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कीटों से परेशान धान किसानों ने की मुआवजे की मांग - फसलें पूरी तरह तबाह

जिले के धान किसानों पर कीटों की मार पड़ी है. कीटों की वजह से धान किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फसल बर्बादी से चिंतित किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.

कीटों की मार से धान किसान परेशान
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Published : Nov 12, 2019, 6:11 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 9:49 PM IST

बालोद: एक तरफ धान खरीदी में लेटलतीफी और दूसरी तरफ धान की फसलों में कीटों की वजह से किसान परेशान हैं. ज्यादातर धान किसानों की कीटों की वजह से फसल प्रभावित हुई है. किसान धान संरक्षण के कार्य में लगे हुए हैं. लेकिन कीटों से उन्हें कोई निजात नहीं मिल रही. किसानों ने खुद व्यवस्था कर धान की खेती की और दवाई छिड़क कर कीटों से फसल का बचाव किया. किसानो का कहना है कि जब उन्हें इस मामले में मदद की जरूरत थी तो प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया अब जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कीटनाशक दवाईयां दी जा रही है.

किसानों ने मुआवजे की मांग

किसानों ने बताया कि उन्हें दिन में 6 बार दवाई डालना पड़ रहा है. और अब पूरी फसल बर्बाद है. किसान शासन-प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं. कलेक्टर से मिलने आए किसानों ने बताया कि उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जब किसानों को जरूरत थी तब किसी विभाग से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा था.

किसानों ने मुआवजे की मांग
उन्होंने कहा कि फसल बीमा की राशि जिसको मिलनी चाहिए उसको नहीं मिलती और जिसको नहीं मिलनी चाहिए उनको बार-बार मिल रही है. कीट के प्रकोप के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गई है. जिसमें किसानों को क्षतिपूर्ति की उम्मीद है. शासन को समय-समय पर क्षतिपूर्ति देना चाहिए नहीं तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.

पढे़:कवर्धा: इस साल 16 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
किसान शासन से कीट प्रकोप को लेकर क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से देर से दवाई बांटी जा रही है. जबकि फसल कटाई का समय हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने फसल बीमा के तहत शासन की नीति पर भी सवाल उठाए हैं. कलेक्टर के माध्यम से किसानों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

बालोद: एक तरफ धान खरीदी में लेटलतीफी और दूसरी तरफ धान की फसलों में कीटों की वजह से किसान परेशान हैं. ज्यादातर धान किसानों की कीटों की वजह से फसल प्रभावित हुई है. किसान धान संरक्षण के कार्य में लगे हुए हैं. लेकिन कीटों से उन्हें कोई निजात नहीं मिल रही. किसानों ने खुद व्यवस्था कर धान की खेती की और दवाई छिड़क कर कीटों से फसल का बचाव किया. किसानो का कहना है कि जब उन्हें इस मामले में मदद की जरूरत थी तो प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया अब जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कीटनाशक दवाईयां दी जा रही है.

किसानों ने मुआवजे की मांग

किसानों ने बताया कि उन्हें दिन में 6 बार दवाई डालना पड़ रहा है. और अब पूरी फसल बर्बाद है. किसान शासन-प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं. कलेक्टर से मिलने आए किसानों ने बताया कि उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जब किसानों को जरूरत थी तब किसी विभाग से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा था.

किसानों ने मुआवजे की मांग
उन्होंने कहा कि फसल बीमा की राशि जिसको मिलनी चाहिए उसको नहीं मिलती और जिसको नहीं मिलनी चाहिए उनको बार-बार मिल रही है. कीट के प्रकोप के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गई है. जिसमें किसानों को क्षतिपूर्ति की उम्मीद है. शासन को समय-समय पर क्षतिपूर्ति देना चाहिए नहीं तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.

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मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
किसान शासन से कीट प्रकोप को लेकर क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से देर से दवाई बांटी जा रही है. जबकि फसल कटाई का समय हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने फसल बीमा के तहत शासन की नीति पर भी सवाल उठाए हैं. कलेक्टर के माध्यम से किसानों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

Intro:बालोद

बालोद जिले के किसान इन दिनों कीट प्रकोप के लेकर काफी परेशान हैं वहीं धान खरीदी मिल लेटलतीफी होने के कारण किसानों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है जैसे तैसे फसल को बड़ा कर चुके किसान अब अपनी फसल की सुरक्षा संरक्षण में लगे हैं परंतु उन्हें किसी तरह की सफलता नहीं मिल रही है किसानों ने बताया कि छह छह बार दवाई डाल रहे हैं और पूरी फसल अब बर्बाद है हमें शासन प्रशासन से क्षतिपूर्ति चाहिए।


Body:वीओ - कलेक्टर से मिलने आए किसानों ने बताया कि यहां पर हम जैसे तैसे अपनी फसल बड़ी कर चुके हैं परंतु अब हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने बताया कि किसी विभाग की शुद्धता इतनी हावी है कि जब फसल कटाई के समय है तब किसानों को सस्ती या मुफ्त की दवाई दे रहे हैं जब जरूरत थी तब किसी विभाग द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जा रहा था साथ उन्होंने कहा कि फसल बीमा की राशि जिसको मिलनी चाहिए उसको नहीं मिलती उसको नहीं मिलनी चाहिए उन्हें को बार-बार मिल रही है।

वीओ - आने कृष को नहीं पता है कि किसी विभाग द्वारा सही-सही सहयोग नहीं किया जाता है कीट के प्रकोप के कारण हमारी फसलें पूरी तरह तबाह हो गई है जिसमें हमें अब क्षतिपूर्ति की उम्मीद है शासन को समय-समय पर क्षतिपूर्ति दे देना चाहिए नहीं तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।


Conclusion:किसान सासन से कीट प्रकोप को लेकर क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं और उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा देर से दवाई बाटी जा रहे जबकि फसल कटाई का समय हो गया है इसके साथ ही उन्होंने फसल बीमा के तहत शासन की नीति पर भी सवाल उठाए हैं कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को किसानों ने पत्र लिखा है

बाइट - हृदय राम सिन्हा, किसान

बाइट - लालेंद्र सिंह, किसान
Last Updated : Nov 12, 2019, 9:49 PM IST
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