बालोद: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने घोषणापत्र जारी कर दिया है. इस बीच शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने बालोद में प्रेसवार्ता कर घोषणापत्र के बारे में बताया. प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने बीजेपी के घोषणापत्र को 'मोदी की गारंटी 2023' नाम दिया है. उन्होंने कहा कि,"बीजेपी के घोषणा पत्र के मुताबिक हर परिवार को 10 लाख तक मुफ्त उपचार के लिए स्वास्थ्य बीमा मिलेगा. 500 नए जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे. 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ब्याज मुफ्त लोन दिया जाएगा. साथ ही 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा.
बीजेपी की घोषणाओं में किसानों और मजदूरों को लाभ: इस बारे में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि, "किसानों के लिए इस बार घोषणापत्र में काफी कुछ ऐसी बातें हैं, जो सीधे किसानों को फायदा पहुंचाएगी. यहां पर 3100 रुपए समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी. प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी. वहीं, भूमिहीन मजदूरों को प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए दिए जाएंगे."
बीजेपी का घोषणापत्र एक संकल्प: वहीं, भाजपा के जिला महामंत्री देवेंद्र जायसवाल ने कहा कि, "अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है. 22 जनवरी को पीएम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं. छत्तीसगढ़ के गरीब लोगों को रामलाल के दर्शन के लिए अयोध्या ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी का रिकॉर्ड है कि घोषणा पत्र सिर्फ घोषणा पत्र नहीं, एक संकल्प होता है."
बीजेपी ने गरीबों को घर देने का किया वायदा: इसके साथ ही जिला उपाध्यक्ष और मीडिया इंचार्ज राकेश यादव ने कहा कि, "18 लाख गरीबों के लिए हमारी सरकार मकान बनवाएगी. इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण, जो कि आदिवासी वनांचल क्षेत्र के आय के प्रमुख साधन हैं, इसे भी भारतीय जनता पार्टी ने प्रमुखता से लिया है. 5100 प्रति मानक बोरा दर से सरकार तेंदूपत्ता खरीदेगी. धान की राशि टुकड़ों में नहीं बल्कि एक मुश्त दी जाएगी. आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त में किया जाएगा."
घोषणा के आधार पर भाजपा करेगी सत्ता में वापसी: भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष ने कहा कि, "यह छत्तीसगढ़ के लिए समृद्धि घोषणा पत्र है. हम इसका नाम संकल्प पत्र देते हैं.
जहां एक ओर बीजेपी घोषणापत्र को संकल्प पत्र करार दे रही है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस बीजेपी के घोषणा पत्र को जुमलेबाजी और कांग्रेस के घोषणापत्र की कॉपी कह रही है. ऐसे में अब देखना होगा कि छत्तीसगढ़ की जनता बीजेपी के घोषणा पत्र पर भरोसा करती है या फिर कांग्रेस के घोषणाओं पर.