बालोद: बालोद के दल्ली राजहरा में बीते 8 सालों से हिंदू नववर्ष विशेष तरह से मनाया जा रहा है. यहां पर हर साल भारत माता की आरती का आयोजन चैत्र नवरात्री के दौरान किया जाता है. जिसमें सर्व समाज शामिल होता है. अब इस काम में लोगों की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है.
नवरात्रि के एक दिन पूर्व होता है आयोजन: नगर के सर्व समाज समरसता समिति से सत्या साहू और संगीता रजक ने बताया कि "नवरात्रि के दिन से ही हिंदू नववर्ष की शुरु होता है. इस दिशा में लोगों की सोच की जो सोच है उसे बदलने का लक्षय लेकर हम चले हैं. जिसका हमें अच्छा परिणाम मिल रहा है. हिंदू नववर्ष सभी हिन्दुओं के दिलों में बसा होना चाहिए. इसलिए नवरात्रि के एक दिन पहले यह आयोजन होगा है."
निकलेगी भव्य झांकी: सर्व समाज समरसता समिति से नंदा पसीने ने आगे बताया कि "नवरात्रि के प्रथम दिवस राम जी की झांकी के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है. जिसमें अपने सनातन वेशभूषा के साथ भव्य शोभयात्रा निकाली जाती है. इस चैत्र नवरात्रि भी भव्य तैयारियां की गई है. यह एक प्रयास है, सब को सनातन संस्कृति से जोड़ने का. यहां हर वर्ग, हर समाज पारंपरिक वेशभूषा में नजर आता है और ऊंच नीच बड़ा छोटा का भाव भूलकर सभी एक संकृति के बंधन में बंध जाते हैं."
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हिन्दू नववर्ष का महत्व: वीणा साहू ने बताया कि "हमारी धर्म और हमारे जो संस्कार हैं वे बेहद प्रचीन समय से चले आ रहे है. आज की जो नई पीढ़ी है वह भटक गयी है. अपने संस्कृति से हमें तो ये भी पता नहीं की हमारा नववर्ष कब से प्रारम्भ होता है. हम तो अंग्रेजों की छोड़ी हुई संस्कृति को अपना कर 31 दिसंबर को नववर्ष समझते थे. परंतु हिंदी केलिन्डर में हमारा नववर्ष का प्रारंभ चैत्रशुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होता है. हिन्दू नव वर्ष साइंटिफिक एंगल से भी बहुत खास है. जब हिन्दू नव वर्ष शुरु होता है. तब बसंत ऋतु भी दस्तक देता है. चैत्र के महीने और हिन्दू नव वर्ष का पहला त्यौहार मां दुर्गा के स्वागत के साथ किया जाता है."