बालोद : बालोद जिले के जिला न्यायालय में सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत एक महिला ने ऐसी मिसाल पेश की है. जिससे हर व्यक्ति को प्रेरणा लेनी चाहिए दरअसल उमेश्वरी जिला न्यायालय में सहायक ग्रेड 3 में अपने पति के जगह अनुकंपा नियुक्ति में कार्य करती है. कोरोना वायरस के संक्रमण काल के दौरान उसके पति की मृत्यु हो गई. उनके पति काफी नेक दिल और समाजसेवी थे. उनका कहना था कि '' हमें बेटियों के लिए कुछ ना कुछ करना चाहिए. जिसके बाद से उनके पति का सपना तो अधूरा रह गया.लेकिन उनकी पत्नी उमेश्वरी ने यह बीड़ा उठाया है. दरअसल उमेश्वरी ने बालोद के शिकारीपाड़ा के 23 बच्चियों का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया है. उसमें प्रतिवर्ष पांच 500 रुपए भी जमा कर रही हैं.''
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पता चला : उमेश्वरी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि '' उमेश्वरी दीदी काफी सक्रिय महिला है और बच्चों से काफी प्रेम करती है उमेश्वरी ने कहा '' जब मैं आंगनबाड़ी पहुंची जब मेरी बच्ची पढ़ती थी. तो मैं यहां उसके अन्य साथियों से भी मिलती थी. तब पता चला कि यहां पढ़ने वाले बच्चे बहुत गरीब हैं और उनके माता-पिता को सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पता नहीं है. किसी भी बालिका का खाता नहीं खुला है. जिसके बाद मैंने एक पहल शुरू की और परिजनों ने भी इसमें अपनी सहमति दिखाई.''
कितने खाते खुलवाए : उमेश्वरी ने बताया कि '' पिछले वर्ष उन्होंने 11 सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया था. इस वर्ष बारह सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाएं हैं इस तरह कुल 23 सुकन्या समृद्धि खाता खुल चुका है.आगे भी यह जारी रहेगा. यदि उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होती है तो वे ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं का खाता खुलवाना चाहेंगी.'' उमेश्वरी सहायक ग्रेड 3 के पद पर हैं और उनकी तनख्वाह 13000 रूपये मात्र है.''
कहां नौकरी करती हैं उमेश्वरी : जब हमने उमेश्वरी के बारे में पता लगाया तो पता चला कि वो जिला न्यायालय में सहायक ग्रेड 3 के पद पर वर्ष 2021 से पदस्थ है. उनके पति की मृत्यु संक्रमण काल में हो गई थी. उनका मूल निवास भिलाई है. लेकिन वो यहां पर किराए के मकान में रहती हैं. उनके पति का नाम स्वर्गीय प्रकाश कुमार सिंह था जो सहायक ग्रेड 2 में पदस्थ थे.''
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बच्चों और आंगनबाड़ी के लिए नेक कार्य : उमेश्वरी ने बेटियों के नाम से खाता खोलने से पहले उनके माता-पिता की अनुमति ली थी. बच्चों के पालकों ने अनुमति दी. तब खाता खुलवाया और उमेश्वरी के इस पहल की पूरे जिले भर में जमकर चर्चा हो रही है. जब डाक घर में बेटियों के नाम से खोले खाते को उनके पालकों मां और पिता को दिया तो उनके इस कार्य की सराहना हुई. इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी उमेश्वरी के इस काम की सराहना की है.