बालोद : इन दिनों जिला चिकित्सालय में मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हॉस्पिटल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्वीकृत तो हैं, लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं हुई है. साथ ही यहां रेडियोलॉजिस्ट भी नहीं है. इसके कारण लोगों को निजी चिकित्सालयों की ओर रुख करना पड़ रहा है.
बालोद जिला चिकित्सालय में विगत कई दिनों से सोनोग्राफी रुम बंद है. इसका एकमात्र कारण यह है कि यहां पर सोनोग्राफी करने वाले रेडियोलॉजिस्ट रिटायर्ड हो गए हैं. इसके कारण नए डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है, जिसके कारण यहां के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. न चाहते हुए भी लोगों को मजबूरन में निजी चिकित्सालयों की ओर रूख करना पड़ रहा है.
बिल्डिंग तो है, लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं
बता दें कि इस हॉस्पिटल में बिल्डिंग तो है, लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं. यहां जरूरत के मुताबिक जिला चिकित्सालय के लिए 18 डॉक्टर स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 6 डॉक्टर ही पोस्टेड हैं. इस हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट यानी मनोरोग और हड्डी की बीमारी से परेशान मरीज को अन्य हॉस्पिटलों में रिफर किया जाता है.
18 स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्वीकृत
सिविल सर्जन डॉक्टर श्रीमाली ने बताया कि यहां पर 18 स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 6 डॉक्टर ही यहां पोस्टेड हैं. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की स्थिति क्या होगी. बड़ी समस्या होने पर जिले की जनता को दुर्ग-भिलाई, रायपुर जैसे महानगरों का सहारा लेना पड़ रहा है.