बालोद: छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के वनांचलों में हाथियों के रौंदने पर आदिवासियों की लगातार मौत के मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि ''जंगली हाथी आदिवासियों को कुचलकर मौत के घाट उतार रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार सफेद हाथी साबित हो रही है. बालोद जिले (Balod news) में चार आदिवासियों की मौत के लिए कांग्रेस की निकम्मी सरकार जिम्मेदार है.''
कांग्रेस ने किया था वादा: देवलाल ठाकुर के मुताबिक ''कांग्रेस ने चुनाव में वादा किया था कि राज्य में हाथी के हमले से होने वाली मौत पर 10 लाख का मुआवजा देंगे. भूपेश बघेल बताएं कि कितने मृतकों के परिवार को उन्होंने दस दस लाख का मुआवजा दिया है. प्रदेश में हाथियों के हमले से सबसे ज्यादा आदिवासी ही अकाल मौत के शिकार हुए हैं. स्थिति यह है कि सौ में से 95 फीसदी आदिवासी समाज के लोग इनमें शामिल हैं. भूपेश बघेल आदिवासियों के हिमायती होने का भरपूर ढकोसला करते हैं. दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के हित में काम हो रहा है. क्या आदिवासियों को हाथियों के रहमोकरम पर छोड़ देना ही कांग्रेस की नजर में आदिवासी हित का काम है?''
आदिवासियों की जान के दुश्मन: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि अम्बिकापुर से बालोद तक जंगली हाथी आदिवासियों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. भूपेश बघेल सरकार के तमाम वादे और दावे खोखले साबित हो चुके हैं. कहते थे कि हाथियों के खाने का इंतजाम करेंगे. इंसानों का राशन डकारने वाले हाथियों को क्या खिलाएंगे, यह आदिवासियों को भी मालूम है.''
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने बताया कि हाथी के हमले में मृत आदिवासी रामजी सिंगरामे के घर पहुंच कर भारतीय जनता पार्टी जिला बालोद और सर्व आदिवासी समाज ने उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करने का भरोसा दिलाया. भाजपा ने सरकार से मृतक के बच्चे को नौकरी देने और पचास लाख का मुआवजा देने की मांग की है. जब उत्तर प्रदेश में 50 लाख दे सकते हैं तो छत्तीसगढ़ के आदिवासी को क्यों नहीं?
कांग्रेस बनी सफेद हाथी: देवलाल ठाकुर यहीं नहीं रूके. उन्होंने कहा कि ''कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार खुद सफेद हाथी बन कर बैठी हुई है. एक तरफ अपना वादा तो नहीं निभा पा रही दूसरी तरफ आम जनमानस के साथ साथ हाथियों की सुरक्षा भी इनके हाथों से निकल चुकी है. यहां पर आदिवासी लोग तो अपनी जान गवां रहे हैं, वहीं वन्य प्राणियों विशेषकर हाथियों के मौत के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं.''
छत्तीसगढ़ सरकार बनी सफेद हाथी : देवलाल ठाकुर
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने भूपेश सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने जंगली हाथी के उत्पात पर प्रदेश सरकार को घेरा है. बालोद जिले में चार आदिवासियों की मौत के लिए देवलाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
बालोद: छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के वनांचलों में हाथियों के रौंदने पर आदिवासियों की लगातार मौत के मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि ''जंगली हाथी आदिवासियों को कुचलकर मौत के घाट उतार रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार सफेद हाथी साबित हो रही है. बालोद जिले (Balod news) में चार आदिवासियों की मौत के लिए कांग्रेस की निकम्मी सरकार जिम्मेदार है.''
कांग्रेस ने किया था वादा: देवलाल ठाकुर के मुताबिक ''कांग्रेस ने चुनाव में वादा किया था कि राज्य में हाथी के हमले से होने वाली मौत पर 10 लाख का मुआवजा देंगे. भूपेश बघेल बताएं कि कितने मृतकों के परिवार को उन्होंने दस दस लाख का मुआवजा दिया है. प्रदेश में हाथियों के हमले से सबसे ज्यादा आदिवासी ही अकाल मौत के शिकार हुए हैं. स्थिति यह है कि सौ में से 95 फीसदी आदिवासी समाज के लोग इनमें शामिल हैं. भूपेश बघेल आदिवासियों के हिमायती होने का भरपूर ढकोसला करते हैं. दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के हित में काम हो रहा है. क्या आदिवासियों को हाथियों के रहमोकरम पर छोड़ देना ही कांग्रेस की नजर में आदिवासी हित का काम है?''
आदिवासियों की जान के दुश्मन: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि अम्बिकापुर से बालोद तक जंगली हाथी आदिवासियों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. भूपेश बघेल सरकार के तमाम वादे और दावे खोखले साबित हो चुके हैं. कहते थे कि हाथियों के खाने का इंतजाम करेंगे. इंसानों का राशन डकारने वाले हाथियों को क्या खिलाएंगे, यह आदिवासियों को भी मालूम है.''
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने बताया कि हाथी के हमले में मृत आदिवासी रामजी सिंगरामे के घर पहुंच कर भारतीय जनता पार्टी जिला बालोद और सर्व आदिवासी समाज ने उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करने का भरोसा दिलाया. भाजपा ने सरकार से मृतक के बच्चे को नौकरी देने और पचास लाख का मुआवजा देने की मांग की है. जब उत्तर प्रदेश में 50 लाख दे सकते हैं तो छत्तीसगढ़ के आदिवासी को क्यों नहीं?
कांग्रेस बनी सफेद हाथी: देवलाल ठाकुर यहीं नहीं रूके. उन्होंने कहा कि ''कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार खुद सफेद हाथी बन कर बैठी हुई है. एक तरफ अपना वादा तो नहीं निभा पा रही दूसरी तरफ आम जनमानस के साथ साथ हाथियों की सुरक्षा भी इनके हाथों से निकल चुकी है. यहां पर आदिवासी लोग तो अपनी जान गवां रहे हैं, वहीं वन्य प्राणियों विशेषकर हाथियों के मौत के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं.''