्ते के अंदर जांच की रिपोर्ट दिखाने को कहा गया है.

पढ़ें: पचरी पर 10 लाख की लागत से बनी दीवार ढही, मामला छिपाने में जुटा प्रशासन

परसोदा ग्राम पंचायत में 2 साल पहले दीवार का निर्माण करीब 9 लाख 53 हजार रुपये की लागत से कराया गया था. इसके अलावा तालाब का गहरीकरण भी किया गया था. निर्माण के दो साल बाद मंगलवार को ये दीवार गिर गई. घाट पर लगे कार्य संबंधित बोर्ड में से शब्दों को पुताई कर मिटा दिया गया है. 12 मार्च 2018 को घाट पर काम शुरू किया गया था. जिसमें से 7 लाख 29 हजार रुपये मजदूरी में खर्च किए गए. जबकि 2 लाख 24 हजार रुपये इसके मैटेरियल पर खर्च हुआ.

2018 में कराया गया था दीवार का निर्माण

ग्रामीणों ने बताया कि निर्मला घाट में दीवार का निर्माण साल 2018 में किया गया था. उस समय यहां के सरपंच जितेशवरी साहू थे, लेकिन अब सरपंच बदल चुके है. साथ ही सचिव का भी स्थानांतरण हो चुका है. ऐसे में मामले में किस तरह की कार्रवाई की जाएगी, यह देखना भी दिलचस्प होगा. जनपद पंचायत की मानें तो इस तरह की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जनपद पंचायत ने कहा कि 1 हफ्ते के अंदर किसी भी हाल में जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ग्रामीणों में नाराजगी

दीवार गिरने के बाद ग्रामीणों में इसे लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण इस तरह की भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है.

बालोद: जिले के परसोदा ग्राम पंचायत में शीतला तालाब के निर्मला घाट की दीवार गिरने के मामले में जनपद पंचायत ने संज्ञान लिया है. इसके साथ ही जांच टीम का गठन भी कर दिया गया है. लगभग 10 लाख रुपए की लागत से निर्मला घाट का निर्माण किया गया था, लेकिन कुछ दिनों पहले ही इसकी दीवार भरभरा कर ढह गई. जिसको लेकर वर्तमान सरपंच ने इसकी जानकारी जनपद पंचायत को दी, जिसके बाद मामले में एक्शन लेने की तैयारी शुरू हो गई है.

निर्मला घाट की दीवार गिरने को लेकर जांच टीम गठित

जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुरलीधर शर्मा ने बताया कि पंचायत ने मामले की जानकारी उन्हें दी थी, जिसके बाद से मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं 1 हफ्ते के अंदर जांच की रिपोर्ट दिखाने को कहा गया है.

पढ़ें: पचरी पर 10 लाख की लागत से बनी दीवार ढही, मामला छिपाने में जुटा प्रशासन

परसोदा ग्राम पंचायत में 2 साल पहले दीवार का निर्माण करीब 9 लाख 53 हजार रुपये की लागत से कराया गया था. इसके अलावा तालाब का गहरीकरण भी किया गया था. निर्माण के दो साल बाद मंगलवार को ये दीवार गिर गई. घाट पर लगे कार्य संबंधित बोर्ड में से शब्दों को पुताई कर मिटा दिया गया है. 12 मार्च 2018 को घाट पर काम शुरू किया गया था. जिसमें से 7 लाख 29 हजार रुपये मजदूरी में खर्च किए गए. जबकि 2 लाख 24 हजार रुपये इसके मैटेरियल पर खर्च हुआ.

2018 में कराया गया था दीवार का निर्माण

ग्रामीणों ने बताया कि निर्मला घाट में दीवार का निर्माण साल 2018 में किया गया था. उस समय यहां के सरपंच जितेशवरी साहू थे, लेकिन अब सरपंच बदल चुके है. साथ ही सचिव का भी स्थानांतरण हो चुका है. ऐसे में मामले में किस तरह की कार्रवाई की जाएगी, यह देखना भी दिलचस्प होगा. जनपद पंचायत की मानें तो इस तरह की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जनपद पंचायत ने कहा कि 1 हफ्ते के अंदर किसी भी हाल में जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ग्रामीणों में नाराजगी

दीवार गिरने के बाद ग्रामीणों में इसे लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण इस तरह की भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है.

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