बालोद: 22 हाथियों का दल जिले सीमावर्ती जंगलों में 2 महीनों से घूम रहा है. अब हाथियों का दल रिहायशी इलाकों में पहुंच चुका है. वन विभाग लगातार इनके मूवमेंट में नजर बनाए हुए है. विभाग की टीम ने हाथियों की सुरक्षा के साथ क्षेत्र में जान-माल की रक्षा का जिम्मा उठा रहा है. बता दें 22 हाथियों का दल बालोद और कांकेर के तटीय वन क्षेत्र में विचरण कर रहा था. पिछले दिनों एक व्यक्ति की हाथी के हमले से मौत भी हुई थी.
जिले के जोन D वन परीक्षेत्र और दल्ली वन परिक्षेत्र के जंगलों में हाथियों का दल सक्रिय है. रात होते ही यह रिहायशी इलाकों की ओर दल बढ़ता है. वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि जंगल के समीप अपने घरों से ना निकले और हो सके तो झुंड बनाकर आना-जाना करें. इलाके में लोग रात में अलाव का भी सहारा ले रहे हैं. वन विभाग के रेंजर ने बताया कि यहां पर हाथी लगातार सक्रिय हैं. हम गांव में मुनादी के माध्यम से लोगों को घरों में रहने की सलाह दे रहे हैं.
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धान और फलों से आकर्षित हो रहे हाथी
हाथियों का दल धान और फलों को देखकर रिहायशी क्षेत्रों की ओर आकर्षित हो रहा है. लोग अपनी जान बचाने के लिए रात भर जाग रहे हैं. लोग अलाव का सहारा भी ले रहे हैं ताकि हाथी आग को देखकर घरों की ओर ना बढ़ें. वन विभाग भी लगातार क्षेत्रों की गस्त कर हाथी की निगरानी में जुटा हुआ है. रात को ही क्षेत्र में हाथी नजर आ रहे हैं, सुबह होते ही हाथी जंगलों की ओर वापस लौट जाते हैं.
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हेलीकॉप्टर से हाथियों की निगरानी
22 हाथियों के दल ने अब तक एक व्यक्ति की जान ली है. कुछ घरों को नुकसान भी पहुंचाया है. हलातों को देखते हुए हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी हाथियों की निगरानी की जा रही है. ताकि हाथी ना भटके. वहीं लोगों को सलाह दी जा रही है कि हाथियों से छेड़छाड़ न करें. कोई ऐसी हरकत ना करें जिससे हाथियों को गुस्सा आए.