बालोद: गुंडरदेही विकासखंड के टटेंगा गांव में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए एक 4 महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक क्वॉरेंटाइन में रहते हुए बच्चे की तबीयत बिगड़ी थी. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. साथ ही विधायक ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और अपनी टीम को मामले को समझने के लिए जिला अस्पताल भेजा. जहां उच्च स्तरीय मामले की जांच को लेकर विधायक प्रतिनिधियों ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा.
निषाद दंपत्ति बीते 14 मई को महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लौटे थे. जिसके बाद उन्हें यहां क्वॉरेंटाइन किया गया था. परिजनों ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में बच्चे की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया था. जहां उनके 4 महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई.
परिजनों का हंगामा
बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. वहीं मृतक बच्चे की मां अपने जिगर के टुकड़े के शव को अस्पताल प्रबंधन को नहीं देना चाह रही थी. लेकिन बाद में पुलिस ने किसी तरह से मां को समझाकर बच्चे के शव को लिया और अस्पताल प्रबंधन को सौंपा.
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विधायक और कलेक्टर ने लिया संज्ञान
विधायक और कलेक्टर ने बच्चे की रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने के लिए एम्स से संपर्क किया है. ताकि कानूनी कार्रवाई होने के बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया जा सके. इस मौत के बाद से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ. अब परिजनों ने मामले में उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
कार्रवाई की मांग
परिजनों ने बताय कि जब बच्चे को अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर ने कहा कि इसे यहां लाने की क्या जरुरत है. इसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी किया जा सकता है. वहीं बच्चे के पास जाने से भी डॉक्टर कतराते रहे. परिजनों ने बताया कि पीपीई किट पहनने में भी डॉक्टरों ने काफी समय लगाया. परिजन अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं