बालोद: जिले के स्कूलों में मिड डे मील में अंडा जाने के विरोध के बाद अब प्रशासन ने दूसरा विकल्प निकाला है. मिड डे मील के वक्त अब स्कूल में शाकाहारी बच्चों को एक तरफ और अंडा खाने वाले बच्चों को दूसरी तरफ बिठाया जा रहा है. अंडा ना खाने वाले बच्चों को उसकी जगह चिक्की और अन्य पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है.
पूरे प्रदेश भर में मिड डे मील में बालोद जिले में सबसे पहले अंडा वितरण की शुरुआत की गई थी. अंडा वितरण करने के साथ ही यहां विरोध का स्वर भी सामने आने लगा था. कबीरपंथी, जैन सहित कई समाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया था. जिसके बाद से शिक्षा विभाग और प्रशासन ने दूसरा निर्णय लिया और अंडे की जगह अन्य पौष्टिक भोजन के तहत चिक्की बांटना शुरू किया है.
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अंडे के साथ दिए जा रहे अन्य पौष्टिक तत्व
विद्यालयों के प्रधान पाठकों ने बताया कि मिड डे मील में अंडे बांटे जाने के विरोध के बाद अब शाकाहारी बच्चों को फल, सोयाबीन और चिक्की दिए जा रहे हैं. ताकि बच्चों को कुपोषण से दूर रखा जाए. शासन प्रशासन इसे पौष्टिक भोजन और सुपोषण के क्षेत्र में अहम कदम बता रहा है. ताकि बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सके.
शाकाहारी बच्चों को अंडे की जगह अन्य पौष्टिक तत्व को दिया जा रहा है. लेकिन अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग के इस फैसले को आम लोग किस तरह से लेते हैं.