बालोद: ग्राम अम्लीडीह में मानव उत्थान सेवा समिति और मानव सेवा दल के संयुक्त तत्वाधान में बालोद जिले के अलग-अलग स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों को शिक्षण सामग्री वितरण किया गया. स्टेशनरी सामान वितरण करते हुए बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया गया. स्टेशनरी बांटने में इस संस्था का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.
तीन-चार साल से कर रहे कार्यक्रम
कार्यक्रम के दौरान मानव सेवा दल ने बताया कि विगत तीन-चार वर्षों से वे यह सेवाएं कर रहे हैं. ऐसे कार्यक्रमों के जरिए वे जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा से जोड़ना उनका लक्ष्य है. सेवा दल की सदस्य सुप्रभा बाई ने कहा कि शिक्षण सामग्रियों के अभाव में शिक्षा का स्तर गिर रहा है, उसे संभालना हम सब का फर्ज है. इस तरह के सहयोग से राष्ट्र निर्माण में मदद मिलती है.
सुप्रभा बाई ने बताया कि शिक्षण सामग्रियों के अभाव में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. शासन द्वारा अपने स्तर पर काफी मदद की जाती है लेकिन, इस तरह की मूलभूत सामग्रियां वे नहीं देते है. इसे देखते हुए हम लोग इस कार्यक्रम के माध्यम से ये जरूरी सामान बांट रहे हैं. इस साल हमने एक हजार बच्चों को ये सारे सामान बांटने का लक्ष्य रखा है.
16 हजार किलो सामान बांटकर बनाया रिकार्ड
मानव सेवा दल के प्रांतपाल उग्रसेन पटेल ने बताया कि ऐसे लोग जो सहयोग करने में सक्षम हैं, उनसे हम मदद लेकर जरूरतमंद बच्चों को ये सारे सामान देते हैं. अब तक 6 लाख से अधिक बच्चों को हम किताबें और अन्य सामान बांट चुके हैं. पिछले साल एक आयोजन ऐसा भी था जिसमें 16 हजार किलो स्टेशनरी का सामान वितरित किया गया. जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है.
बच्चों को आध्यात्म से जोड़ने का भी प्रयास
मानव सेवा दल द्वारा यहां आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की मदद करने के साथ-साथ ही उन्हें आध्यात्म से भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इस तरह के सहयोग से शिक्षा के स्तर में वृद्धि होगी. संस्था द्वारा सेंटर में 6 हजार बच्चों को मदद करने का लक्ष्य रखा गया है. एक सेंटर में लगभग 8 से 10 गांव शामिल हैं.