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'जहां पड़ता है सबसे ज्यादा सूखा, वहीं नहीं दी गयी बीमा की राशि' - baold farmer not getting insurance

बालोद के किसानों ने कलेक्टर से फसल बीमा की राशि दिए जाने की मांग की है. किसानों का कहना है कि उनके गांव को बीमा की राशि नहीं दी गई है. जबकि उनका गांव सबसे ज्यादा सूखा ग्रस्त है.

Farmers did not get insurance in balod
बीमा की राशि की मांग
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Published : Jul 3, 2020, 4:55 PM IST

बालोद : जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सुरेगांव के किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. दरअसल, सेवा सहकारी समिति सुरेगांव अंतर्गत लगभग 14 ग्राम आते हैं. इसमें सुरेगांव के किसानों को एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया की तरफ से बीमा की राशि दी गई है. इसके आलावा बचे हुए बाकि गांव के किसानों को बीमा की राशि नहीं दी गई है. इसके कारण किसान काफी परेशान हैं और लगभग सभी किसान बीमा राशि की मांग कर रहे हैं.

बीमा की राशि की मांग
स्थानीय नागरिक चिमन देशमुख ने बताया कि, 'उनके गांव को बीमा राशि से क्यों वंचित किया गया है, यह पता नहीं है. लेकिन उनका गांव अत्यधिक सूखा क्षेत्र में आता है, जिसके कारण किसान काफी परेशान रहते हैं. बीमा कंपनी ने सभी गांव को राशि दी और उनके गांव को छोड़ दिया गया है. इससे ग्रामीण साजिश की आशंका लिए प्रशासन के समक्ष पहुंचे और समस्या से प्रशासन को अवगत कराया है'.

पढ़ें : विरोध प्रदर्शन :सीएम बघेल के 3 हजार पुतले जलाएगी भारतीय जनता युवा मोर्चा

प्रशासन के समक्ष अपनी समस्या रखने के बाद सभी किसान कृषि विभाग के कार्यालय भी पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या बताई. दरअसल जहां पर सबसे अधिक सूखा पड़ता है, वहां किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाले राजस्व के अधिकारी सड़कों से ही आनावारी रिपोर्ट बनाते हैं. इसके कारण किसानों को यह समस्या होती है. किसानों ने बताया कि जांच के बाद कार्रवाई की बात प्रशासन की ओर से की गई है.

बालोद : जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सुरेगांव के किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. दरअसल, सेवा सहकारी समिति सुरेगांव अंतर्गत लगभग 14 ग्राम आते हैं. इसमें सुरेगांव के किसानों को एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया की तरफ से बीमा की राशि दी गई है. इसके आलावा बचे हुए बाकि गांव के किसानों को बीमा की राशि नहीं दी गई है. इसके कारण किसान काफी परेशान हैं और लगभग सभी किसान बीमा राशि की मांग कर रहे हैं.

बीमा की राशि की मांग
स्थानीय नागरिक चिमन देशमुख ने बताया कि, 'उनके गांव को बीमा राशि से क्यों वंचित किया गया है, यह पता नहीं है. लेकिन उनका गांव अत्यधिक सूखा क्षेत्र में आता है, जिसके कारण किसान काफी परेशान रहते हैं. बीमा कंपनी ने सभी गांव को राशि दी और उनके गांव को छोड़ दिया गया है. इससे ग्रामीण साजिश की आशंका लिए प्रशासन के समक्ष पहुंचे और समस्या से प्रशासन को अवगत कराया है'.

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प्रशासन के समक्ष अपनी समस्या रखने के बाद सभी किसान कृषि विभाग के कार्यालय भी पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या बताई. दरअसल जहां पर सबसे अधिक सूखा पड़ता है, वहां किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाले राजस्व के अधिकारी सड़कों से ही आनावारी रिपोर्ट बनाते हैं. इसके कारण किसानों को यह समस्या होती है. किसानों ने बताया कि जांच के बाद कार्रवाई की बात प्रशासन की ओर से की गई है.

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